320 ग्राम स्मैक के साथ शातिर गिरफ्तार
देहरादून—प्रेमनगर पुलिस को चैकिंग के दौरान धूलकोट सिघनीवाला तिराहा के पास एक व्यक्ति दिखायी दिया जिसे पुलिस ने रोकने का प्रयास किया परन्तु वह भागने लगा जिसे पुलिस टीम ने बल प्रयोग कर मौके पर पकड लिया। नाम और पता पूछने पर उसने अपना नाम व पता- इकलास खान उर्फ मामा पुत्र स्व0 बरखतुल्ला खान निवासी वार्ड न0-3 मोहल्ला नई बस्ती थाना सदर कैण्ट जिला बरेली उत्तर प्रदेश उम्र 40 वर्ष.बताया व अपने पास भारी मात्रा में नशीला पदार्थ स्मैक होना बताया जिस पर पकडे व्यक्ति से भारी मात्रा में नशीला पदार्थ स्मैक 320 ग्राम अवैध बरामद हुई जिस सम्बन्ध में अभियक्त के विरुद्ध थाना प्रेमनगर पर अभियोग पंजीकृत किया गया। गिरफ्तार किये अभियुक्त से पूछताछ करने पर उसने बताया कि मैं मूल रूप से बरेली का ही रहने वाला हूँ तथा कपडे की फेरी लगाना व कडाई का काम भी कर लेता हूं। तथा मैं एक झगडे में एक व्यक्ति की मृत्यु हो जाने पर हत्या के जुर्म में मैं दोस्तो के साथ लुधियाना जेल में बन्द रहा था। फतेहगंज बरेली, मेरठ, सहानपुर, देहरादून व हरिद्वार के कुछ लोगों के साथ स्मैक बेचने का काम शुरू किया था। मुझसे पहले मेरे साथी अबरार व साहिल स्मैक बेचने का काम करते थे।
उन्ही से मैने यह काम सीखा था अबरार मूल निवासीर ग्राम भोजनपुर थाना भीतरी चैनपुर जिला बरेली का रहने वाला है जो वर्तमान में मेरे पड़ोस में ही ग्राम ठहरिया सावरी वार्ड न0 03 निकट साबरी मस्जिद के सामने वाली गली थाना कैन्ट सदर बरेली पर अपने मकान में रहता है । इसकी पत्नी का नाम साकरा है। और इसके भी तीन बच्चे है। यह साडी बेचने का काम करता है। और साड़ी के बीच मे स्मैक की पुड़ियां 10 ग्राम, 50 ग्राम,20 ग्राम की बनाकर घर से फैरी का आड में निकलता है। और वापस सामान बैचकर आता है। इसी प्रकार साहिल पुत्र कल्लू नि0 ग्राम फतेहगंज बरेली यह भी कपड़े का काम करता है। हम सब स्मैक अपने ही घर में कैमिकल डालकर बनाते है। हम अधिकतर लोगों को अपने ही घर बरेली में स्मैक खरीदने के लिए बुलाते हैं। व कई बार हम स्वयं ही स्मैक को लेकर हरिद्वार देहरादून सहारनपुर मेरठ में बेचने जाते है। कल अबरार ने मुझे स्मैक का पैकेट देकर देहरादून भेजा व कहा कि कल प्रातः बालाजी धाम प्रेमनगर के पास एक व्यक्ति जो लाल रंग के ट्रैक सूट पहना होगा वह एक कोड वर्ड बतायेगा जिसे तुम इस स्मैक के पैकेट को देना है और वह इस स्मैक को प्रेमनगर के शैक्षणिक संस्थानों मे बेचगा यह बताया था।तथा वह व्यक्ति तुझे एक रूपयों का पैकेट देगा जिसे तुम लेकर वापस आ जाना। यदि वह व्यक्ति किसी कारण वश नही आ पायेगा तो तुम इस स्मैक के बंडल को हिमाचल वाली बस में लेकर निकल जाना व मेरे से फोन पर बात करना मैं तुम्हें बताऊंगा कि यह स्मैक का पैकेट कहा देना।
उन्ही से मैने यह काम सीखा था अबरार मूल निवासीर ग्राम भोजनपुर थाना भीतरी चैनपुर जिला बरेली का रहने वाला है जो वर्तमान में मेरे पड़ोस में ही ग्राम ठहरिया सावरी वार्ड न0 03 निकट साबरी मस्जिद के सामने वाली गली थाना कैन्ट सदर बरेली पर अपने मकान में रहता है । इसकी पत्नी का नाम साकरा है। और इसके भी तीन बच्चे है। यह साडी बेचने का काम करता है। और साड़ी के बीच मे स्मैक की पुड़ियां 10 ग्राम, 50 ग्राम,20 ग्राम की बनाकर घर से फैरी का आड में निकलता है। और वापस सामान बैचकर आता है। इसी प्रकार साहिल पुत्र कल्लू नि0 ग्राम फतेहगंज बरेली यह भी कपड़े का काम करता है। हम सब स्मैक अपने ही घर में कैमिकल डालकर बनाते है। हम अधिकतर लोगों को अपने ही घर बरेली में स्मैक खरीदने के लिए बुलाते हैं। व कई बार हम स्वयं ही स्मैक को लेकर हरिद्वार देहरादून सहारनपुर मेरठ में बेचने जाते है। कल अबरार ने मुझे स्मैक का पैकेट देकर देहरादून भेजा व कहा कि कल प्रातः बालाजी धाम प्रेमनगर के पास एक व्यक्ति जो लाल रंग के ट्रैक सूट पहना होगा वह एक कोड वर्ड बतायेगा जिसे तुम इस स्मैक के पैकेट को देना है और वह इस स्मैक को प्रेमनगर के शैक्षणिक संस्थानों मे बेचगा यह बताया था।तथा वह व्यक्ति तुझे एक रूपयों का पैकेट देगा जिसे तुम लेकर वापस आ जाना। यदि वह व्यक्ति किसी कारण वश नही आ पायेगा तो तुम इस स्मैक के बंडल को हिमाचल वाली बस में लेकर निकल जाना व मेरे से फोन पर बात करना मैं तुम्हें बताऊंगा कि यह स्मैक का पैकेट कहा देना।
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