सी-विजिल एप से होगी आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत
देहरादून- निष्पक्ष चुनाव के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किया गया है एप।ऑटोमेटेड लोकेशन मैपिंग के साथ फोटो या वीडिया होगी अपलोेड।शिकायतकर्ता को 100 मिनिट में मिल जाएगी कार्यवाही की जानकारी। आने वाले लोकसभा सामान्य निर्वाचन में सी-विजिल एप की सहायता से कोई भी नागरिक आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की आसानी से शिकायत कर सकेगा। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा तैयार किए गया सी-विजिल एप सभी नवीनतम एंड्रायड स्मार्ट फोन के अनुकूल है। इसको प्रयोग करना बहुत ही सरल है। इस एप्लीकेशन के लिए एक कैमरा, बेहतर इंटरनेट कनेक्शन व जीपीएस युक्त एंड्रायड स्मार्ट फोन जरूरी होगा। जब लोकसभा चुनावों की आदर्श आचार संहिता लागू होगी तब इस एप को सक्रिय कर दिया जाएगा। इसमें कोई भी नागरिक आचार संहिता उल्लंघन की शिकायत कुछ ही मिनटों में कर सकेगा। यहां तक की शिकायत अपलोड होने के 100 मिनटों में शिकायतकर्ता को, की गई कार्यवाही की जानकारी भी मिल जाएगी।
सी-विजिल एप निष्पक्ष चुनावों सम्पन्न कराने में नागरिकों की भूमिका बढ़ाएगा। इसके लिए केवल आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की घटना का एक फोटो या वीडियो बनाना होगा और संक्षिप्त विवरण के साथ मोबाईल एप्लीकेशन सी-विजिल के माध्यम से अपलोड करना है। इसके बाद संबंधित उड़न दस्ता कुछ ही मिनटों में उस स्थान तक पहुंच जाएगा। इसमें की गई शिकायत, साक्ष्य युक्त शिकायत होती है जो कि जिओ टैग होता है। यह शिकायतकर्ता की पहचान को भी गुप्त रखता है। शिकायतकर्ता, शिकायत के संबंध में की जा रही प्रक्रिया को ट्रेक भी कर सकता है। सी-विजिल एप का अपरेटिंग माॅडल: इसमें तीन चरणों में काम होता है। पहले चरण में आदर्श आचार संहिता उल्लंधन का मामला देखने पर नागरिक एप को खोलेगा और एक फोटो खींचेगा या वीडियो रिकार्ड करेगा। यह फोटो या वीडियो जीपीएस द्वारा ऑटोमेटेड लोकेशन मैपिंग के साथ ऐप पर अपलोड होगा। शिकायतकर्ता नागरिक को उसके मोबाईल पर एक यूनिक आईडी मिलेगी। इसका प्रयोग कर वह प्रक्रिया का अपडेट ले सकेगा।दूसरे चरण में नागरिक द्वारा एप से शिकायत की सूचना देने पर सूचना नियंत्रण कक्ष में बीप करेगा। यहां से इसे संबंधित फील्ड यूनिट को अग्रसारित कर दिया जाएगा। हर फील्ड यूनिट के पास एक जीआईएस आधारित मोबाईल एप्लीकेशन होती है जिसे कि सी-विजिल डिस्पेचर कहते हैं। इससे फील्ड यूनिट को लोकेशन सहित शिकायत प्राप्त हो जाती है।तीसरे चरण में फील्ड यूनिट द्वारा कार्यवाही करने के बाद संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को निर्णय व निस्तारण के लिए सी-विजिल डिस्पेचर के माध्यम से की गई कार्यवाही की रिपोर्ट दी जाएगी। घटना सही पाई जाती है तो आगे की कार्यवाही के लिए सूचना भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल को भेजी जाती है और शिकायतकर्ता नागरिक को शिकायत के 100 मिनट के भीतर की गई कार्यवाही से सूचित कर दिया जाता है।
सी-विजिल एप निष्पक्ष चुनावों सम्पन्न कराने में नागरिकों की भूमिका बढ़ाएगा। इसके लिए केवल आदर्श आचार संहिता उल्लंघन की घटना का एक फोटो या वीडियो बनाना होगा और संक्षिप्त विवरण के साथ मोबाईल एप्लीकेशन सी-विजिल के माध्यम से अपलोड करना है। इसके बाद संबंधित उड़न दस्ता कुछ ही मिनटों में उस स्थान तक पहुंच जाएगा। इसमें की गई शिकायत, साक्ष्य युक्त शिकायत होती है जो कि जिओ टैग होता है। यह शिकायतकर्ता की पहचान को भी गुप्त रखता है। शिकायतकर्ता, शिकायत के संबंध में की जा रही प्रक्रिया को ट्रेक भी कर सकता है। सी-विजिल एप का अपरेटिंग माॅडल: इसमें तीन चरणों में काम होता है। पहले चरण में आदर्श आचार संहिता उल्लंधन का मामला देखने पर नागरिक एप को खोलेगा और एक फोटो खींचेगा या वीडियो रिकार्ड करेगा। यह फोटो या वीडियो जीपीएस द्वारा ऑटोमेटेड लोकेशन मैपिंग के साथ ऐप पर अपलोड होगा। शिकायतकर्ता नागरिक को उसके मोबाईल पर एक यूनिक आईडी मिलेगी। इसका प्रयोग कर वह प्रक्रिया का अपडेट ले सकेगा।दूसरे चरण में नागरिक द्वारा एप से शिकायत की सूचना देने पर सूचना नियंत्रण कक्ष में बीप करेगा। यहां से इसे संबंधित फील्ड यूनिट को अग्रसारित कर दिया जाएगा। हर फील्ड यूनिट के पास एक जीआईएस आधारित मोबाईल एप्लीकेशन होती है जिसे कि सी-विजिल डिस्पेचर कहते हैं। इससे फील्ड यूनिट को लोकेशन सहित शिकायत प्राप्त हो जाती है।तीसरे चरण में फील्ड यूनिट द्वारा कार्यवाही करने के बाद संबंधित रिटर्निंग अधिकारी को निर्णय व निस्तारण के लिए सी-विजिल डिस्पेचर के माध्यम से की गई कार्यवाही की रिपोर्ट दी जाएगी। घटना सही पाई जाती है तो आगे की कार्यवाही के लिए सूचना भारत निर्वाचन आयोग के राष्ट्रीय शिकायत पोर्टल को भेजी जाती है और शिकायतकर्ता नागरिक को शिकायत के 100 मिनट के भीतर की गई कार्यवाही से सूचित कर दिया जाता है।
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