हिमालयी राज्यों के सम्मेलन में सी एम गैरसैंण राजधानी बनाने की घोषणा करें

देहरादून – एक क्रांतिकारी अभिवादन के साथ संगठन गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने संघर्ष स्थल पर 314 दिन पूर्ण किये। संघर्ष स्थल, हिन्दी भवन के सामने, परेड ग्राउंड, देहरादून में स्थाई राजधानी गैरसैंण को बनाने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना के साथ बैठक भी संपन्न हुई। बैठक के बारे में बताया गया कि गैरसैंण को राजधानी बनाने हेतु अडिगता से चल रहे धरना पर बने रहने व इस संघर्ष के प्रभाव का ही परिणाम हैं। भारत के लोकतंत्र के सर्वोच्च मंच संसद में लोकसभा के भीतर भी गैरसैंण राजधानी की आवाज अब गूंजने लगी हैं। यह समय हम सबके लिए बेहद महत्वपूर्ण व रणनीतिक दृष्टि से चातुर्य पूर्ण कदम उठाने वाला हो जाता हैं।बैठक के माध्यम से आह्नान किया गया है कि गैरसैंण स्थायी राजधानी बनाने के आंदोलन में सभी संगठनों के लोग नेतृत्वकारी भूमिका प्रदान करने हेतु आगे आएं। बैठक के उद्देश्य के बारे में बताया गया कि सभी लोग मिलकर अपने संयुक्त विचारों व कारवाई द्वारा बेहतर रणनीतिक दिशा इस आंदोलन हेतु विकसित करें।
  बैठक का शुभारंभ संगठन के संयोजक लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल ने मंत्रोच्चारण पढकर किया। तदुपरांत संपन्न हुई बैठक में  संयुक्त नागरिक संगठन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर केजी बहल, काँग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, उत्तराखंड विकलांग संघ के अध्यक्ष बृज मोहन नेगी, उत्तराखंड सचिवालय संघ के प्रतिनिधि ललित जोशी,  गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान के रणनीतिकार मनोज ध्यानी, उत्तराखंड बेरोजगार संघ के संरक्षक कमल कांत, अपना परिवार के पुरुषोतेतम भट्ट, उत्तराखंड क्राँति दल के महानगर अध्यक्ष सुनील ध्यानी, उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती, गैरसैंण से आंदोलनकारी विजेंद्र सिंह बिष्ट, पूर्व प्रधान रविंद्र प्रधान, 108 कर्मचारी संगठन के सचिव विपिन जमलोकी, उत्तराखंड नवनिर्माण सेना के विलास गौड, देहरादून नागरिक फोरम की सुजाता पॉल, जनजाति वर्ग के लिए संघर्षकारी नेता जेएस जंगपांगी, मुख्य संचालनकर्ता विजय सिंह रावत, उत्तराखंड फुटबॉलर विरेन्द्र सिंह रावत, जनमंच के अध्यक्ष मनमोहन लखेडा, बेरोजगार संघ के सचिव विरेश चौधरी, समाज सेवी प्रेम गुसांई, पीपुल्स फोरम के संयोजक जयकृत कंडवाल आदि ने संबोधित किया। बैठक में धन्यवाद ज्ञापन मुख्य संयोजक लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल द्वारा पढा गया। बैठक की अध्यक्षता वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी मनोज ध्यानी एवम्  सभा का संचालन उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के जिला अध्यक्ष प्रदीप कुकरेती व बेरोजगार संघ के युवा नेता सुशील कैंथूरा द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। बैठक में अन्य उपस्थित प्रबुद्दजनों में युवा आह्वान के अध्यक्ष प्रकाश गौड़, रोहित ध्यानी, पूर्व सैनिक अर्द्द सैनिक संयुक्त संगठन के महासचिव प्रकाश चंद्र थपलियाल, युवा उद्यमी सुभाष रतूड़ी, प्रेम प्रकाश बुडाकोटी, हर्ष मैंदोली, कृष्ण काँत कुनियाल, चंदन सिंह भंडारी,  शकुंतला खंतवाल, विक्रम सिंह राणा, सोहन सिंह रावत, प्रवीण गुसांई, कर्णप्रिया जोशी, मेहर सिंह, भूपेंद्र देवशाली, पूजा कोटनाला, दीपक नेगी, रवि नेगी, डी.एस रावत आदि भी रहे। संपन्न हुई बैठक में राजधानी गैरसैंण समेत प्रदेश में जनजाति अधिकार, वनाधिकार, मानवाधिकार, हिमालयी राज्यों के मध्य सामंजस्य नीति, 108 कर्मियों की बहाली, हिमालय में बदलती पर्यावरण की चुनौतियां, संकुचित हो रहा रोजगार, पलायन आदि विषयों पर भी गंभीर विमर्श हुआ। बैठक में तय किया गया कि आंदोलन की गति को प्रखर बनाया जाएगा। और गैरसैंण को प्रदेश की एकमात्र और स्थाई राजधानी बनाने की लड़ाई को जनता के बीच उठाया जाएगा। बैठक में तय किया गया कि गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री से गैरसैंण समेत अन्य राजकीय विषयों से जुडे सवाल पर  वार्ता करेगी। बैठक के द्वारा संसद के भीतर नैनीताल सांसद अजय भट्ट के गैरसैंण के पक्ष के बयान का भी स्वागत किया गया व साथ ही मांग की गई है कि हिमालयी राज्यों के सम्मेलन में प्रदेश मुखिया अविलंब गैरसैंण को प्रदेश की राजधानी बनाने की घोषणा करेंं।


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