केदारनाथ आपदा स्मारक की हुई दुर्दशा
रुद्रप्रयाग –रामबाड़ा में बना श्री केदारनाथ आपदा 16 जून 2013 में मारे गये हजारों और लापता हुए श्रद्धालुओं की याद में बने स्मारक की हुई दुर्दशा प्रशासन नहीं कर रहा हैं इसकी सही से देखरेख बेहाल हुआ आपदा पीड़ितों की यादगार में बना स्मारक अब नाम मात्र का ही रह गया है।
आपदा में दिवंगतों की स्मृति में रामबाड़ा पुल के निकट भीमबली की तरफ को प्रशासन द्वारा स्मारक निर्मित हुआ। देर-सवेर दिवंगतों के नाते-रिश्तेदार जो केदारनाथ यात्रा पर आते हैं। स्मारक पर श्रद्धांजलि ब्यक्त करते देखे जा सकते हैं।
स्मारक की दुर्दशा का आलम यह हैं।
कि स्मारक के दोनों तरफ बनी दुकानों सें छुप गया हैं। ना ही सड़क पर स्मारक को इंगित करने वाला कोई बोर्ड भी नहीं लगा रखा है। दिवंगतों के स्मृति स्थल की दुर्दशा देखी जा सकती है। स्मारक के आसपास के अतिक्रमण को हटा कर स्मारक के चारों तरफ बाउंड्री वाल या घेराबंदी होनी चाहिए।
ताकि रामबाड़ा में बने इस स्मारक को सुरक्षित रखा जा सकेगा। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गोड़ ने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से मांग की हैं। कि स्मारक के संरक्षण हेतु प्रशासन के स्तर पर त्वरित कार्यवाही की जाये और स्मारक के आसपास हुए अतिक्रमण को हटा कर स्मारक को सही किया जाए ताकि दिवंगत श्रद्धालुओं के अगर परिजन आए तो अपनी श्रद्धांजलि स्मारक पर अर्पित कर अपने परिजनों को याद कर सके ।
आपदा में दिवंगतों की स्मृति में रामबाड़ा पुल के निकट भीमबली की तरफ को प्रशासन द्वारा स्मारक निर्मित हुआ। देर-सवेर दिवंगतों के नाते-रिश्तेदार जो केदारनाथ यात्रा पर आते हैं। स्मारक पर श्रद्धांजलि ब्यक्त करते देखे जा सकते हैं।
स्मारक की दुर्दशा का आलम यह हैं।
कि स्मारक के दोनों तरफ बनी दुकानों सें छुप गया हैं। ना ही सड़क पर स्मारक को इंगित करने वाला कोई बोर्ड भी नहीं लगा रखा है। दिवंगतों के स्मृति स्थल की दुर्दशा देखी जा सकती है। स्मारक के आसपास के अतिक्रमण को हटा कर स्मारक के चारों तरफ बाउंड्री वाल या घेराबंदी होनी चाहिए।
ताकि रामबाड़ा में बने इस स्मारक को सुरक्षित रखा जा सकेगा। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा.हरीश गोड़ ने जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग से मांग की हैं। कि स्मारक के संरक्षण हेतु प्रशासन के स्तर पर त्वरित कार्यवाही की जाये और स्मारक के आसपास हुए अतिक्रमण को हटा कर स्मारक को सही किया जाए ताकि दिवंगत श्रद्धालुओं के अगर परिजन आए तो अपनी श्रद्धांजलि स्मारक पर अर्पित कर अपने परिजनों को याद कर सके ।
Comments
Post a Comment