ऑनलाइन पूजा का पुरजोर विरोध करेंगे पुरोहित
देहरादून–चार धाम देवस्थानम बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी द्वारा मीडिया में दिए गए बयान के बाद देवभूमि तीर्थ पुरोहित हकहकूक धारी महापंचायत ने कड़ी नाराजगी जाहिर की है । महापंचायत ने सीईओ के उस बयान पर गहरा रोष व्यक्त किया है जिसमें उन्होंने कहा कि मंदिरों की पूजा ऑनलाइन की जा सकती है।
प्रेस को जारी बयान में देवभूमि तीर्थ पुरोहित हकहकूक धारी महापंचायत के प्रवक्ता डॉ बृजेश सती ने कहा कि इन विश्व प्रसिद्ध मंदिरों की पूजा अर्चना सदियों से आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित परंपरा अनुसार की जा रही है । उन्होंने कहा कि मंदिरों की पूजा ऑनलाइन किए जाने संबंधी मीडिया में दिए गया बयान आदि काल से चली आ रही परंपराओ के विरुद्ध है ।गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष व महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार द्वारा यदि ऑनलाइन पूजा कोशिश की जाती है। तो इसका पुरजोर विरोध करेंगे ।उन्होंने कहा कि मां गंगा की चल विग्रह मूर्ति अपने तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार गंगोत्री मंदिर को प्रस्थान करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कई बार देवीय व प्राकृतिक आपदाएं आई, लेकिन इन मंदिरों की पूजा व परंपराएंअक्षुण रही। महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल ने कहा कि इन मंदिरों में हाईटेक पूजा पद्धति शुरू करने के बजाय सरकार को सुविधाएं जुटाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सैकडों तीर्थ पुरोहित अभी भी बाहरी राज्यों में हैं। उनको लाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
प्रेस को जारी बयान में देवभूमि तीर्थ पुरोहित हकहकूक धारी महापंचायत के प्रवक्ता डॉ बृजेश सती ने कहा कि इन विश्व प्रसिद्ध मंदिरों की पूजा अर्चना सदियों से आदि गुरु शंकराचार्य द्वारा स्थापित परंपरा अनुसार की जा रही है । उन्होंने कहा कि मंदिरों की पूजा ऑनलाइन किए जाने संबंधी मीडिया में दिए गया बयान आदि काल से चली आ रही परंपराओ के विरुद्ध है ।गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष व महापंचायत के संयोजक सुरेश सेमवाल ने भी इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि सरकार द्वारा यदि ऑनलाइन पूजा कोशिश की जाती है। तो इसका पुरजोर विरोध करेंगे ।उन्होंने कहा कि मां गंगा की चल विग्रह मूर्ति अपने तयशुदा कार्यक्रम के अनुसार गंगोत्री मंदिर को प्रस्थान करेगी। उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कई बार देवीय व प्राकृतिक आपदाएं आई, लेकिन इन मंदिरों की पूजा व परंपराएंअक्षुण रही। महापंचायत के अध्यक्ष कृष्ण कांत कोटियाल ने कहा कि इन मंदिरों में हाईटेक पूजा पद्धति शुरू करने के बजाय सरकार को सुविधाएं जुटाने का प्रयास करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सैकडों तीर्थ पुरोहित अभी भी बाहरी राज्यों में हैं। उनको लाने का प्रयास किया जाना चाहिए।
Comments
Post a Comment