राज्यपाल ने दीक्षांत समारोह में छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की

देहरादून–आईसीएफएआई विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य ने कहा कि ‘‘छात्र-छात्राओं विशेषकर बालिकाओं की सफलता में अभिभावकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। बालिकाओं को शिक्षा व कैरियर में समान अवसर मिलने चाहिये। युवा अपनी शिक्षा का उपयोग सामाजिक न्याय स्थापित करने, जातिगत भेदभाव मिटाने, महिला सशक्तिकरण व नए भारत के निर्माण में करें। युवा रोजगार की तलाश करने के बजाय रोजगार पैदा करने के लिए साहस जुटाएं। संबोधन प्रारंभ करने से पूर्व राज्यपाल ने कारगिल विजय दिवस पर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किये।

और कहा कि शिक्षा का उपयोग समाज की समस्याओं के समाधान और विभिन्न आपदाओं के निदान हेतु किया जाना जरूरी है। विश्वविद्यालय में शिक्षा और दीक्षा दोनों ही होती है। मनुष्यों में ज्ञान और सद्गुण के विकास के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण की जरूरत होती है किंतु कत्तर्व्य बोध के लिए दीक्षा की आवश्यकता होती है। भारत विश्व की छठवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमारा देश दिन-प्रतिदिन विकास और कामयाबी की नई ऊंचाईयां छू रहा है। हमारे वैज्ञानिकों ने दूसरे चंद्रयान मिशन को सफलतापूर्वक प्रारंभ किया है।राज्यपाल  बेबी रानी मौर्य ने कहा कि  कानून और न्याय के विद्यार्थी सामाजिक न्याय स्थापित करने तथा गरीबों-दुखियों की सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। विश्वविद्यालय द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में विधि साक्षरता शिविर लगा कर  गरीबों एवं वंचित वर्ग के लोगों तथा महिलाओं को कानूनी जानकारी दी जा सकती है। हमारी बेटियों ने देश-दुनिया में बड़े-बड़े काम कर अपनी धाक जमाई है लेकिन आज भी हमें कन्या भू्रण हत्या जैसी जघन्य सामाजिक बुराई से लड़ना पड़ रहा है।
 राज्यपाल ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और जल संचय को प्राथमिकता देकर ही जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न आपदाओं से हम लड़ सकते हैं। अधिक से अधिक वृक्ष लगाकर हम ‘ग्लोबल वार्मिंग’ को भी कम कर सकते हैं। राज्यपाल ने शिक्षकों से कहा कि वे स्वयं को निरंतर ‘‘अपडेट‘‘ रखें। शिक्षकों को अपनी योग्यताओं में निरंतर वृद्धि करते रहनी चाहिए और अपनी सोच के विस्तार को बढ़ाते रहना चाहिए ताकि वे अपने विद्यार्थियों की सोच को भी विस्तृत करने हेतु प्रोत्साहित कर सकें।आईसीएफएआई विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुल 235 स्नातक छात्र-छात्राओं को उपाधि प्रदान की गई। कुल विद्यार्थियों में 84 को एमबीए, 104 को बीबीए एलएलबी, 10 को एलएलबी, 05 को एलएलएम, 27 को बीटेक, 02 को बीएड, 02 एमटेक, 01 को पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई। इस अवसर पर कुलाधिपति एम, रामचंद्रन, कुलपति डाॅ पवन कुमार अग्रवाल, प्रति कुलपति डाॅ मुड्डू विनय और कुल  सचिव, ब्रिगेडियर (सेवानिवृत) राजीव सेठी, छात्र-छात्राएं व शिक्षस्थित थे।

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