सड़क पर चारों तरफ पानी का सैलाब हो और आपको मदद ना मिले
देहरादून–दून की बारिश ने रोड़ पर पानी ही पानी कर दिया कुछ समय हुई वर्षा ने, नाली बंद पानी सड़कों पर बेह बह रहा था क्या कचहरी क्या आई जी का ऑफिस चारों तरफ पानी ही पानी,लेकिन आज बारिश का भी रूद्ररूप, कोरोना की मार और लॉक डाउन,यकायक यह सब की वजह से जो दिक्कत का सामना करना पड़ा वह कुछ इस प्रकार से हैं। मेरी स्कूटी द्रोणा होटल से पहले पंचर हो गई समय लगभग 1:15 बजे करीब लॉक डाउन का समय शुरु हो चुका था और कहीं कोई दुकान खुली हुई नहीं थी।
कोई पंचर वाला ना होने की वजह से मैंने स्कूटी को धकेल कर निकट के पेट्रोल पंप पर गया सोचा वही पर हवा भरवाकर और कैसे तैसे आगे निकल जाऊंगा लेकिन ट्यूब में हवा ना भरने के कारण और यकायक बहुत तेज बारिश होने से मैं वही पर कुछ समय के लिए रुक गया जब बारिश कुछ कम हुई तो मैं वहां से स्कूटी को धकेलता हुआ कचहरी की तरफ गया सड़कों पर पानी बह रहा था बड़ी कठिनाई से स्कूटी को धक्का देते हुए मैं किसी प्रकार उत्तराखण्ड परिवाहन के वर्कशॉप तक पहुंचा था कि सामने से अरुण आ रहे थे।
उन्होंने कहा क्या हुआ मैंने कहा स्कूटी का टायर पंचर हो गई तो उन्होंने कहा ऐसे-कैसे जाओगे स्कूटी को यहीं दिनेश अग्रवाल के घर पर खड़ी कर दो तो मैंने सोचा यही ठीक है। मैंने दिनेश अग्रवाल के घर में गाड़ी खड़ी कर उन्हें अपनी समस्या कही और वहां से पैदल सीएमआई की तरफ चला गया तो नवीन उनियाल आता दिखाई दिया मैंने उसे आवाज मार कर कहा कि मेरी स्कूटी पंचर हो गई है मुझे जोगीवाला तक छोड़ दो मुझे तो मदद मिल गई लेकिन इस लॉक डाउन में अगर कोई व्यक्ति इस प्रकार फंस जाए तेज बारिश हो रही हो और सड़क पर चारों तरफ पानी का सैलाब हो और आपको मदद ना मिल पाये तो वह किस परेशानी से गुजरेगा यही लिखना मेरा मकसद था।
कोई पंचर वाला ना होने की वजह से मैंने स्कूटी को धकेल कर निकट के पेट्रोल पंप पर गया सोचा वही पर हवा भरवाकर और कैसे तैसे आगे निकल जाऊंगा लेकिन ट्यूब में हवा ना भरने के कारण और यकायक बहुत तेज बारिश होने से मैं वही पर कुछ समय के लिए रुक गया जब बारिश कुछ कम हुई तो मैं वहां से स्कूटी को धकेलता हुआ कचहरी की तरफ गया सड़कों पर पानी बह रहा था बड़ी कठिनाई से स्कूटी को धक्का देते हुए मैं किसी प्रकार उत्तराखण्ड परिवाहन के वर्कशॉप तक पहुंचा था कि सामने से अरुण आ रहे थे।
उन्होंने कहा क्या हुआ मैंने कहा स्कूटी का टायर पंचर हो गई तो उन्होंने कहा ऐसे-कैसे जाओगे स्कूटी को यहीं दिनेश अग्रवाल के घर पर खड़ी कर दो तो मैंने सोचा यही ठीक है। मैंने दिनेश अग्रवाल के घर में गाड़ी खड़ी कर उन्हें अपनी समस्या कही और वहां से पैदल सीएमआई की तरफ चला गया तो नवीन उनियाल आता दिखाई दिया मैंने उसे आवाज मार कर कहा कि मेरी स्कूटी पंचर हो गई है मुझे जोगीवाला तक छोड़ दो मुझे तो मदद मिल गई लेकिन इस लॉक डाउन में अगर कोई व्यक्ति इस प्रकार फंस जाए तेज बारिश हो रही हो और सड़क पर चारों तरफ पानी का सैलाब हो और आपको मदद ना मिल पाये तो वह किस परेशानी से गुजरेगा यही लिखना मेरा मकसद था।
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