कैबिनेट की बैठक कंडाली के संग
देहरादून–मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत तथा उनके मंत्रिमंडल के साथ कंडाली (बिच्छू घास) के रेशों से बनी जैकेट पहनकर कैबिनेट बैठक में प्रतिभाग किया। बैठक में पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज गैरहाजिर रहे। इस कंडाली यानि कि बिच्छू घास उत्तराखंड में अमूमन बहुत ही अधिक मात्रा में पाया जाता हैं। और अगर सरकार चाहे तो इसका सही इस्तेमाल किया जा सकता हैं। सरकार इसको मेक इन इंडिया की तर्ज पर इसे रोजगार के रूप में सृजन कर सकती हैं।
क्योंकि कंडाली गरम भी होती हैं। और उत्तराखंड में बढ़ते पलायन को रोकने में यह बिच्छू घास कुछ हद तक मददगार भी सिद्ध हो सकती हैं। सरकार इसे रोजगार के रूप में जबरदस्त प्रयोग में लाकर बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करा सकती हैं। उत्तराखंड में यह रोजगार का बहुत अच्छा साधन बन सकता हैं। क्योंकि लगभग दो साल पहले दिल्ली के प्रगति मैदान में उत्तराखंड स्टॉल पर इस बिच्छू घास की जैकेट की बहुत अधिक डिमांड थी और जो स्टॉल के ऑनर थे वह इस डिमांड को पूरी नहीं कर पाए थे जबकि बिच्छू घास से बनी जैकेट की कीमत लगभग ₹5000 थी फिर भी लोग मैं इसका क्रेज बहुत अच्छा था और इसकी डिमांड थी। अब सरकार ने कैबिनेट में इसे पहन कर बैठक की हैं। तो सरकार इस को एक लघु उद्योग के रूप में उत्तराखंड के पहाड़ों में स्थापित करें और वहां के स्थानीय लोगों को इसे रोजगार से जोड़ें ताकि वहां पर रोजगार की संभावनाएं बढ़ सके और कुछ हद तक पलायन पर अंकुश लग पाए ।
क्योंकि कंडाली गरम भी होती हैं। और उत्तराखंड में बढ़ते पलायन को रोकने में यह बिच्छू घास कुछ हद तक मददगार भी सिद्ध हो सकती हैं। सरकार इसे रोजगार के रूप में जबरदस्त प्रयोग में लाकर बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध करा सकती हैं। उत्तराखंड में यह रोजगार का बहुत अच्छा साधन बन सकता हैं। क्योंकि लगभग दो साल पहले दिल्ली के प्रगति मैदान में उत्तराखंड स्टॉल पर इस बिच्छू घास की जैकेट की बहुत अधिक डिमांड थी और जो स्टॉल के ऑनर थे वह इस डिमांड को पूरी नहीं कर पाए थे जबकि बिच्छू घास से बनी जैकेट की कीमत लगभग ₹5000 थी फिर भी लोग मैं इसका क्रेज बहुत अच्छा था और इसकी डिमांड थी। अब सरकार ने कैबिनेट में इसे पहन कर बैठक की हैं। तो सरकार इस को एक लघु उद्योग के रूप में उत्तराखंड के पहाड़ों में स्थापित करें और वहां के स्थानीय लोगों को इसे रोजगार से जोड़ें ताकि वहां पर रोजगार की संभावनाएं बढ़ सके और कुछ हद तक पलायन पर अंकुश लग पाए ।
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