अपने घर की छतों का उपयोग ऊर्जा उत्पादन के लिए करें
देहरादून–मुख्यमंत्री ने किया ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर फेस 02 योजना एवं एकीकृत रूफ टॉप पोर्टल का शुभारंभ मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास कार्यालय स्थित सभागार में ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर फेस 02 योजना एवं एकीकृत रूफ टॉप पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने देश में गांधीनगर के साथ ही देहरादून को भी ग्रीन सिटी के रूप में चिन्हित् किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे प्रदेश में पर्यावरण के प्रति जागरूकता के प्रसार तथा पर्यटन प्रदेश के सपने को साकार करने के लिए मददगार बताया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी भवनों पर सौर ऊर्जा से विद्युत उत्पादन पर ध्यान दिया जा रहा है। हरिद्वार एवं देहरादून स्थित सरकारी भवनों से इसकी शुरूआत की गई हैं। इससे 2.75 मेगावॉट विद्युत का उत्पादन होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचाने वाले उपायों तथा वैकल्पिक ऊर्जा के प्रति ध्यान देने से पर्यावरण को सरंक्षित करने में मदद मिलेगी। हमारे शुद्व पर्यावरण का ही प्रतिफल है कि प्रदेश में पर्यटकों के आवागमन में 36 प्रतिशत की वृद्वि हुई है।मुख्यमंत्री ने लोगों से अपनी छतों का उपयोग ऊर्जा उत्पादन मेंं करने की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत लोग 10 किलोवॉट तक योजना स्थापित कर सकते हैं।
जिसकी लागत रू 05 लाख आयेगी। सब्सिडी के बाद यह व्यय रू 3.60 लाख आयेगा, जबकि विद्युत को ग्रिड के माध्यम से बेचने पर आय श्रोत अलग से विकसित होंगे। उन्होंने कहा कि इसके उत्पादित ऊर्जा 4.48 पे में क्रय की जायेगी।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में 268 मे0वा0 सोलर उत्पादन वर्तमान में हो रहा हैं 200 मे0वा0 सोलर उत्पादन का आवंटन कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त 200 मे0वा0 फ्लोटिंग सोलर स्थापित करने हेतु MOU भी हस्ताक्षर किये जा चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत सोलर संयंत्र स्थापित किये जाने हेतु घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को 01 कि0वा0 से 03 कि0वा0 क्षमता तक सोलर संयंत्र के व्यय पर 40 प्रतिशत तथा 04 कि0वा0 से 10 कि0वा0 क्षमता तक सोलर संयंत्र के व्यय पर 20 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है। घरेलू उपभोक्ता के विद्युत खपत से अधिक बिजली पैदा करेंगे तो उस अतिरिक्त बिजली का क्रय विभाग द्वारा किया जायेगा। अघरेलू श्रेणी उपभोक्ता भी अपने स्वीकृत विद्युत भार के 80 प्रतिशत क्षमता तक के सोलर संयंत्र स्थापित कर निर्धारित पैमाइश द्वारा अपने विद्युत बिलों की धनराशि में कमी ला सकते है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने रूफ टॉप सोलर से सम्बन्धित पुस्तिका का भी विमोचन किया। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि प्रदेश को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में हमारे प्रयास जारी है। इस दिशा में 800 करोड़ के निवेश की योजनायें धरातल पर उतारी जा रही है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को तकनीकि सहायता उपलब्ध कराने के लिए 15 वेन्डर इम्पेनल किये गये है। टेरी एवं GIZ का भी सहयोग इसमें लिया जा रहा है। उनके द्वारा लोगों तक इससे सम्बन्धित जानकारी भी उपलब्ध करायी जा रही है। भारत सरकार के निर्णय के अनुसार हरित ईंधन स्त्रोतों द्वारा स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता के अंश को 40 प्रतिशत तक की वृद्वि की जानी है। हरित ईंधन द्वारा उत्पादित विद्युत ऊर्जा के 40 प्रतिशत वृद्वि के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सौर ऊर्जा एक मुख्य स्त्रोत है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 के अंत तक देश में 100 GW सोलर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 40GW विद्युत उत्पादन क्षमता रूफ टॉप सोलर(RTS) संयंत्र स्थापित कर प्राप्त किया जाना है। रूॅफ टॉप सोलर द्वितीय चरण योजना के अंतर्गत वितरण कंपनियों के क्षेत्रीय कार्यालयों को योजना के क्रियान्यवन हेतु नोडल ईकाई बनाये जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रबंध निदेशक यू.पी.सी.एल श्री वी.सी.के मिश्रा ने योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। अपर सचिव ऊर्जा कैप्टन आलोक शेख तिवारी ने आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, विधायक गणेश जोशी, सहदेव पुण्डीर, राजकुमार ठुकराल, मेयर सुनील उनियाल गामा के साथ ही जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
जिसकी लागत रू 05 लाख आयेगी। सब्सिडी के बाद यह व्यय रू 3.60 लाख आयेगा, जबकि विद्युत को ग्रिड के माध्यम से बेचने पर आय श्रोत अलग से विकसित होंगे। उन्होंने कहा कि इसके उत्पादित ऊर्जा 4.48 पे में क्रय की जायेगी।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में 268 मे0वा0 सोलर उत्पादन वर्तमान में हो रहा हैं 200 मे0वा0 सोलर उत्पादन का आवंटन कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त 200 मे0वा0 फ्लोटिंग सोलर स्थापित करने हेतु MOU भी हस्ताक्षर किये जा चुके हैं। इस योजना के अंतर्गत सोलर संयंत्र स्थापित किये जाने हेतु घरेलू श्रेणी के उपभोक्ताओं को 01 कि0वा0 से 03 कि0वा0 क्षमता तक सोलर संयंत्र के व्यय पर 40 प्रतिशत तथा 04 कि0वा0 से 10 कि0वा0 क्षमता तक सोलर संयंत्र के व्यय पर 20 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है। घरेलू उपभोक्ता के विद्युत खपत से अधिक बिजली पैदा करेंगे तो उस अतिरिक्त बिजली का क्रय विभाग द्वारा किया जायेगा। अघरेलू श्रेणी उपभोक्ता भी अपने स्वीकृत विद्युत भार के 80 प्रतिशत क्षमता तक के सोलर संयंत्र स्थापित कर निर्धारित पैमाइश द्वारा अपने विद्युत बिलों की धनराशि में कमी ला सकते है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने रूफ टॉप सोलर से सम्बन्धित पुस्तिका का भी विमोचन किया। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने कहा कि प्रदेश को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में हमारे प्रयास जारी है। इस दिशा में 800 करोड़ के निवेश की योजनायें धरातल पर उतारी जा रही है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को तकनीकि सहायता उपलब्ध कराने के लिए 15 वेन्डर इम्पेनल किये गये है। टेरी एवं GIZ का भी सहयोग इसमें लिया जा रहा है। उनके द्वारा लोगों तक इससे सम्बन्धित जानकारी भी उपलब्ध करायी जा रही है। भारत सरकार के निर्णय के अनुसार हरित ईंधन स्त्रोतों द्वारा स्थापित विद्युत उत्पादन क्षमता के अंश को 40 प्रतिशत तक की वृद्वि की जानी है। हरित ईंधन द्वारा उत्पादित विद्युत ऊर्जा के 40 प्रतिशत वृद्वि के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु सौर ऊर्जा एक मुख्य स्त्रोत है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 के अंत तक देश में 100 GW सोलर ऊर्जा क्षमता स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से 40GW विद्युत उत्पादन क्षमता रूफ टॉप सोलर(RTS) संयंत्र स्थापित कर प्राप्त किया जाना है। रूॅफ टॉप सोलर द्वितीय चरण योजना के अंतर्गत वितरण कंपनियों के क्षेत्रीय कार्यालयों को योजना के क्रियान्यवन हेतु नोडल ईकाई बनाये जाने का निर्णय लिया गया है।
प्रबंध निदेशक यू.पी.सी.एल श्री वी.सी.के मिश्रा ने योजना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। अपर सचिव ऊर्जा कैप्टन आलोक शेख तिवारी ने आभार व्यक्त किया।इस अवसर पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, विधायक गणेश जोशी, सहदेव पुण्डीर, राजकुमार ठुकराल, मेयर सुनील उनियाल गामा के साथ ही जनप्रतिनिधियों एवं विभिन्न संस्थानों के प्रतिनिधि एवं अधिकारी उपस्थित थे।
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