पुलिस की गिरफ्त में नौ मुन्ना भाई
देहरादून – राजन मैठाणी अनुसचिव उत्तराखण्ड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग द्वारा थाना रायपुर में लिखित तहरीर दी की आयोग द्वारा जनवरी 2018 में आयोजित सहायक अध्यापक एल0टी0 की लिखित प्रतियोगी परीक्षा की ओ0एम0आर0 शीट की स्कैनिंग के दौरान जनपद ऊधमसिंह नगर में 21 अभ्यर्थियों के द्वारा सुनियोजित षडयन्त्र के तहत छदम अभ्यर्थियों के माध्यम से परीक्षा दिये जाने तथा उन अभ्यर्थियों के द्वारा आवेदन पत्र भरते समय ई-मेल के काॅलम में एक ही ई-मेल का प्रयोग किया गया।
जिसकी पुष्टि आयोग द्वारा की गई जांच में भी हुई।इस लिखित तहरीर के आधार पर थाना रायपुर में तत्काल सम्बन्धित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। क्षेत्राधिकारी नगर के नेतृत्व में निरीक्षक राकेश गुसांई, व0उप निरीक्षक जितेन्द्र चौहान, उ0नि0 मनमोहन सिंह, उ0नि0 राहुल कापडी व एसओजी कर्मियों की एक टीम को जनपद ऊधमसिंह नगर रवाना किया गया, चूंकि उक्त प्रकरण 02 वर्ष से अधिक पुराना था तथा इसमें इलेक्ट्रानिक साक्ष्य प्राप्त करने की सम्भावना लगभग नगण्य थी, इसलिये टीम द्वारा मैनुवली कार्य करते हुए आवश्यक साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गयी। गठित टीमों द्वारा जनपद ऊधमसिंह नगर पुलिस के सहयोग से सभी अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में गोपनीय रूप से जानकारियां प्राप्त की गयी तथा जिन अभ्यर्थियों द्वारा छदम अभ्यर्थियों के तौर पर परीक्षा दी गयी थी उनके सम्बन्ध में भी पहचान पत्र से प्राप्त फोटो के आधार पर स्थानीय स्तर पर जानकारियां प्राप्त की गई। एक टीम द्वारा ऊधमसिंह नगर में रूककर लगातार सभी अभ्यर्थियों पर सतर्क दृष्टि रखते हुए उनके पूछताछ की गयी, जिनके द्वारा बताया गया कि उन सभी के फार्म किसी एक्स नाम के व्यक्ति द्वारा भरे गये थे, जिसे उनके द्वारा अपने आँरिजनल डाक्यूमेन्टस दिये गये थे। परीक्षा में पास करवाने की एवज में 02 से ढाई लाख रूपये देने में उनकी सहमति बनी थी। जिसमें से परीक्षा देने से पूर्व 5 से 10 हजार रूपये लिये गये थे। तथा बाकी ₹ का भुगतान परीक्षा पास करने के उपरान्त होना तय हुआ था।इस जानकारी के आधार पर सर्वप्रथम टीम द्वारा परीक्षा फार्म में सभी अभ्यर्थियों द्वारा भरे गये ई-मेल आईडी के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई, परन्तु उसमें कोई खास सफलता नहीं मिली, तत्पश्चात अभ्यर्थियों द्वारा फार्म में भरे इम्प्लायमेंट ऑफिस के रजिस्ट्रेशन नम्बर को चैक किया गया तो वह भी फर्जी पाया गया। फार्म में उल्लेखित मोबाइल नम्बरों में से अधिकतर नम्बर फर्जी थे या वर्तमान में बंद चल रहे थे, उन मोबाइल नम्बबरों के सम्बन्ध मेें बैंको पर जाकर उनसे लिंक हुए एकाउण्टों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तो एक फोन नम्बर से बैंक एकाउण्ट का लिंक होना ज्ञात हुआ, जो सुरेश पुत्र रमेश कासमपुर मुरादाबाद के नाम पर रजिस्टर्ड था। बैंक एकाउण्ट से प्राप्त फोटो को परीक्षा फार्म में लगे फोटो से मिलान कराने पर उस व्यक्ति की तस्दीक हो गयी। जिस पर तत्काल एक टीम को मुरादाबाद रवाना किया गया। टीम द्वारा मुरादाबाद पहुंचकर गोपनीय रूप से उस व्यक्ति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तो उस व्यक्ति का गोपालपुर जूनियर हाईस्कूल में अध्यापक के पद पर कार्य करना ज्ञात हुआ, जिस पर टीम द्वारा प्राप्त पते पर दबिश देकर अभियुक्त सुरेश को गिरफ्तार किया गया, जिसके द्वारा पूछताछ में बताया गया कि उसने अपने एक परिचित सर्वेश यादव निवासी कांठ मुरादाबाद के कहने पर परीक्षा दी थी। जिसके एवज में उसे मोटी धनराशि प्राप्त होनी थी। सर्वेश यादव महदूद कलमी मुरादाबाद में प्राइमरी स्कूल में अध्यापक के पद पर नियुक्त हैं। तथा इस प्रकार के कृत्यों मे पूर्व भी लिप्त रहा है। जिस पर एक टीम को तत्काल सर्वेश कुमार की गिरफ्तारी के लिए रवाना हुई। महदूद कलमी मुरादाबाद से अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। जिसके द्वारा पूछताछ में बताया गया कि उनकी गैंग का मुख्य सरगना देवेन्द्र पुत्र बाल कृष्ण हैैं। जो अमरोहा में फायरमैन के पद पर नियुक्त है, उसी के द्वारा इस सम्पूर्ण योजना को बनाया व अजांम दिया गया था। इस जानकारी पर पुलिस टीम के द्वारा अमरोहा पहुंचकर देवेन्द्र कुमार के सम्बन्ध में गोपनीय रूप से जानकारी प्राप्त की गयी, इसी बीच जनपद ऊधमसिंह नगर में रूकी टीम द्वारा अभ्यर्थियों पर लगातार सतर्क दृष्टि रखी जा रही थी, क्योंकि ये अभ्यर्थी लगातार एक दूसरे के सम्पर्क थेे। मुरादाबाद में पुलिस टीम द्वारा की गयी गिरफ्तारी के पश्चात उनके फरार होने की सम्भावनाए बढ गयी थी। अमरोहा गयी टीम को देवेन्द्र के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुई की परीक्षा के समय वह अमरोहा में नियुक्त था तथा वर्तमान में उसकी नियुक्ति बिलासपुर में चल रही है। जिस पर पुुलिस टीम द्वारा तत्काल् बिलासपुर पहुंचकर अभियुक्त देवेन्द्र को गिरफ्तार किया गया। मुख्य अभियुक्त से हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस टीम द्वारा जनपद ऊधमसिंह नगर पुलिस के सहयोग से प्रकाश में आये 6 अन्य अभियुक्तों अवतार सिंह, अनिल कुमार , अंचल कुमार, सोनू सिंह, धर्मेन्द्र व अंकित कुमार को जसपुर, काशीपुर व अन्य स्थानों से गिरफ्तार किया गया। पुलिस की पूछताछ में अभियुक्त देवेन्द्र कुमार बताया गया कि वह उत्तर प्रदेश में फायरमैन के पद पर नियुक्त है तथा पूर्व में अमरोहा में तैनात था, अमरोहा में तैनाती के दौरान उसकी मुलाकात सर्वेश यादव निवासी अमरोहा से हुई जो महदूद कलमी मुरादाबाद में मानदेय पर प्राइमरी अध्यापक के पद पर कार्य कर रहा था। इसी दौरान उनके द्वारा सरकारी विभाग में होने वाली परीक्षाओं में छदम अभ्यर्थियों के माध्यम से अन्य व्यक्तियों को पास करवाने तथा उसकी एवज में मोटी धनराशि प्राप्त करने की योजना बनाई गयी, इसी बीच सर्वेश यादव द्वारा अपने एक परिचित सुरेश चौहान निवासी अमरोहा जो मुरादाबाद में उसके नजदीक के गांव गोपालपुर में जूनियर हाईस्कूल में अध्यापक के पद पर नियुक्त थे को अपनी योजना से अवगत कराते हुए अपनी गैंग में शामिल कर लिया गया। अपनी इस योजना को मूर्त रूप देने के लिये उन्हें ऐसे अभ्यर्थियों की आवश्यकता थी जिनके एवज में वह छदम अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठाकर उनसे मोटी धनराशि वसूल कर सकें। सर्वेश यादव द्वारा अपनी इस योजना के सम्बन्ध में जसपुर निवासी अवतार सिंह जो बन्दी आरक्षी के पद पर हल्द्वानी जेल में नियुक्त है तथा जिसे वह काफी पहले से जानता था को बताया। अवतार सिंह द्वारा परीक्षा के लिये अपने व आस-पास के गांव के युवकों से सम्पर्क कर उन्हें परीक्षा पास करवाने व इसकी एवज में मोटी धनराशि देने के लिये राजी कर लिया गया तथा स्वंय भी परीक्षा के लिये आवेदन किया गया। योजना के अनुसार उक्त सभी अभ्यर्थियों से सुरेश द्वारा आवश्यक दस्तावेजों को संकलित करते हुए सर्वेश कुमार को सौंपे गये, जिसके द्वारा उक्त सभी दस्तावेजों का मूल्यांकन कर उसी नाम के अन्य छदम परीक्षार्थियों को तैयार कर उनकी सम्पूर्ण जानकारी देवेन्द्र कुमार को दी गयी, देवेन्द्र कुमार द्वारा सभी असली व छदम अभ्यर्थियों के परीक्षा फार्मों को भरकर उनकी फीस अपने खाते से जमा करवायी गयी। योजना के अनुसार उक्त सभी व्यक्ति एक ही पहचान पत्र से कई लोगों के फार्म भरा करते थे तथा उक्त सभी फार्मों पर एक ही ईमेल आईडी डाला करते थे, परीक्षा के दौरान असली अभ्यर्थी द्वारा छदम अभ्यर्थी तथा छदम अभ्यर्थी द्वारा असली अभ्यर्थी का रोल नम्बर ओ0एम0आर0शीट में भरा जाता था। गिरफ्तार अभियुक्त में
देवेन्द्र पुत्र बालकृष्ण निवासी अमरोहा उत्तर प्रदेश, (उत्तर प्रदेश में फायरमैन के पद पर तैनात है तथा अभ्यर्थियों के परीक्षा फार्म भरने का कार्य करता था। ) दूसरा सर्वेश यादव पुत्र मंगू राम निवासी उपरोक्त (प्राइमरी विद्यालय महदूद कलमी मुरादाबाद में मानदेय पर अध्यापक का कार्य करता था, फर्जी अभ्यर्थियों के दस्तावेज तैयार करने का कार्य करता था।) तीसरा सुरेश चैहान पुत्र रमेश चैहान निवासी उपरोक्त(जूनियर हाइस्कूल गोपालपुर में अध्यापक का कार्य करता था तथा छदम अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा में बैठने का कार्य करता था)
चौथा अवतार सिंह पुत्र हरकेश सिंह निवासी जसपुर(अभ्यथी तथा हल्द्वानी जेल में बन्दी आरक्षी के रूप में कार्यरत है )
पांचवां अनिल कुमार पुत्र पूरन सिंह निवासी जसपुर (अभ्यर्थी: आटो पार्टस की दुकान है) छाठा अंचल कुमार पुत्र चरण सिंह निवासी जसपुर (अभ्यर्थी: खेती का कार्य करता है)सातवां सोनू सिंह पुत्र हरपाल सिंह निवासी जसपुर (अभ्यर्थी)आठवां धर्मेन्द्र पुत्र बृजपाल निवासी जसपुर (अभ्यर्थी: सिलाई का कार्य करता है)नौ वां अंकित कुमार पुत्र सुरेश चन्द्र निवासी काशीपुर (अभ्यर्थी: प्राइवेट स्कूल में अध्यापक) चार लोगों की पुलिस को तलाश हैं उनके नाम विजयवीर,मीना राम, रिंकू कुमार,और मौहम्मद जावेदुल्लाह हैं।
जिसकी पुष्टि आयोग द्वारा की गई जांच में भी हुई।इस लिखित तहरीर के आधार पर थाना रायपुर में तत्काल सम्बन्धित धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। क्षेत्राधिकारी नगर के नेतृत्व में निरीक्षक राकेश गुसांई, व0उप निरीक्षक जितेन्द्र चौहान, उ0नि0 मनमोहन सिंह, उ0नि0 राहुल कापडी व एसओजी कर्मियों की एक टीम को जनपद ऊधमसिंह नगर रवाना किया गया, चूंकि उक्त प्रकरण 02 वर्ष से अधिक पुराना था तथा इसमें इलेक्ट्रानिक साक्ष्य प्राप्त करने की सम्भावना लगभग नगण्य थी, इसलिये टीम द्वारा मैनुवली कार्य करते हुए आवश्यक साक्ष्य संकलन की कार्यवाही की गयी। गठित टीमों द्वारा जनपद ऊधमसिंह नगर पुलिस के सहयोग से सभी अभ्यर्थियों के सम्बन्ध में गोपनीय रूप से जानकारियां प्राप्त की गयी तथा जिन अभ्यर्थियों द्वारा छदम अभ्यर्थियों के तौर पर परीक्षा दी गयी थी उनके सम्बन्ध में भी पहचान पत्र से प्राप्त फोटो के आधार पर स्थानीय स्तर पर जानकारियां प्राप्त की गई। एक टीम द्वारा ऊधमसिंह नगर में रूककर लगातार सभी अभ्यर्थियों पर सतर्क दृष्टि रखते हुए उनके पूछताछ की गयी, जिनके द्वारा बताया गया कि उन सभी के फार्म किसी एक्स नाम के व्यक्ति द्वारा भरे गये थे, जिसे उनके द्वारा अपने आँरिजनल डाक्यूमेन्टस दिये गये थे। परीक्षा में पास करवाने की एवज में 02 से ढाई लाख रूपये देने में उनकी सहमति बनी थी। जिसमें से परीक्षा देने से पूर्व 5 से 10 हजार रूपये लिये गये थे। तथा बाकी ₹ का भुगतान परीक्षा पास करने के उपरान्त होना तय हुआ था।इस जानकारी के आधार पर सर्वप्रथम टीम द्वारा परीक्षा फार्म में सभी अभ्यर्थियों द्वारा भरे गये ई-मेल आईडी के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गई, परन्तु उसमें कोई खास सफलता नहीं मिली, तत्पश्चात अभ्यर्थियों द्वारा फार्म में भरे इम्प्लायमेंट ऑफिस के रजिस्ट्रेशन नम्बर को चैक किया गया तो वह भी फर्जी पाया गया। फार्म में उल्लेखित मोबाइल नम्बरों में से अधिकतर नम्बर फर्जी थे या वर्तमान में बंद चल रहे थे, उन मोबाइल नम्बबरों के सम्बन्ध मेें बैंको पर जाकर उनसे लिंक हुए एकाउण्टों के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तो एक फोन नम्बर से बैंक एकाउण्ट का लिंक होना ज्ञात हुआ, जो सुरेश पुत्र रमेश कासमपुर मुरादाबाद के नाम पर रजिस्टर्ड था। बैंक एकाउण्ट से प्राप्त फोटो को परीक्षा फार्म में लगे फोटो से मिलान कराने पर उस व्यक्ति की तस्दीक हो गयी। जिस पर तत्काल एक टीम को मुरादाबाद रवाना किया गया। टीम द्वारा मुरादाबाद पहुंचकर गोपनीय रूप से उस व्यक्ति के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की गयी तो उस व्यक्ति का गोपालपुर जूनियर हाईस्कूल में अध्यापक के पद पर कार्य करना ज्ञात हुआ, जिस पर टीम द्वारा प्राप्त पते पर दबिश देकर अभियुक्त सुरेश को गिरफ्तार किया गया, जिसके द्वारा पूछताछ में बताया गया कि उसने अपने एक परिचित सर्वेश यादव निवासी कांठ मुरादाबाद के कहने पर परीक्षा दी थी। जिसके एवज में उसे मोटी धनराशि प्राप्त होनी थी। सर्वेश यादव महदूद कलमी मुरादाबाद में प्राइमरी स्कूल में अध्यापक के पद पर नियुक्त हैं। तथा इस प्रकार के कृत्यों मे पूर्व भी लिप्त रहा है। जिस पर एक टीम को तत्काल सर्वेश कुमार की गिरफ्तारी के लिए रवाना हुई। महदूद कलमी मुरादाबाद से अभियुक्त को गिरफ्तार किया गया। जिसके द्वारा पूछताछ में बताया गया कि उनकी गैंग का मुख्य सरगना देवेन्द्र पुत्र बाल कृष्ण हैैं। जो अमरोहा में फायरमैन के पद पर नियुक्त है, उसी के द्वारा इस सम्पूर्ण योजना को बनाया व अजांम दिया गया था। इस जानकारी पर पुलिस टीम के द्वारा अमरोहा पहुंचकर देवेन्द्र कुमार के सम्बन्ध में गोपनीय रूप से जानकारी प्राप्त की गयी, इसी बीच जनपद ऊधमसिंह नगर में रूकी टीम द्वारा अभ्यर्थियों पर लगातार सतर्क दृष्टि रखी जा रही थी, क्योंकि ये अभ्यर्थी लगातार एक दूसरे के सम्पर्क थेे। मुरादाबाद में पुलिस टीम द्वारा की गयी गिरफ्तारी के पश्चात उनके फरार होने की सम्भावनाए बढ गयी थी। अमरोहा गयी टीम को देवेन्द्र के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त हुई की परीक्षा के समय वह अमरोहा में नियुक्त था तथा वर्तमान में उसकी नियुक्ति बिलासपुर में चल रही है। जिस पर पुुलिस टीम द्वारा तत्काल् बिलासपुर पहुंचकर अभियुक्त देवेन्द्र को गिरफ्तार किया गया। मुख्य अभियुक्त से हुई पूछताछ के आधार पर पुलिस टीम द्वारा जनपद ऊधमसिंह नगर पुलिस के सहयोग से प्रकाश में आये 6 अन्य अभियुक्तों अवतार सिंह, अनिल कुमार , अंचल कुमार, सोनू सिंह, धर्मेन्द्र व अंकित कुमार को जसपुर, काशीपुर व अन्य स्थानों से गिरफ्तार किया गया। पुलिस की पूछताछ में अभियुक्त देवेन्द्र कुमार बताया गया कि वह उत्तर प्रदेश में फायरमैन के पद पर नियुक्त है तथा पूर्व में अमरोहा में तैनात था, अमरोहा में तैनाती के दौरान उसकी मुलाकात सर्वेश यादव निवासी अमरोहा से हुई जो महदूद कलमी मुरादाबाद में मानदेय पर प्राइमरी अध्यापक के पद पर कार्य कर रहा था। इसी दौरान उनके द्वारा सरकारी विभाग में होने वाली परीक्षाओं में छदम अभ्यर्थियों के माध्यम से अन्य व्यक्तियों को पास करवाने तथा उसकी एवज में मोटी धनराशि प्राप्त करने की योजना बनाई गयी, इसी बीच सर्वेश यादव द्वारा अपने एक परिचित सुरेश चौहान निवासी अमरोहा जो मुरादाबाद में उसके नजदीक के गांव गोपालपुर में जूनियर हाईस्कूल में अध्यापक के पद पर नियुक्त थे को अपनी योजना से अवगत कराते हुए अपनी गैंग में शामिल कर लिया गया। अपनी इस योजना को मूर्त रूप देने के लिये उन्हें ऐसे अभ्यर्थियों की आवश्यकता थी जिनके एवज में वह छदम अभ्यर्थियों को परीक्षा में बैठाकर उनसे मोटी धनराशि वसूल कर सकें। सर्वेश यादव द्वारा अपनी इस योजना के सम्बन्ध में जसपुर निवासी अवतार सिंह जो बन्दी आरक्षी के पद पर हल्द्वानी जेल में नियुक्त है तथा जिसे वह काफी पहले से जानता था को बताया। अवतार सिंह द्वारा परीक्षा के लिये अपने व आस-पास के गांव के युवकों से सम्पर्क कर उन्हें परीक्षा पास करवाने व इसकी एवज में मोटी धनराशि देने के लिये राजी कर लिया गया तथा स्वंय भी परीक्षा के लिये आवेदन किया गया। योजना के अनुसार उक्त सभी अभ्यर्थियों से सुरेश द्वारा आवश्यक दस्तावेजों को संकलित करते हुए सर्वेश कुमार को सौंपे गये, जिसके द्वारा उक्त सभी दस्तावेजों का मूल्यांकन कर उसी नाम के अन्य छदम परीक्षार्थियों को तैयार कर उनकी सम्पूर्ण जानकारी देवेन्द्र कुमार को दी गयी, देवेन्द्र कुमार द्वारा सभी असली व छदम अभ्यर्थियों के परीक्षा फार्मों को भरकर उनकी फीस अपने खाते से जमा करवायी गयी। योजना के अनुसार उक्त सभी व्यक्ति एक ही पहचान पत्र से कई लोगों के फार्म भरा करते थे तथा उक्त सभी फार्मों पर एक ही ईमेल आईडी डाला करते थे, परीक्षा के दौरान असली अभ्यर्थी द्वारा छदम अभ्यर्थी तथा छदम अभ्यर्थी द्वारा असली अभ्यर्थी का रोल नम्बर ओ0एम0आर0शीट में भरा जाता था। गिरफ्तार अभियुक्त में
देवेन्द्र पुत्र बालकृष्ण निवासी अमरोहा उत्तर प्रदेश, (उत्तर प्रदेश में फायरमैन के पद पर तैनात है तथा अभ्यर्थियों के परीक्षा फार्म भरने का कार्य करता था। ) दूसरा सर्वेश यादव पुत्र मंगू राम निवासी उपरोक्त (प्राइमरी विद्यालय महदूद कलमी मुरादाबाद में मानदेय पर अध्यापक का कार्य करता था, फर्जी अभ्यर्थियों के दस्तावेज तैयार करने का कार्य करता था।) तीसरा सुरेश चैहान पुत्र रमेश चैहान निवासी उपरोक्त(जूनियर हाइस्कूल गोपालपुर में अध्यापक का कार्य करता था तथा छदम अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा में बैठने का कार्य करता था)
चौथा अवतार सिंह पुत्र हरकेश सिंह निवासी जसपुर(अभ्यथी तथा हल्द्वानी जेल में बन्दी आरक्षी के रूप में कार्यरत है )
पांचवां अनिल कुमार पुत्र पूरन सिंह निवासी जसपुर (अभ्यर्थी: आटो पार्टस की दुकान है) छाठा अंचल कुमार पुत्र चरण सिंह निवासी जसपुर (अभ्यर्थी: खेती का कार्य करता है)सातवां सोनू सिंह पुत्र हरपाल सिंह निवासी जसपुर (अभ्यर्थी)आठवां धर्मेन्द्र पुत्र बृजपाल निवासी जसपुर (अभ्यर्थी: सिलाई का कार्य करता है)नौ वां अंकित कुमार पुत्र सुरेश चन्द्र निवासी काशीपुर (अभ्यर्थी: प्राइवेट स्कूल में अध्यापक) चार लोगों की पुलिस को तलाश हैं उनके नाम विजयवीर,मीना राम, रिंकू कुमार,और मौहम्मद जावेदुल्लाह हैं।
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