देहरादून – अभी भारतवर्ष कोरोनावायरस के सेकंड स्टेप को पार कर थर्ड स्टेप पर पहुंचने वाला हैं। जहां पर हमें बहुत ज्यादा एहतियात बरतने की जरूरत हैं। ताकि हम थर्ड स्टेप को आसानी से पार कर सके और अपने आप को बचाए रखें क्योंकि चाइना इटली ईरान फर्स्ट और सेकंड स्टेप तक कम कोरोनावायरस ग्रस्त थे। वो थर्ड स्टेप में ही वहां के नागरिक ज्यादातर कोरोनावायरस से ग्रस्त हुए थे। कोरोना की चपेट में आए थे। इसलिए भारत को इसमें ज्यादा ध्यान देना होगा और अपने आप को भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचाना हैं। कोरोना वायरस को जहां दुनिया के देशों ने महामारी घोषित किया हैं। वहीं उत्तराखंड सरकार ने भी इसे महामारी घोषित की हैं। तो वहीं देहरादून के रेलवे स्टेशन में हर आने और जाने वाली गाड़ियों को सैनिटाइज किया जा रहा हैं। किस प्रकार से रेलवे कर्मचारी हर गाड़ी को सैनिटाइज करते है। रेलवे के कर्मचारी उसमें फागिंग करते हैं। और पैस्ट कंट्रोल करते हैं। और रेल की एक-एक चीज को बहुत ही बारीकी से सफाई करते हैं। जहाँ पर यात्री का हाथ लगता हैं।
ताकि किसी भी प्रकार से कोरोना का वायरस ना फैले लेकिन यह तो दून के रेलवे स्टेशन की बात है। जो कि अंतिम रेलवे स्टेशन हैं। रेल गाड़ी आने के बाद वाशिंग लाइन में जाती है और जहां इसकी साफ सफाई होती हैं। लेकिन जब रेल गाड़ी देहरादून रेलवे स्टेशन से निकल जाती हैं। उसके बाद जब वह हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर पहुंचती हैं। तब वहां पर यात्री उतरते और चढ़ते हैं लेकिन तब रेल के कोचों को सैनिटाइज करने की बात नहीं हो पाती क्योंकि उस दौरान रेल में यात्री मौजूद रहते है। और उसे अच्छी प्रकार से सैनिटाइज करने में समय लग सकता हैं। तो इसलिए कोरोना वायरस का प्रकोप कहीं ना कहीं रेलगाड़ी में बना रहता हैं। अब देहरादून से दिल्ली तक कितने स्टेशन पड़ते हैं। जिनमें सैकड़ों यात्री उतरते और चढ़ते होंगे तो हर स्टेशन पर रेलगाड़ी को सैनिटाइज किया जाए तो यह संभव नहीं हो सकता हैं। जिसके कारण कोरोना वायरस का खतरा रेलगाड़ी में बना रहता हैं। और यह एक दूसरे में फैलने का माध्यम बन सकता हैं। अब सरकार और रेलवे विभाग को इसके बारे में भी सोचना होगा और इसका कोई ना कोई हल खोजना होगा जिससे ट्रेन में जब नया यात्री चढ़े तो कोच को कैसे सैनिटाइज करें।
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