तृतीय केदार तुंगनाथ की गद्दीस्थल मक्कूमठ में अब शीतकालीन पूजा होंगी
उखीमठ–तृतीय केदार श्री तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बुधवार 6 नवंबर प्रात: 11.30 बजे बंद हो गये थे। इस अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने दर्शन किये। कल चल विग्रह डोली शीतकालीन गद्दी स्थल चोपता पहुची थी। गुरुवार प्रात: प्रथम पड़ाव चोपता से द्वितीय पड़ाव भनकुन को प्रस्थान किया और डोली शुक्रवार 8 नवंबर शीतकालीन गद्दीस्थल मक्कूमठ पहुंचेगी।
मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि इसी के साथ भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजायें भी शुरू हो जायेंगी। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री,मठापति रामप्रसाद मैठाणी, मंदिर समिति पूर्व सदस्य शिवसिंह रावत, मंदिर सुपरवाइजर यदुवीर पुष्पवान।
प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, विक्रम रावत,राज शेखर लिंग, बलबीर नेगी, देवानंद गैरोला, प्रेमसिंह, पुजारी विजय भारत मैठाणी, सुबोध मैठाणी आदि मौजूद रहे।जारी प्रेस बयान में श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल सहित उपाध्यक्ष अशोक खत्री एवं मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह, कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी ने यात्रा समापन अवसर पर प्रसन्नता जताई है।
मीडिया प्रभारी डा.हरीश गौड़ ने बताया कि इसी के साथ भगवान तुंगनाथ की शीतकालीन पूजायें भी शुरू हो जायेंगी। इस अवसर पर श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के उपाध्यक्ष अशोक खत्री,मठापति रामप्रसाद मैठाणी, मंदिर समिति पूर्व सदस्य शिवसिंह रावत, मंदिर सुपरवाइजर यदुवीर पुष्पवान।
प्रबंधक प्रकाश पुरोहित, विक्रम रावत,राज शेखर लिंग, बलबीर नेगी, देवानंद गैरोला, प्रेमसिंह, पुजारी विजय भारत मैठाणी, सुबोध मैठाणी आदि मौजूद रहे।जारी प्रेस बयान में श्री बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति अध्यक्ष मोहन प्रसाद थपलियाल सहित उपाध्यक्ष अशोक खत्री एवं मुख्य कार्याधिकारी बी.डी. सिंह, कार्याधिकारी एन.पी.जमलोकी ने यात्रा समापन अवसर पर प्रसन्नता जताई है।
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