स्यूणी मल्ली मोटर मार्ग श्रमदान आन्दोलन
चमोली— गैरसैंण प्रखण्ड के स्यूणी मल्ली गांव के लोग 8 जनवरी से सड़क निर्माण में जुटे हैं और 20वें दिन भी उनका सड़क श्रमदान जारी है हांलांकि दो दिन वर्षा व हिमपात के कारण व्यवधान हुआ। एन एच109 में आगरचट्टी से 6 किमी दूर स्यूणी मल्ली गांव प्राथमिक शिक्षा में शिक्षक घनश्याम ढौंडियाल के अनुकरणीय योगदान से लगातार चर्चा में रहा है और गांव में ही अच्छी शिक्षा सुविधा के कारण गांव में बहुत कम पलायन हुआ है। यातायात असुविधा के चलते वृद्ध, गर्भवती महिलाएं, स्कूली बच्चे व आम जरुरत की चीजों के लिए परेशानी झेल रहे गांव वासियों ने 90 के दशक से ही मोटर मार्ग की मांग प्रारम्भ कर दी थी।
तीन दशक में गांव वासियों को कई बार सड़क स्वीकृत होने का झांसा दिया गया लेकिन सड़क बनी नहीं। कभी पर्यावरण आया तो कभी धनराशि या निर्माण दायी संस्थाओं का नकारापन। वर्तमान में आगरचट्टी से स्यूणी मल्ली के लिए मोटर मार्ग स्वीकृत है गत वर्ष मुख्य मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत उसका शिलान्यास कर चुके हैं। राज्य अवस्थापना निगम (ब्रिडकुल) को निर्माण का जिम्मा भी दिया है लेकिन एक साल में मात्र आश्वासन के सड़क निर्माण में कुछ भी आगे नहीं बढ़ा।
7 जनवरी को स्यूणी मल्ली के लोगों ने बड़ी संख्या में गांव से गैरसैंण तक पैदल चल कर प्रदर्शन किया कितना गैरसैंण तहसील मुख्यालय पर उनका ज्ञापन लेने के लिए कोई सक्षम अधिकारी नहीं था। वहीं गांववासियों ने लोकसभा व पंचायत चुनाव के बहिष्कार की घोषणा भी की और विवश गांववासियों ने 8 जनवरी से सड़क श्रमदान आन्दोलन शुरू कर दिया और कुदाल,गैंती,सब्बल के सहारे निर्माण कार्य में जुटे हैं। ग्रामवासियों का कहना है कि इन 20दिनों में गांव में राजस्व उप निरीक्षक के अलावा कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं आया लेकिन वे लगातार उत्साहित हैं। सोशल मीडिया सहित मीडिया में गांव वासियों की मेहनत छायी हुई है। निर्माण में जुटे युवा, वृद्ध, महिलाएं सब एक स्वर में कहती हैं - हम सड़क बना कर ही दम लेंगे।सड़क निर्माण के साथ ही स्यूणी मल्ली वासियों ने लोक सभा व पंचायत चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दे दी है।
तीन दशक में गांव वासियों को कई बार सड़क स्वीकृत होने का झांसा दिया गया लेकिन सड़क बनी नहीं। कभी पर्यावरण आया तो कभी धनराशि या निर्माण दायी संस्थाओं का नकारापन। वर्तमान में आगरचट्टी से स्यूणी मल्ली के लिए मोटर मार्ग स्वीकृत है गत वर्ष मुख्य मंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत उसका शिलान्यास कर चुके हैं। राज्य अवस्थापना निगम (ब्रिडकुल) को निर्माण का जिम्मा भी दिया है लेकिन एक साल में मात्र आश्वासन के सड़क निर्माण में कुछ भी आगे नहीं बढ़ा।
7 जनवरी को स्यूणी मल्ली के लोगों ने बड़ी संख्या में गांव से गैरसैंण तक पैदल चल कर प्रदर्शन किया कितना गैरसैंण तहसील मुख्यालय पर उनका ज्ञापन लेने के लिए कोई सक्षम अधिकारी नहीं था। वहीं गांववासियों ने लोकसभा व पंचायत चुनाव के बहिष्कार की घोषणा भी की और विवश गांववासियों ने 8 जनवरी से सड़क श्रमदान आन्दोलन शुरू कर दिया और कुदाल,गैंती,सब्बल के सहारे निर्माण कार्य में जुटे हैं। ग्रामवासियों का कहना है कि इन 20दिनों में गांव में राजस्व उप निरीक्षक के अलावा कोई प्रशासनिक अधिकारी नहीं आया लेकिन वे लगातार उत्साहित हैं। सोशल मीडिया सहित मीडिया में गांव वासियों की मेहनत छायी हुई है। निर्माण में जुटे युवा, वृद्ध, महिलाएं सब एक स्वर में कहती हैं - हम सड़क बना कर ही दम लेंगे।सड़क निर्माण के साथ ही स्यूणी मल्ली वासियों ने लोक सभा व पंचायत चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दे दी है।
Comments
Post a Comment