अपनी अमिट छाप छोड़कर चले गये मनोहर पर्रिकर

देहरादून–गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन से बीजेपी और देश की राजनीति में अपूर्णीय क्षति हुई है,पर्रिकर एक सादगीपूर्ण ,विनम्र,शान्त और ईमानदार राजनेता थे।आई आई टी से पास आउट व्यक्ति गोवा के सीएम के रूप में बेहद सामान्य और सादगी के साथ रहते थे।जहाँ आज के नेता अपने प्रोटोकॉल, अपनी बड़ी गाड़ी,बड़े बंगले के लिए जाने जाते हैं वहीं पार्रिकर एक स्कूटर में अपनी हाफशर्ट ,पैंट पहनकर चश्मा लटकाकर निकलते थे,वे गोवा में 6 बार विधायक 4 बार मुख्यमंत्री रहे,एक बार राज्यसभा सांसद रहे,
उन्होंने गोवा के लिए अपना शत प्रतिशत योगदान दिया,सेवा ,सादगी और समर्पण से लवरेज पर्रिकर कैंसर जैसी भयानक बीमारी से जूझने  के बावजूद भी अंतिम सांस तक गोवा की सेवा में जुटे रहे,जो उनका  गोवा और देश के प्रति अपना प्रेम और समर्पण था।ये वही मनोहर पर्रिकर है जिन्होंने देश के रक्षामंत्री रहते हुए 2016 में दुश्मनों पर सर्जिकल स्ट्राइक के लिए देश के सैनिकों का उत्साह बढ़ाया और सेना की बेहतरी के लिए  हर अच्छे कदम उठाये।मनोहर पर्रिकर  ने ही 2013 में मोदी को बीजेपी की तरफ से पीएम उम्मीदवार बनाये जाने का प्रस्ताव रखा था।इस दुनिया से जाना सभी को है लेकिन कुछ विरले ही अपनी अमिट छाप छोड़कर जाते हैं, मात्र 64 वर्ष की उम्र में इतनी बड़ी उपलब्धि ,बड़ा सम्मान और हर किसी के मन  में एक विशेष छाप छोड़ना कोई महान व्यक्ति ही कर सकता है,13 दिसम्बर 1955 को जन्मे मनोहर पर्रिकर ने अपने घर में आखिरी सांस ली।सीएम होने के  बावजूद भी सामान्य जीवन जीना,सदैव गोवा और देश को आगे बढ़ाने के कार्य वो सदैव करते रहे।बीजेपी ने एक साल के भीतर स्व अटल बिहारी वाजपेयी , स्व अनन्त कुमार और अब स्व मनोहर पर्रिकर को खोया है जो कि बीजेपी ही नही बल्कि पूरे देश के लिए एक अपूर्णीय क्षति है।ईमानदार,कर्मठ और सादगी से रहने वाले गोवा के मुख्यमंत्री के निधन पर गोवा में गहरा शोक हैं ,गोवा और देश ने अपना सच्चा हमदर्द,करीबी  साथी खो दिया है।
ईश्वर मनोहर पर्रिकर की आत्मा को शान्ति दे।

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