त्रिवेंद्र राज में जनता सड़कों में, आंदोलन को विवश- सिसोदिया

देहरादून–प्रदेश में बीजेपी राज में सभी त्रस्त हो चुके हैं। त्रिवेंद्र रावत की गलत  नीतियों के चलते  युवाओं से लेकर कई संघटनों के लोग  लोग सड़कों पर आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं।  इसी कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है वो है रोडवेज कर्मचारियों का । अपनी 13 सूत्रीय मांगों को लेकर उन्होंने आज पूरे प्रदेश के 34  रोडवेज डिपो पर एक दिवसीय कार्य बहिष्कार किया और मांगे ना माने जाने पर एक हफ्ते बाद, आंदोलन की चेतावनी दी।  रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद ने इस बंद का पहले ही आवाहन किया था,


क्योंंकि इनका कहना था,इनको पहले भी मांग मानने को लेकर आश्वासन दिया गया जो महज कोरे आश्वासन ही साबित हुए। इस  मौके पर देहरादून डिपो में बैठे कर्मचारियों के बीच, आम आदमी पार्टी, प्रदेश प्रवक्ता उमा सिसोदिया कार्यकर्ताओं समेत पहुंची और रोडवेज मुख्यालय जाकर प्रदेश महामंत्री दिनेश चंद्र पंत समेत सभी कर्मचारियों को अपना समर्थन दिया ।  इस दौरान उमा सिसोदिया ने कहा, कि मौजूदा त्रिवेंद्र सरकार अब पूरी तरह से तानाशाही पर उतर आई है। 57 विधायक होने के बावजूद मौजूदा सरकार को सत्ता का ऐसा नशा चढ़ा हुआ है कि मुख्यमंत्री को आम जनता की परेशानियां नजर नहीं आ रही हैं। रोडवेज कर्मचारियों को बीते 4 महीने से वेतन नहीं मिला है जिससे तमाम कर्मचारियों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। कर्मचारी की भुखमरी की नौबत पैदा हो चुकी है लेकिन मुख्यमंत्री को रोडवेज कर्मियों का दर्द नजर नहीं आ रहा है। उमा सिसोदिया ने कहा कि एक ओर करोड़ों रुपए की योजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है रोजगार के गलत आंकड़ों से प्रदेश के युवाओं को गुमराह किया जा रहा है, तो दूसरी ओर रोडवेज कर्मचारियों के साथ साथ कई संगठन आज आंदोलन करने को मजबूर हैं। आखिर यह सोई हुई सरकार कब जागेगी । वहीं प्रदर्शन के दौरान, रोडवेज कर्मचारियों ने कहा कि अगर उनकी मांगे एक हफ्ते के भीतर नहीं मानी गई तो 28 अक्टूबर  से रोडवेज मुख्यालय पर तमाम कर्मचारी बेमियादी धरना शुरू करेंगे।  इन कर्मचारियों की मांग है कि  दिवाली से पहले 2 माह का वेतन भुगतान, रिटायर कर्मियों के देयकों के भुगतान, मृतक आश्रितों को पूर्व की तरह नियुक्ति, वेतन से कटौती वापसी और गलत एसीपी देने पर अधिकारी पर कार्यवाही की जाए।  आप प्रवक्ता उमा ने प्रदेश सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री का काउंटडाउन शुरू हो चुका है ऐसे में मुख्यमंत्री को अब भी संभल जाना चाहिए और जनता के दुख दर्द को समझना चाहिए क्योंकि  2022 में  ये सभी लोग जवाब देने के लिए तैयार हैं।

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