पत्रकारों को सरकार की ओर से केवल कागज़ी सहायता
देहरादून – प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण के कारण कई पत्रकार साथी कोरोनावायरस की चपेट में आ गए और उस वायरस से पीड़ित वह व उनके परिवार हो रखे हैं। जिनकी कोई सुध लेने वाला नहीं है।श्रमजीवी पत्रकार यूनियन ने कदम उठाते हुए पत्रकारों की सहायता के लिए कोविड-19 की किट जरूरतमंद पत्रकारों को दे रहे हैं जिन्हें अभी तक सरकार के द्वारा यह किट उपलब्ध नहीं कराई गई है।
कोविड-19 महामारी के बीच योद्धाओं की तरह मैदान में डटकर सामना करने वाले कलम वीरों की दुर्दशा आज वाकई कलम भी रो रही है,पत्रकारों को सरकार की ओर से केवल कागज़ी सहायता की श्रमजीवी पत्रकार यूनियन कड़ी निंदा करता है। जहां सरकार की ओर से पत्रकारों की समस्याओं के लिए नोडल अधिकारियों के नियुक्ति तो की गई है नोडल अधिकारी जिला सूचना अधिकारी हैं जो जिलों के हकीमो के साथ व्यस्त हैं। पत्रकार जो दूसरों की पीड़ा को सरकार तक पहुंचाने का कार्य कर रहे हैं वह भी स्वयं पीड़ित है उनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है अस्पताल में बेड के लिए भी उन्हें स्वयं प्रयास करना पड़ रहा है होम कवरन्टीन पत्रकार को कोविड-19 किट के लिए जगह-जगह फोन करना पड़ रहा है। श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के प्रदेश सचिव विक्रम श्रीवास्तव कड़े शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार पत्रकार हितों में कुठाराघात करेगी तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा सरकार तुरन्त फ्रंट लाइन में कार्य करने वाले पत्रकारों को फ्रंट लांइन वर्कर माने पत्रकारो की रक्षा हेतु सूचना विभाग को निर्देशित करे। ताकि तीरथ सरकार मेें पत्रकार अपने को अकेला न समझे।
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