हम अपने घर में भी नारियों का सम्मान करे
ऋषिकेश– नेशनल प्रेसिडेंट पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इण्डिया डाॅ अजीत पाठक के नेतृत्व में भारत के विभिन्न प्रांतों से इस सोसाइटी के सदस्य परमार्थ निकेतन आये और उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि हिन्दू धर्म के महान ग्रंथ श्रीमद् भागवत गीता जो सार्वभौमिक है; सभी के लिये है तथा विश्व मंगल का संदेश देने वाली है में बड़े ही सुन्दर ढ़ंग से कहा गया है ’’परस्परं भावयन्तः’’ अर्थात हम एक दूसरे के साथ मिलकर समाज में जागृति लाने वाले हर अभियान को हमें आगे बढ़ाना चाहिये, सरकार द्वारा जनता के लिये बेहतर योजनायें लायी जाती है लेकिन जागरण और जागृति के अभाव में श्रेष्ठ योजनाओं का भी उपयुक्त लाभ जनता को नहीं मिल पाता।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि नेशनल प्रेसिडेंट पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इण्डिया भारत के सभी प्रांतों में सभी से मिलकर, सभी से अप्रोच करके; सभी को जगाकर; सब के पास जाकर सामाजिक मुद्दोें को आगे बढ़ा रही है यह अति आवश्यक भी है इस हेतु।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि हिन्दू धर्म में नारी को बहुत सम्मान प्राप्त है। ’’यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’’ हम अपने घर में भी नारियों का सम्मान करे; नारी देवी है; पूज्या है उसे भोग्या नहीं बनाना और न ही समझना। नारी को भोग्या दृष्टि से न देखे क्योंकि जैसी हमारी दृष्टि होती है वैसी ही हमारी सृष्टि बन जाती है। उन्होने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को आगे बढ़ानेे के लिये; उज्जवला जैसी योजनायें तथा नारी को सम्मान दिलाने वाली; महिला सशक्तिकरण वाली योजनायें सरकारों ने लायी है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि मुझे लगता है नारी के अधिकारों, कर्तव्यों एवं अन्य कई सामाजिक योजनाओं को हमें आगे बढ़ाना चाहिये। हमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण के बारे में भी सभी को मिलकर कार्य करना चाहिये। मानव के ऊपर भी एक ऋण है; एक जिम्मेदारी है वह भी हम सभी को चुकाना है जो कि हमारा कर्तव्य भी है।नेशनल प्रेसिडेंट पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इण्डिया के सदस्यों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य में जल, पर्यावरण संरक्षण का संकल्प किया। साथ ही विश्व के सभी लोगों को स्वच्छ जल की आपूर्ति होती रहे इस हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना एवं भारत के विभिन्न प्रांतो से आये जी एम भार्गव , व्ही मधुसूदन,मौर्या, मोहन राव, प्रोफेसर सुधा, के प्रेम कुमार, डाॅ एस नागा, दीपक शर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि नेशनल प्रेसिडेंट पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इण्डिया भारत के सभी प्रांतों में सभी से मिलकर, सभी से अप्रोच करके; सभी को जगाकर; सब के पास जाकर सामाजिक मुद्दोें को आगे बढ़ा रही है यह अति आवश्यक भी है इस हेतु।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि हिन्दू धर्म में नारी को बहुत सम्मान प्राप्त है। ’’यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः’’ हम अपने घर में भी नारियों का सम्मान करे; नारी देवी है; पूज्या है उसे भोग्या नहीं बनाना और न ही समझना। नारी को भोग्या दृष्टि से न देखे क्योंकि जैसी हमारी दृष्टि होती है वैसी ही हमारी सृष्टि बन जाती है। उन्होने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को आगे बढ़ानेे के लिये; उज्जवला जैसी योजनायें तथा नारी को सम्मान दिलाने वाली; महिला सशक्तिकरण वाली योजनायें सरकारों ने लायी है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि मुझे लगता है नारी के अधिकारों, कर्तव्यों एवं अन्य कई सामाजिक योजनाओं को हमें आगे बढ़ाना चाहिये। हमें स्वास्थ्य, शिक्षा, पर्यावरण के बारे में भी सभी को मिलकर कार्य करना चाहिये। मानव के ऊपर भी एक ऋण है; एक जिम्मेदारी है वह भी हम सभी को चुकाना है जो कि हमारा कर्तव्य भी है।नेशनल प्रेसिडेंट पब्लिक रिलेशन सोसाइटी ऑफ इण्डिया के सदस्यों ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती के सान्निध्य में जल, पर्यावरण संरक्षण का संकल्प किया। साथ ही विश्व के सभी लोगों को स्वच्छ जल की आपूर्ति होती रहे इस हेतु विश्व ग्लोब का जलाभिषेक किया। इस अवसर पर मध्यप्रदेश, दिल्ली, तमिलनाडु, तेलंगाना एवं भारत के विभिन्न प्रांतो से आये जी एम भार्गव , व्ही मधुसूदन,मौर्या, मोहन राव, प्रोफेसर सुधा, के प्रेम कुमार, डाॅ एस नागा, दीपक शर्मा एवं अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
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