मुख्यमंत्री के खिलाफ जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई
देहरादून– भारतीय जनता पार्टी उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक् बंशीधर भगत ने उच्चतम न्यायालय द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश को स्थगित किए जाने पर स्वागत करते हुए कहा कि यह आदेश बहुत महत्वपूर्ण है और और मुख्यमंत्री को बदनाम करने तथा सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने वालों को तगड़ा झटका लगा है ।साथ ही कांग्रेस जो इस मामले पर हाय तौबा मचा रही थी के लिए बहुत शर्मनाक स्थिति पैदा हो गई है और वह चेहरा दिखाने लायक़ नहीं रही है।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने एक बयान में कहा कि उच्चतम न्यायालय ने उच्च न्यायालय नैनीताल के उस आदेश जिसमें मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे को स्थगित करने का जो निर्णय दिया है हम उसका स्वागत करते हैं ।यह निर्णय कई अर्थों में महत्वपूर्ण है ।इस निर्णय से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को और सरकार को बदनाम व अस्थिर करने की कोशिश असफल सिद्ध हो गई है और इस षड्यंत्र में शामिल लोगों को झटका लगा है । उच्चतम न्यायालय ने इस बात पर स्वयं आश्चर्य व्यक्त किया है कि इस प्रसंग में न तो मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत पक्षकार थे और न ही याचिका में उनके बारे में कोई प्रार्थना की गई थी।इसके बावजूद उच्च न्यायालय ने जो निर्णय दिया वह सबको आश्चर्य में डालने वाला है । भगत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय में मुख्यमंत्री की ओर से पक्ष रखते हुए वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने यह दलील दी कि यह यह मामला सरकार को अस्थिर करने का षड्यंत्र है और उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग शुरू हो गई है । भगत का कहना था कि अब उच्चतम न्यायालय के निर्णय से मुख्यमंत्री को बदनाम करने सरकार को अस्थिर करने का करने का षड्यंत्र धराशाई हो गया है ।इस षड्यंत्र में लगे तत्वों को गहरा झटका लगा है ।भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कि कांग्रेस व अन्य दल सत्ता प्राप्त करने की छटपटाहट में इतने इतने बेचैन हो गए हैं कि वे अपना विवेक खो बैठे है ।यही कारण है बिना आधार के मामले को उछाल कर वे न केवल मुख्यमंत्री का त्यागपत्र मांगने लगे बल्कि राजभवन कूच कर गए ।इससे साफ है कि कांग्रेस और उनके साथी दल कितने बौखलाए हुए हैं और मतिभ्रम के शिकार हैं ।उन्होंने कहा कि जिस कांग्रेस के नेता स्वयं बड़े बड़े घोटालों में फंसे हैं , जिस पार्टी के अधिकांश पार्टी नेता जमानत पर चल रहे हैं , जिस पार्टी के नेताओं की हरकतों का स्टिंग ऑपरेशन में खुलासा हो चुका है और जिस पार्टी के नेताओं के ख़िलाफ़ सीबीआई जांच चल रही है , उसके नेता जब मुख्यमंत्री रावत के खिलाफ बयानबाजी करते हैं और त्यागपत्र माँगते हैं तो इससे साफ है की वह बहुत बड़ी कुंठा के शिकार हैं और षड्यंत्रों में शामिल हैं।आज उच्चतम न्यायालय के निर्णय से ये कांग्रेस नेता अब चेहरा देखे दिखाने लायक भी नहीं रहे हैं भगत ने कहा कि हम कांग्रेस के किसी भी षड्यंत्र का सामना करने के लिए हम तैयार हैं क्योंकि हमारा पक्ष सच का है और सांच को आंच नहीं होती ।
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