जनसंख्या नियंत्रण के लिए प्रभावी कानून को उच्च स्तरीय समिति -मुख्यमंत्री
देहरादून –मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड, वीर भूमि भी है, जिसे प्रधानमंत्री ने सैन्य धाम की संज्ञा भी दी है। यहां लगभग प्रत्येक परिवार का कोई न कोई सदस्य देश की रक्षा के लिये सैन्य अथवा अर्द्धसैन्य बलों में तैनात रहता है। सरकार शहीद सैनिकों के परिवारजनों के साथ खड़ी है। शहीद सैनिकों के परिवार के एक सदस्य को उसकी योग्यता अनुसार सरकारी नौकरी देने का प्राविधान किया गया है। विशिष्ट सेवा पदक से अलंकृत सैनिकोको अनुमन्य राशि में कई गुना बढ़ोत्तरी की गई है। उत्तराखंड से द्वितीय विश्व युद्ध की वीरांगनाओं एवं पूर्व सैनिकों को प्रतिमाह दी जाने वाली पेंशन को 8 हजार रुपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने का भी निर्णय लिया गया है।मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सम्पूर्ण विश्व, पर्यावरण और क्लाइमेट चेंज की चुनौती के प्रति अत्यंत संवेदनशील है और जनसंख्या वृद्धि इस समस्या को और अधिक बढा रही है। प्रदेश की जनता भी इसको लेकर विशेष रूप से चिंतित है।
प्रदेश मे पलायन और भूमि की अनाधिकृत खरीद-फरोख्त के सम्बन्ध में जनता द्वारा चिंता प्रकट की जा रही है, इस विषय में हमारी सरकार पर्वतीय क्षेत्रों में वेरिफिकेशन ड्राइव शूरू करने जा रही है। इस वेरिफिकेशन के माध्यम से हम ये सुनिश्चित करेंगे कि पहाड़ की संस्कृति एवं सामाजिक परिवेश को सुरक्षित रखा सके पलायन की समस्या की रोकथाम के लिये हम शीघ्र ही उत्तराखण्ड के नौजवानों एवं पूर्व सैनिको की सहायता से केन्द्र सरकार के साथ मिलकर हिम प्रहरी योजना लागू करेंगे। भू-कानून को लेकर जो आशंकायें व्यक्त की गई हैं, उन पर समग्र रूप से विचार के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया जायेगा।जो एक ओर उत्तराखण्ड की भूमि के संरक्षण का ध्यान रखेगी वहीं दूसरी ओर रोजगार एवं निवेश सम्बन्धी विषयों का भी ध्यान रखेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड को लेकर समय-समय पर चिंता व्यक्त की गयी है। हमारी सरकार तीर्थपुरोहितों के अधिकारों तथा जनभावनाओं का हमेशा ध्यान रखेगी। प्रदेश के वरिष्ठ नेता श्री मनोहरकांत ध्यानीजी से इस विषय पर आग्रह किया गया है कि वे देवस्थानम बोर्ड के बारे में सभी वर्गों से राय लेकर एक रिर्पोट प्रस्तुत करें ताकि देवस्थानम बोर्ड के सम्बन्ध में जनभावनाओं के अनुरूप एक सुविचारित निर्णय लिया जा सके।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने युवाओं को रोजगार का सर्वश्रेष्ठ अवसर उपलब्ध कराने की प्रतिज्ञा की है और इस दिशा में मजबूत कदम भी उठाये हैं। विभिन्न विभागों में लगभग 22 से 24 हजार रिक्त पदों और बैकलॉग की रिक्तियों पर भर्ती करने का निर्णय लिया है। सिर्फ सरकारी नौकरी ही नहीं हम युवाओं को स्वरोजगार के लिये भी प्रेरित कर रहे हैं। हमारा मानना है कि हमारे युवा साथी रोजगार मांगने वाले के स्थान पर रोजगार देने वाले बनें। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री स्वरोजगार नैनो उद्यम योजना भी प्रारम्भ की गई है।
अतिथि शिक्षकों का वेतन 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने का निर्णय लिया है। राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एम०बी०बी०एस० इन्टर्न के स्टाईपेंड को 7500 रूपए से बढ़ाकर 17 हजार रूपए प्रतिमाह किया है। संघ लोक सेवा आयोग, पी.सी.एस., एन.डी.ए., सी. डी. एस और उसके समकक्ष प्रतियोगी परीक्षाओं में लिखित परीक्षा पास करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति के आधार पर अभ्यर्थी को साक्षात्कार की तैयारी के लिये 50 हजार रुपए की वित्तीय सहायता दी जायेगी।
कोरोना की सम्भावित तीसरी लहर को देखते हुए सभी आवश्यक व्यवस्थायें सुनिश्चित की गई हैं। सभी जिला अस्पतालों, सी. एच. सी., पी. एच. सी. में पर्याप्त संख्या में ऑक्सीजन, आई.सी.यू., वेंटिलेटर, जरूरी दवाईयों के साथ ही बच्चों के अलग से वार्ड की व्यवस्था की गई है। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान को आगे बढ़ाते हुए हमने मुख्यमंत्री महालक्ष्मी योजना की शुरूआत की है। इसके तहत प्रथम दो बालिकाओं के जन्म पर माता और नवजात कन्या शिशु को मुख्यमंत्री महालक्ष्मी किट उपलब्ध कराई जा रही है। अटल आयुष्मान योजना में राज्य के सभी परिवारों को 5 लाख रूपए वार्षिक की निशुल्क चिकित्सा सुविधा देने वाला उत्तराखण्ड, देश का पहला राज्य है। देशभर के 22 हजार से अधिक अस्पताल इसमें सूचीबद्ध हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार का भी भरपूर सहयोग मिल रहा है। केंद्र सरकार द्वारा एक लाख करोड़ रूपए से अधिक की विभिन्न के परियोजनाएं प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई हैं। 125 किमी लम्बी ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना और 889 किलोमीटर की ऑल वेदर रोड परियोजना पर तेजी से काम किया जा रहा है। बी. आर. ओ द्वारा पिथौरागढ़, चमोली, उत्तरकाशी आदि सीमांत जनपदों में सड़कों और पुलों का निर्माण किया जा रहा है।वह समय दूर नहीं जब दिल्ली से देहरादून केवल 2 घंटे में आ सकेंगे। हरिद्वार-देहरादून का सफर अब केवल 45 मिनिट में पूरा किया जा रहा है।
देहरादून से टिहरी झील के लिए 2-लेन टनल और पीलीभीत-खटीमा राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण के लिए भी केंद्र से सहमति मिली है। वर्षों से रूके हुए डोबराचांटी पुल के पूरा होने से प्रतापनगर और टिहरी के बीच 80 किलोमीटर की दूरी कम हुई है, और क्षेत्र की जनता को राहत मिली है। जौलीग्रांट एयरपोर्ट को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा रहा है। ऊधमसिंहनगर में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट विकसित किया जा रहा है। उत्तराखण्ड पहला राज्य है, जहां उड़ान योजना में हेली सर्विस शुरू की गई है।
दिल्ली-रामनगर कार्बेट इको ट्रेन चलाने की भारत सरकार ने सैद्धांतिक सहमति दी है। टनकपुर बागेश्वर के ब्राडगेज सर्वे और डोईवाला से गंगोत्री यमनोत्री के रेललाइन के सर्वे की भारत सरकार द्वारा सहमति दी गई है। हरिद्वार-देहरादून रेललाइन के दोहरीकरण का कार्य जल्द पूरा किया जाएगा। पिछले 04 वर्षों में केन्द्र सरकार के सहयोग से उत्तराखण्ड में अनेक उच्च स्तरीय संस्थाओं की स्थापना हुई है।
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