गुलदार की खाल के साथ दो अंतरराज्यीय तस्कर गिरफ्तार
देहरादून– गुलदार की खाल के साथ वन्य जीव जंतु के अंगों की तस्करी करने वाले दो अंतरराज्यीय तस्कर धर्म सिंह पुत्र सब्बल सिंह निवासी भूपाऊ चकराता हाल टोंस कालोनी देहरादून, उम्र 30 वर्ष करीब,चन्दर सिंह चौहान पुत्र नदिया चौहान गांव बूरलिया थाना चकराता देहरादून उम्र 35 वर्ष करीब को गिरफ्तार किया हैं।कई दिनों पूर्व वन्य जीव अपराध नियत्रण ब्यूरो नई दिल्ली द्वारा सूचना दी गई थी कि उन्हें थाना कैंट क्षेत्र में वन्य जीवों के अंगों की तस्करी करने वाले गिरोह के सक्रिय होने की गोपनीय जानकारी प्राप्त हुई हैं।
जिस पर पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्ष मामले की गंभीरता के दृष्टिगत अंततर्राज्यीय शातिर तस्करो की धरपकड़ के लिए प्रभारी कैन्ट के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित कर विशेष अभियान चलाया गया। अभियान के तहत गठित टीम द्वारा दो व्यक्ति अनारवाला क्षेत्र मे गुलदार/तेंदुआ की खाल के साथ आये हैं।जो उसे बेचने के लिए घूम रहे हैं। इस सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए मुखबिर की निशानदेही पर दो अभियुक्तों को गुलदार/तेंदुआ की एक खाल के साथ भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 संशोधन 2006 की धारा 9/39(1)(2)/50/51में स्प्लेंडर मोटरसाइकिल UK16 A 7078 के साथ गिरफ्तार कर मौके पर डिप्टी रेंजर सतबीर सिंह को बुलाया गया, जिनके द्वारा उक्त खाल को तस्दीक करते हुए बताया कि उक्त खाल 8 से 10 वर्ष के व्यस्क गुलदार की खाल है।इसकी कीमत लगभग 500000 रुपए हैं।पूछताछ का विवरण : अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम दोनों एक दूसरे को कई सालों से जानते हैं, हमारी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण हमें पैसों की सख्त आवश्यकता थी, जिसके लिए हमने वन्यजीवों को मारकर उसकी खाल एवं अंगों को ऊंचे दामो में बेचने की योजना बनाई। योजना के अनुरूप कुछ महीने पहले हमने चकराता के जंगल में एक तेंदूआ, जिसकी खाल की मार्केट में काफी डिमांड रहती है, को गोली से मारा। फिर उसकी खाल/अंग वहीं पर बेचने का प्रयास भी किया परन्तु लोकल क्षेत्र में पुलिस के डर से हमारी खाल किसी ने नही ली, तो हमने देहरादून में इस गुलदार की खाल को बेचने की योजना बनाई और योजना के अनुरूप हम दोनो कई दिनों से देहरादून में खाल बेचने के लिए ग्राहक तलाश कर रहे थे, आज भी हम खुद को पुलिस और वन विभाग की चेकिंग से बचते-बचाते शहर के बाहर वाले रास्तों से होते हुए कैंट क्षेत्र अनारवाला से राजपुर रोड जा रहे थे, बरामद माल तेंदुआ की खाल लंबाई करीब 8 फिट 5 इंच और चैड़ाई करीब 5 फिट 3 इंच हैं।
जिस पर पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्ष मामले की गंभीरता के दृष्टिगत अंततर्राज्यीय शातिर तस्करो की धरपकड़ के लिए प्रभारी कैन्ट के नेतृत्व में पुलिस टीम गठित कर विशेष अभियान चलाया गया। अभियान के तहत गठित टीम द्वारा दो व्यक्ति अनारवाला क्षेत्र मे गुलदार/तेंदुआ की खाल के साथ आये हैं।जो उसे बेचने के लिए घूम रहे हैं। इस सूचना पर त्वरित कार्यवाही करते हुए मुखबिर की निशानदेही पर दो अभियुक्तों को गुलदार/तेंदुआ की एक खाल के साथ भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 संशोधन 2006 की धारा 9/39(1)(2)/50/51में स्प्लेंडर मोटरसाइकिल UK16 A 7078 के साथ गिरफ्तार कर मौके पर डिप्टी रेंजर सतबीर सिंह को बुलाया गया, जिनके द्वारा उक्त खाल को तस्दीक करते हुए बताया कि उक्त खाल 8 से 10 वर्ष के व्यस्क गुलदार की खाल है।इसकी कीमत लगभग 500000 रुपए हैं।पूछताछ का विवरण : अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम दोनों एक दूसरे को कई सालों से जानते हैं, हमारी आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण हमें पैसों की सख्त आवश्यकता थी, जिसके लिए हमने वन्यजीवों को मारकर उसकी खाल एवं अंगों को ऊंचे दामो में बेचने की योजना बनाई। योजना के अनुरूप कुछ महीने पहले हमने चकराता के जंगल में एक तेंदूआ, जिसकी खाल की मार्केट में काफी डिमांड रहती है, को गोली से मारा। फिर उसकी खाल/अंग वहीं पर बेचने का प्रयास भी किया परन्तु लोकल क्षेत्र में पुलिस के डर से हमारी खाल किसी ने नही ली, तो हमने देहरादून में इस गुलदार की खाल को बेचने की योजना बनाई और योजना के अनुरूप हम दोनो कई दिनों से देहरादून में खाल बेचने के लिए ग्राहक तलाश कर रहे थे, आज भी हम खुद को पुलिस और वन विभाग की चेकिंग से बचते-बचाते शहर के बाहर वाले रास्तों से होते हुए कैंट क्षेत्र अनारवाला से राजपुर रोड जा रहे थे, बरामद माल तेंदुआ की खाल लंबाई करीब 8 फिट 5 इंच और चैड़ाई करीब 5 फिट 3 इंच हैं।
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