केदार घाटी मैं अब होगी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा पढ़ाई
केदारनाथ– आधुनिक दुनिया में जहां पूरे विश्व में तकनीक पर ज्यादा ध्यान देते हुए स्वास्थ्य सेवाओं में भी इस तकनीक का इस्तेमाल भारत भी कर रहा है, विभिन्न परिस्थितियों में भी डॉक्टर विदेश में बैठे डॉक्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा मरीज के रोग के बारे में जानकारी लेते हैं , तो वहीं उत्तराखंड में भी इस तकनीक का इस्तेमाल दूरस्थ शिक्षण संस्थाओं में लिया जा रहा है , इंटरनेट तकनीकी ऐसी तकनीकी है जिसमें दो या उससे अधिक कम्प्यूटर को निजी इंटरनेट प्रोटोकोल तकनीकी का उपयोग कर आपस में जोड़ दिया जाता है। इस तकनीकी से सूचनाओं का आदान प्रदान किया जा सकता है। इस तकनीकी का प्रयोग कर कोई बड़ी संस्था अपनी सूचनाओं को कर्मचरियों ता सुरक्षित रूप में भेज पाती है। इंटरनेट विभिन्न संस्थाओं के बीच कम्प्यूटर नेटवर्क है जबकि इंटरनेट किसी संगठन के अन्दर का कम्प्युटर नेटवर्क है। इस तकनीकी से कुछ कुछ दूरी पर स्थित अलग अलग सस्थानों या स्कूलों को भी जोड़ा जा सकता है और सूचनाओं का आदान प्रदान सुरक्षित रूप से किया जा सकता है। इस तकनीकी के माध्यम से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उत्तराखंड के दुरुस्ती क्षेत्र में क्षेत्रीय विधायक मनोज रावत की सराहनीय पहल से शिक्षा व्यवस्था में नई क्रांति जागृत होगी और शिक्षा की गुणवत्ता में
भी सुधार की उम्मीद जगी हैं , उत्तराखंड में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए केदार घाटी में आज कल एक अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। इस प्रयोग के तहत केदार घाटी के स्कूलों को इंटनेट से जोड़ा कर शिक्षण कार्य किए जा रहे है। पहले चरण में अभी सात स्कूलों को इसका लाभ दिया जा रहा है। इस प्रयोग के तहत ये सातों स्कूल एक दूसरे से लीज लाइन से जोड़ दिए गए हैं। अब इन स्कूलों में किसी भी स्कूल में अगर किसी विषय का अध्यापक नही होने पर दूसरे स्कूल के उसी विषय की क्लास बच्चे पढ़ सकते हैं। यह संभव है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रोजेक्टर पर वही विषय दूसरे स्कूल के बच्चे भी पढ़ सकते हैं। एक तरफ जहाँ शिक्षा विभाग शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है वही दूसरी तरफ केदारनाथ के विधायक मनोज रावत की इस पहल से प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।उनका कहना है इन विद्यालयों में राजकीय इंटर कॉलेज गुप्तकाशी, राजकीय इंटर कॉलेज उखीमठ , राजकीय इंटर कॉलेज रामपुर , नवोदय विद्यालय जाखधार व अन्य विद्यालय हैं विधायक केदारनाथ ने कहा की शुरुआती दौर में 5 स्कूलों को यह सुविधा अपनी विधायक निधि से मुहैया करवाई है। विधायक मनोज रावत ने कहा है कि धीरे धीरे इस तकनीकी से उनकी विधान सभा के सारे स्कूलों को जोड़ दिया जाएगा। जिससे किसी भी स्कूल में किसी भी विषय का अध्यापक न होने की कमी को महसूस नहीं किया और छात्रों को अध्यापन में कोई दिक्कत भी नहीं होगी और उनका कोर्स समय पर पूरा हो जाएगा। विधायक मनोज रावत की इस पहल के लिए केदारनाथ घाटी के सभी लोगों ,बच्चों और अध्यापकों ने स्वागत किया है।
भी सुधार की उम्मीद जगी हैं , उत्तराखंड में शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए केदार घाटी में आज कल एक अनूठा प्रयोग किया जा रहा है। इस प्रयोग के तहत केदार घाटी के स्कूलों को इंटनेट से जोड़ा कर शिक्षण कार्य किए जा रहे है। पहले चरण में अभी सात स्कूलों को इसका लाभ दिया जा रहा है। इस प्रयोग के तहत ये सातों स्कूल एक दूसरे से लीज लाइन से जोड़ दिए गए हैं। अब इन स्कूलों में किसी भी स्कूल में अगर किसी विषय का अध्यापक नही होने पर दूसरे स्कूल के उसी विषय की क्लास बच्चे पढ़ सकते हैं। यह संभव है वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रोजेक्टर पर वही विषय दूसरे स्कूल के बच्चे भी पढ़ सकते हैं। एक तरफ जहाँ शिक्षा विभाग शिक्षकों की भारी कमी से जूझ रहा है वही दूसरी तरफ केदारनाथ के विधायक मनोज रावत की इस पहल से प्रदेश में शिक्षा व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में सहायक सिद्ध हो सकती है।उनका कहना है इन विद्यालयों में राजकीय इंटर कॉलेज गुप्तकाशी, राजकीय इंटर कॉलेज उखीमठ , राजकीय इंटर कॉलेज रामपुर , नवोदय विद्यालय जाखधार व अन्य विद्यालय हैं विधायक केदारनाथ ने कहा की शुरुआती दौर में 5 स्कूलों को यह सुविधा अपनी विधायक निधि से मुहैया करवाई है। विधायक मनोज रावत ने कहा है कि धीरे धीरे इस तकनीकी से उनकी विधान सभा के सारे स्कूलों को जोड़ दिया जाएगा। जिससे किसी भी स्कूल में किसी भी विषय का अध्यापक न होने की कमी को महसूस नहीं किया और छात्रों को अध्यापन में कोई दिक्कत भी नहीं होगी और उनका कोर्स समय पर पूरा हो जाएगा। विधायक मनोज रावत की इस पहल के लिए केदारनाथ घाटी के सभी लोगों ,बच्चों और अध्यापकों ने स्वागत किया है।
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