फ्रांस में अंतरराष्ट्रीय बुक फेयर में आचार्य बाल कृष्णा को आमंत्रित
हरिद्वार– फ्रांस में पतंजलि तथा तीर्थ नगरी हरिद्वार के लिए विशेष आकर्षण है। उन्होंने कहा कि मुझे भारतीय संस्कृति तथा हिन्दू परम्परा के प्रति बहुत लगाव है। मैं काशी भी गया था तथा अब हरिद्वार व पतंजलि भ्रमण के लिए आया हूँ। क्योंकि पतंजलि ही एकमात्र ऐसी संस्था हैं। जिसने प्राचीन ऋषि-महर्षियों के ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़कर विश्व के कोने-कोने तक पहुँचाने का काम किया है। उसी विज्ञान को देखने की मेरी प्रबल इच्छा थी, जिस कारण मैं यहाँ आया हूँ।
उन्होंने कहा कि मैं यह देखकर बहुत प्रसन्न हूँ कि मैं जैसा महसूस करता था, उससे कहीं बढ़कर मैंने पतंजलि की गतिविधियों को पाया। यह एक दिव्य अनुभूति हैं। स्वामी रामदेव के मार्गदर्शन में संन्यासियों की एक श्रृंखला तैयार की जा रही है। आचार्य जहाँ संस्कृति रक्षा के लिए स्वयं प्रयासरत हैं, वहीं सैकड़ों संन्यासियों ब्रह्मचारियों के माध्यम से जो कार्य आगे बढ़ रहा है उसको देखकर मैं बहुत प्रसन्न हूँ।उन्होंने कहाकि
फ्रांस में हाल ही में व्यापक स्तर पर एक अंतरराष्ट्रीय बुक फेयर संचालित होने जा रहा है जिसके लिए मैं विशेष रूप से आचार्य बाल कृष्णा को आमंत्रित करने आया हूँ। मेरा निवेदन है कि आचार्य बाल कृष्णा इस बुक फेयर में आएँ और अपने उद्बोधन से हमें शुभकामनाएँ दें। साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमें योग-आयुर्वेद के साथ जोड़ें। उन्होंने योग-आयुर्वेद के संदर्भ में फ्रांस सरकार के साथ एक एम.ओ.यू. करने की इच्छा भी प्रकट की।
फ्रांसिसी राजदूत ने पतंजलि अनुसंधान संस्थान, वैदिक गुरुकुलम् तथा पतंजलि योगपीठ का भ्रमण किया। उन्होंने पतंजलि अनुसंधान संस्थान स्थित हर्बल गार्डन में एक पौधा भी रोपित किया। ज्ञात हो कि राजदूत भारतीय संस्कृति के प्रति निष्ठा रखने के साथ-साथ एक अच्छे फोटोग्राफर भी हैं। वे पतंजलि का भ्रमण कर अभिभूत हुए तथा स्वयं को पतंजलि परिसर के फोटो खींचने से नहीं रोक पाए।इस अवसर पर रोमेन ओटल, अनिल मिश्रा तथा रूड़की की एस.डी.एम. नमामी बंसल भी उपस्थित रहीं।
उन्होंने कहा कि मैं यह देखकर बहुत प्रसन्न हूँ कि मैं जैसा महसूस करता था, उससे कहीं बढ़कर मैंने पतंजलि की गतिविधियों को पाया। यह एक दिव्य अनुभूति हैं। स्वामी रामदेव के मार्गदर्शन में संन्यासियों की एक श्रृंखला तैयार की जा रही है। आचार्य जहाँ संस्कृति रक्षा के लिए स्वयं प्रयासरत हैं, वहीं सैकड़ों संन्यासियों ब्रह्मचारियों के माध्यम से जो कार्य आगे बढ़ रहा है उसको देखकर मैं बहुत प्रसन्न हूँ।उन्होंने कहाकि
फ्रांस में हाल ही में व्यापक स्तर पर एक अंतरराष्ट्रीय बुक फेयर संचालित होने जा रहा है जिसके लिए मैं विशेष रूप से आचार्य बाल कृष्णा को आमंत्रित करने आया हूँ। मेरा निवेदन है कि आचार्य बाल कृष्णा इस बुक फेयर में आएँ और अपने उद्बोधन से हमें शुभकामनाएँ दें। साथ ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमें योग-आयुर्वेद के साथ जोड़ें। उन्होंने योग-आयुर्वेद के संदर्भ में फ्रांस सरकार के साथ एक एम.ओ.यू. करने की इच्छा भी प्रकट की।
फ्रांसिसी राजदूत ने पतंजलि अनुसंधान संस्थान, वैदिक गुरुकुलम् तथा पतंजलि योगपीठ का भ्रमण किया। उन्होंने पतंजलि अनुसंधान संस्थान स्थित हर्बल गार्डन में एक पौधा भी रोपित किया। ज्ञात हो कि राजदूत भारतीय संस्कृति के प्रति निष्ठा रखने के साथ-साथ एक अच्छे फोटोग्राफर भी हैं। वे पतंजलि का भ्रमण कर अभिभूत हुए तथा स्वयं को पतंजलि परिसर के फोटो खींचने से नहीं रोक पाए।इस अवसर पर रोमेन ओटल, अनिल मिश्रा तथा रूड़की की एस.डी.एम. नमामी बंसल भी उपस्थित रहीं।
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