अब्दुल शकूर हत्याकांड का मुख्य अभियुक्त गिरफ्तार

देहरादून – मैक्स हॉस्पिटल से थाना राजपुर को सूचना मिली कि एक व्यक्ति को मृत अवस्था में कुछ लोग एक गाड़ी से हॉस्पिटल में लेकर आये थे, जिसका चेक अप करते समय वह लड़के हॉस्पिटल से भाग गए हैं।इस सूचना पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून व अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा मौके पर घटना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की और मौके पर उपस्थित अधिकारियों को ब्रीफ कर घटना के खुलासे के लिए मौके पर अलग-अलग कार्य  सर्विलांस, सीसीटीवी फुटेज चैक करने तथा होटल ढाबों, बस अड्डा, रेलवे स्टेशन की चैकिंग करने तथा अन्य राज्यों की पुलिस से समन्वय स्थापित करने के लिए टीमों का गठन किया गया। मैक्स अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज को देखने से ज्ञात हुआ कि चार युवक क्रेटा गाडी में मृतक युवक को लेकर आये थे। तथा उक्त वाहन व युवक के शव को अस्पताल में छोडकर वहां से भाग गये। मौके पर मृतक के शरीर के निरीक्षण से पाया कि उसके सारे शरीर पर बेरहमी से यातना देकर प्रताड़ित करने के घाव बने थे।देखने से ऐसा प्रतीत हो रहा था कि युवक को किसी के द्वारा प्रताड़ित किया गया हो,
मृतक के सम्बन्ध में जानकारी करने पर मृतक की पहचान अब्दुल शकूर पुत्र मौहम्मद नि0 Melepidiyeteteal house north pulkit dulamanthole mallapuram 3rd kerala हाल निवासी - सुद्धोवाला चौक, नियर टेम्पल प्रेमनगर के रूप में हुई । जांच से
 घटना का थाना प्रेमनगर क्षेत्र अंतर्गत होना प्रकाश में आया, जिस पर थाना प्रेमनगर पर उचित धाराओ में अभियोग पंजीकृत किया गया। अभियुक्तों की तलाश के लिए जिले के समस्त पुलिस बल को चैकिंग हेतु महत्वपूर्ण स्थानों पर लगाया गया तथा सीसीटीवी कैमरों का गहनता से अवलोकन करते हुए घटना में सम्मिलित 05 अभियुक्तों  मे फारिस ममनून पुत्र अब्दुल्ला अबुलन,अरविन्द सी0  पुत्र रविन्द्रन सी0,अंसिफ पुत्र शौकत अली पी0,सुफेल मुख्तार पुत्र मौ0 अली,आफताब मौहम्मद पुत्र सादिक पी0 सभी केरल के रहने वाले हैं।को 29-08-2019 को रूडकी से गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। अभियुक्तों से पूछताछ में घटना में सम्मिलित अन्य 05 अभियुक्तों आशिक ,अरशद , यासीन ,रिहाब , मुनीफ सभी निवासी केरल के नाम प्रकाश में आये, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम द्वारा लगातार सभी सम्भावित स्थलों पर दबिशें दी जा रही थी। 28-10-2019 को थानाध्यक्ष प्रेमनगर को मुखबिर से सूचना मिली कि शकूर हत्याकांड में वांछित मुख्य अभियुक्त मौ0 आशिक पुत्र अब्दुल सत्तार, निवासी- मंजेरी, थाना मंजेरी, जिला मल्लापुरम, केरल, आयु 23 वर्ष देहरादून आया हैं। तथा अपने वकील के माध्यम से कोर्ट में सरेण्डर करने की फिराक में है। जिस पर पुलिस टीम द्वारा अभियुक्त आशिक को मुखबिर की सूचना पर प्रेमनगर क्षेत्रान्तर्गत महिला पौलेटैक्निक के पास से गिरफ्तार किया गया।पूछताछ में अभियुक्त मौ0 आशिक के द्वारा बताया गया कि ” मेरे द्वारा बी0बी0ए0 द्वितीय वर्ष की पढाई करने के बाद पढाई छोड दी गयी थी। इसके बाद वह अब्दुल शकूर के सम्पर्क में आया जिसकी केरल में BTC BITZ COIN SHUKKOR  व BITZEX नाम की दो अलग-अलग कम्पनियां थी,  जो बिटक्वाइन का काम करता था तथा रूपयों को एक वर्ष में दुगना कर वापस करता था। मेरा उससे अच्छा सम्पर्क हो गया था तथा शुरूवात में मेरे द्वारा कुछ रूपये BIT COIN में इनवेस्ट किये गये जिससे मुझे काफी फायदा हुआ। इसके पश्चात् मेरे द्वारा अपने नीचे कई लोगो की टीम खडी की गयी। जिसमें मेरे द्वारा आफताब, फारिस, सुफैल तथा यासीन को जोडा गया और इन लोगों ने भी अपने नीचे कई लोगों को जोडकर उनका पैसा लाकर मुझे दिया। मेरे द्वारा लगभग 13 करोड रूपये शकूर की BIT COIN कम्पनी में निवेश किया गया था। इस बीच केरल के कई लोगों के रूपयों की देनदारी शकूर पर हो गयी थी और वह हमारे रूपये भी वापस नहीं कर रहा था तथा जिन लोगों का पैसा हमारे द्वारा शकूर की कम्पनी में निवेश किया गया था, वह हम पर लगातार पैसा वापस करने का दबाव बना रहे थे। हमे पता था कि अब्दुल शकूर की कम्पनी भले ही घाटे में चल रही हो पर अब भी उसके पास कई सौ करोड के बिटक्वाइन हैं, जिसका पासवर्ड यदि हमें पता चल जाये तो हम उस पैसे को प्राप्त कर सकते हैं। तब मैने अपने साथियों अरशद, मुनीर,शिहाब के साथ अब्दुल शकूर को कहीं दूर ले जाकर उससे पासवर्ड की जानकारी हासिल करने का प्लान बनाया और देहरादून में अपने स्कूल के साथी यासीन, जो बी0एफ0आई0टी0 झाझरा में पढता था, की मदद से प्रेमनगर क्षेत्र में एक घर किराये पर ले लिया। और 12-08-2019 को हम अब्दुल शकूर को लेकर देहरादून पहुंचे तथा उ मकान में रहने लगे। 23-08-2019 को मेरी टीम के एजेंट आफताब, फारिस, अंसिब, सुफैल व अरविन्द भी दिल्ली से देहरादून आ गये। हम सभी लोगों द्वारा अब्दुल शकूर पर कम्पनी का पासवर्ड बताने का दबाव बनाया तथा पासवर्ड ना बताने पर उसे काफी प्रताडित किया गया।: 08-2019 को जब अब्दुल शकूर की हालत ज्यादा खराब को गयी तो हम लोगों द्वारा उसे इलाज के  सिनर्जी अस्पताल ले जाया गया परन्तु सिनर्जी अस्पताल द्वारा उसे भर्ती करने से इन्कार करने पर हम उसे क्रेटा गाडी से राजपुर स्थित मैक्स अस्पताल ले गये, जहाँ डाक्टरों द्वारा उसे मृत घोषित करने पर हम लोग घबरा गये और पुलिस के डर से क्रेटा कार को मैक्स अस्पताल में छोडकर वहाँ से भाग गये। हमारे द्वारा अपने अन्य साथियों को भी शकूर की मृत्यु के सम्बन्ध में जानकारी दे दी गयी थी। जिसके पश्चात् हम सभी अलग-अलग टैक्सी पकडकर मसूरी चले गये। मसूरी में 2-3 घण्टे रूकने के बाद हम सभी बस की मदद से आईएसबीटी पहुंचे। जहाँ से मैं अपने साथी अरशद, मुनीर व शिहाब के साथ टैक्सी से हिमाचल चला गया। मेरे पांच अन्य साथी अरविन्द,आफताब, अंशिफ, फारिस व सुफैल बस में बैठकर रूडकी के रास्ते दिल्ली के लिये निकले थे जिन्हें पूर्व में पुलिस द्वारा रूडकी के पास से गिरफ्तार कर लिया था। हमारा एक अन्य साथी यासीन वापस माण्डूवाला चला गया था, क्योंकि वह यहीं पर पढता था। हिमांचल से हम चारो अलग-अलग राज्यों से होते हुए केरल पहुंचे। केरल पहुंचकर मैं अपने घर चला गया था परन्तु उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा मेरी व मेरे अन्य फरार साथियों की तलाश हेतु हमारे घरों पर दबिशें दी गयी थी, तब मैं फरार हो गया था।  मुझे डर था कि पुलिस मुझे गिरफ्तार करने फिर से आयेगी इसलिये मैं वकील की सलाह पर कोर्ट में सरेंण्डर करने हेतु देहरादून आया था, परन्तु कोर्ट में सरेण्डर करने से पूर्व ही पुलिस द्वारा मुझे गिरफ्तार कर लिया गया।    

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