मानवाधिकार की रक्षा का दायित्व सभी पर
देहरादून–प्रदेश के संसदीय कार्य, विधायी, भाषा, वित्त, आबकारी, पेयजल एवं स्वच्छता, गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री प्रकाश पन्त ने मुख्य अतिथि के रूप में कहा मानवाधिकार की रक्षा का दायित्व सभी पर है। मानवाधिकार की रक्षा हमारा संविधान करता है। संविधान यदि हमें मानवाधिकार देता है तो मानवाधिकार के प्रति कर्तव्य बोध भी कराता है। अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर यह विषय और भी प्रसांगिक हो जाता है। यह बात उन्होंने उत्तराखण्ड एजुकेटरर्स सम्मिट 2018 विषय पर फर्स्ट दिव्य हिमगिरी स्टेट लेबल एजुकेशन एक्सलेंस अवार्ड 2018 के अवसर पर कही। उन्होंने कहा एजुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड- 2018 से सम्मानित संस्थान और अधिक जिम्मेदारी के साथ उत्तराखण्ड राज्य में शैक्षणिक विकास को एक नई दिशा देंगे, ऐसा हम सभी का विश्वास है।
विशेष अतिथि के रूप में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि मानवाधिकार आम व्यक्तियों को बराबरी सम्मान से जीवन जीने की स्वतंत्रता देता है। अवार्ड मिलना एक जिम्मेदारी का अहसास कराता है। अवार्ड बेहतर रिजल्ट के लिए हमें तैयार करता है। विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस राजेश टंडन ने मानवाधिकार के उद्भव विकास की चर्चा करते हुए कहा मानवाधिकार स्वतंत्रता पूर्वक जीवन जीने एवं मनमानी गिरफ्तारी पर रोक लगाता है। जस्टिस केडी शाही ने मानवाधिकार के व्यावहारिक पहलू पर बल दिया।
इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, चिकित्सा एवं स्कूली शिक्षा संस्थान शेम्फोर्ड दून, दून इंटरनेशनल स्कूल, हिमज्योति स्कूल, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी,उत्तरांचल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, साई इंस्टिट्यूट, डीआईटी, लॉ कॉलेज देहरादून, कुकरेजा इंस्टीट्यूट, सिद्धार्थ लॉ कॉलेज, आम्रपाली इंस्टिट्यूट, रेडिएंस इंस्टीट्यूट व धन्या इंस्टिट्यूट के अलावा यूनिसन वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. वीना सिंह, वेल्हम्स स्कूल के वाईस प्रिंसिपल मिस्टर महेश कांडपाल को स्टेट लेवल एडुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड-2018 दिया गया
कार्यक्रम में आई आई टी दिल्ली से प्रो हरीश चौधरी, अजीत राणा, ज्योति धवन ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में राकेश ओबेरॉय,डॉ गीता खन्ना, राजीव वर्मा, श्रीनिवास, मोनिका डबराल, सुनील अग्रवाल, अमित गर्ग, परुषोत्तम भट्ट, आदि 300 से ज्यादा स्कूली प्रतिनिधि मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने एक स्मारिका का विमोचन भी किया।
विशेष अतिथि के रूप में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि मानवाधिकार आम व्यक्तियों को बराबरी सम्मान से जीवन जीने की स्वतंत्रता देता है। अवार्ड मिलना एक जिम्मेदारी का अहसास कराता है। अवार्ड बेहतर रिजल्ट के लिए हमें तैयार करता है। विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस राजेश टंडन ने मानवाधिकार के उद्भव विकास की चर्चा करते हुए कहा मानवाधिकार स्वतंत्रता पूर्वक जीवन जीने एवं मनमानी गिरफ्तारी पर रोक लगाता है। जस्टिस केडी शाही ने मानवाधिकार के व्यावहारिक पहलू पर बल दिया।
इस अवसर पर तकनीकी शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, चिकित्सा एवं स्कूली शिक्षा संस्थान शेम्फोर्ड दून, दून इंटरनेशनल स्कूल, हिमज्योति स्कूल, उत्तरांचल यूनिवर्सिटी,उत्तरांचल आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज, साई इंस्टिट्यूट, डीआईटी, लॉ कॉलेज देहरादून, कुकरेजा इंस्टीट्यूट, सिद्धार्थ लॉ कॉलेज, आम्रपाली इंस्टिट्यूट, रेडिएंस इंस्टीट्यूट व धन्या इंस्टिट्यूट के अलावा यूनिसन वर्ल्ड स्कूल की प्रिंसिपल डॉ. वीना सिंह, वेल्हम्स स्कूल के वाईस प्रिंसिपल मिस्टर महेश कांडपाल को स्टेट लेवल एडुकेशन एक्सीलेंस अवॉर्ड-2018 दिया गया
कार्यक्रम में आई आई टी दिल्ली से प्रो हरीश चौधरी, अजीत राणा, ज्योति धवन ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम में राकेश ओबेरॉय,डॉ गीता खन्ना, राजीव वर्मा, श्रीनिवास, मोनिका डबराल, सुनील अग्रवाल, अमित गर्ग, परुषोत्तम भट्ट, आदि 300 से ज्यादा स्कूली प्रतिनिधि मौजूद थे। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने एक स्मारिका का विमोचन भी किया।
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