गायक कैलाश खेर ने अपने जन्मदिन पर लांच किया नई उड़ान

मुम्बई– विख्यात गायक और गीतकार कैलाश खेर के जन्मदिवस पर आधारित नई उड़ान कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती, खेल मंत्री किरण रिजिजू और अन्य कई विशिष्ट विभूतियों ने सहभाग किया।  इस कार्यक्रम का आयोजन मुम्बई, बांद्रा के एंड्रयूज़ सभागार में किया गया। कैलाश खेर ने अपने जन्म दिवस के अवसर पर नई उड़ान कैम्पेन लांच किया। इसके माध्यम से वे देश भर के संगीत के उभरते सितारों को एक मंच प्रदान करेंगे। विशेष तौर से उन लोगों को जो आर्थिक अभाव के कारण संगीत की शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते।
                              कैलाश खेर ने कहा कि नई उड़ान का उद्देश्य संगीत में उभरते बच्चों को एक मंच प्रदान करना तथा भारतीय संगीत को रक्षित करना, प्रसारित करना और यादगार बनाना। उन्होने कहा कि हमारे देश में ऐसी अनेक प्रतिभायें है जो भारतीय संगीत को एक नया मुकाम दे सकती है बस उन्हें एक मंच प्रदान करना तथा उनके हुनर को तराशने की जरूरत है। नई उड़ान उन     अभावग्रस्त बच्चों को वह एक मंच प्रदान करेंगी।
 परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज पूरा देश एक नई उड़ान ले रहा है और हम सभी को भी अपनी दिशायें तय करनी होगी। दिशा ही हमारी दशा तय करेंगी। वर्तमान समय बदलाव का समय है पूरा राष्ट्र और पूरा विश्व करवट लें रहा है ऐसे में हमारी उड़ान क्या हो यह हमें तय करना होगा। आज भारत के पास एक ऐसे प्रधानमंत्री है जो अपने लिये नहीं बल्कि अपनों के लिये जीते है। उन्होने कहा कि अपने लिये जीयें तो क्या जियें अतः अपने लिये नहीं परमार्थ के लिये जियें, इसके लिये हमें स्वार्थ की यात्रा का त्याग करना पड़ेगा।
                                       परमार्थ की यात्रा से ही शुरू हुई कैलाश खेर की संगीत की यात्रा। आज वे एक अद्भुत संगीतकार है जिनके संगीत पर पूरा विश्व मंत्र मुग्ध हो जाता है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज मैं कैलाश खेर के जन्मदिवस पर यही कहूंगा कि ’’अमीरी की तो ऐसी की कि उसके घर में जा बैठे, फकीरी की तो ऐसी की कि उसे अपना बना बैठे।’’ उन्होने कहा कि कई बार लोग अमीरी करते-करते शेल्फ(अलमारी) तो भर लेते है परन्तु सेल्फ (स्वयं) खाली हो जाता है। भीतर से हम स्वयं को भरे यही नई उड़ान हो। यदि बाहर खाली भी रह जायें तो कोई बात नहीं परन्तु हम भीतर से सद्गुणों से भरे रहे। अगर हम बाहर से भर जाये और भीतर खाली रह जाये तो वह भरना नहीं होगा क्योकि जीवन में खालीपन तो भी व्याप्त रहेगा। इसलिये अपने अन्दर को भरते हुये जितने भी पल जियें मस्ती से जीयें और उस मस्ती में संगीत की मस्ती हो तो कहना ही क्या। उस संगीत की मस्ती में कैलाश खेर  की तरह फकीराना मस्ती हो, शायराना मस्ती हो और अन्दर की मस्ती हो तो कहना ही क्या। जिसकी मस्ती जिंदा है उसकी हस्ती जिंदा है वरना   बाकी तो सब जबरदस्ती जिंदा है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि आज जल, जंगल और जमीन के लिये एक नई उड़ान की आवश्यकता है, तभी हमारी बाकी सभी उड़ाने सार्थक होगी। जब तक पृथ्वी पर स्वच्छ जल और वायु है तब तक ही जीवन है अतः हर व्यक्ति को इसके लिये प्रयास करना चाहिये। 
 गीतकार कैलाश खेर के जन्मदिवस पर मुम्बई, बांद्रा के एंड्रयूज़ सभागार में उपस्थित सैकड़ों लोगों को स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने जल, जंगल और जमीन को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त रखने का संकल्प कराया। कैलाश खेर के जन्मदिवस के अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भगवान शिव की दिव्य प्रतिमा, गोमुख, उत्तराखण्ड का गंगाजल और शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा उपहार स्वरूप प्रदान किया।कैलाश खेर ने उपहार को स्वीकार करते हुये स्वामी चिदानन्द सरस्वती  से कहा कि आप मेरी शक्ति है।

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