गैरसैंण के लिए राज्य आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन –यूकेड़ी
देहरादून–उत्तराखण्ड क्रान्ति दल की अग्रवाल धर्मशाला में दो दिवसीय बैठक के दूसरे दिन दिन कार्यकारिणी की बैठक दल के अध्यक्ष दिवाकर भट्ट की अध्यक्षता में हुई। बैठक में मुख्य मुद्दों पर चर्चा हुई जिसमें भाजपा सरकार को घेरते हुए चेतावनी दी है कि उत्तराखण्ड क्रान्ति दल द्वारा पारित मुद्दों पर सरकार सज्ञान ले अन्यथा राज्य आंदोलन की तर्ज पर आंदोलन करेगा। सदन द्वारा पारित प्रस्ताव व निर्णय जिसमे उत्तराखण्ड राज्य की राजधानी गैरसैंण अभिलंब घोषित हो। राज्य की किसानों की ऋण माफ़ी घोषित हो। कैग की रिपोर्ट में सरकार द्वारा खनन,आबकारी में हुए राजस्व नुकसान के लिए जिम्मेदार मंत्री से लेकर अधिकारियो पर कार्यवाही हो।
सरकार से मांग की गयी है कि आरक्षण के मुद्दे पर पूरे प्रदेश उत्तराखण्ड को 27 % आरक्षण की परिधि में लाया जाए। सरकारी विद्यालयों में अध्ययन करने वाले छात्रों को नौकरियो में पहली वरीयता दी जाय।सदन द्वारा पारित प्रस्ताव में निजी भूमि पर काश्तकार को चुगान का अधिकार मिले।उपनल व अन्य एजेंसियों से जो कर्मचारी वर्षो से सेवा दे रहे हो उनको नियमित किया जाय।राज्य के उधोगो में 70 प्रतिशत स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार की बाध्यता को सरकार पूरा करे अन्यथा उन उधोगो में जहाँ 70 प्रतिशत स्थानीय न होने पर दल कड़े कदम उठाएगा।जंगली जानवरों से कृषि को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठाए। संगठन के लिए बैठक में निर्णय लिया गया कि न्याय पंचायत, वार्ड, ब्लॉक, विधानसभा व जिलास्तर पर प्रभारी नियुक्त किये जायेंगे जो की दल के सदस्या अभियान के साथ साथ रीति नीतियों से जनता के बीच जाकर अवगत करायेगा।इस मिशन में प्रभारियों के साथ साथ 2017 विधान सभा चुनाव लड़े प्रत्याशियों को भी प्रतिबद्ध किया गया है । राज्य के इन 18 वर्षों में उत्तराखंड की बदहाली व्याप्त भष्ट्राचार, अनियोजित विकास, मूलभूत सुविधाओं का न होना, विशेषकर पहाड़ की बदहाली को लेकर दल गाँव बसाओ राज्य बचाओ नारे के साथ राज्य का गाँव गाँव व वार्ड सत्र तक का दूसरा चरण अक्टूबर माह से शुरू करेगा।बैठक में दल का संरक्षक, सलाहकार मंडल, सभी जनपदों के जिलाध्यक्ष,केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी गण ने प्रतिभाग किया।बैठक में सर्व त्रिवेंद्र पंवार,जगदीश बुधानी,सुरेंद्र कुकरेती, डी० एन० टोडरिया, चंद्र। शेखर कापड़ी,पंकज व्यास,डी०डी० जोशी, अवतार सिंह राणा,सुनील ध्यानी,आनंद सिलमाना,शान्ति भट्ट,दिनेश बडोला, डी०के०पाल,के०एन०डोभाल,बहादुर सिंह रावत,बिहारी लाल जालंधरी,विक्रम बिष्ट,कुंदन बिष्ट,आनंद सिंह असगोला,राम सिंह धामी,सुशील उनियाल,रविंद्र वशिष्ठ, देवेंद्र चमोली,प्रमिला रावत,गीता बिष्ट,रेखा मियां, राजेश्वरी रावत,सुलोचना बहुगुणा,सुचित्रा देवी,मुन्नी बंगारी, हिमानी, सी० पी०जोशी,राकेश राजपूत,दिनेश भट्ट,नितिन सैनी,राजेंद्र नौटियाल,नंदलाल काम्बोज,लताफत हुसैन,राकेश बिष्ट,गणेश भट्ट,सुबोध पोखरियाल,मोहित डोभाल,लक्ष्मी प्रसाद भट्ट,सत्यनारायण भट्ट,विपिन रावत, आदि थे।
सरकार से मांग की गयी है कि आरक्षण के मुद्दे पर पूरे प्रदेश उत्तराखण्ड को 27 % आरक्षण की परिधि में लाया जाए। सरकारी विद्यालयों में अध्ययन करने वाले छात्रों को नौकरियो में पहली वरीयता दी जाय।सदन द्वारा पारित प्रस्ताव में निजी भूमि पर काश्तकार को चुगान का अधिकार मिले।उपनल व अन्य एजेंसियों से जो कर्मचारी वर्षो से सेवा दे रहे हो उनको नियमित किया जाय।राज्य के उधोगो में 70 प्रतिशत स्थानीय व्यक्तियों को रोजगार की बाध्यता को सरकार पूरा करे अन्यथा उन उधोगो में जहाँ 70 प्रतिशत स्थानीय न होने पर दल कड़े कदम उठाएगा।जंगली जानवरों से कृषि को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठाए। संगठन के लिए बैठक में निर्णय लिया गया कि न्याय पंचायत, वार्ड, ब्लॉक, विधानसभा व जिलास्तर पर प्रभारी नियुक्त किये जायेंगे जो की दल के सदस्या अभियान के साथ साथ रीति नीतियों से जनता के बीच जाकर अवगत करायेगा।इस मिशन में प्रभारियों के साथ साथ 2017 विधान सभा चुनाव लड़े प्रत्याशियों को भी प्रतिबद्ध किया गया है । राज्य के इन 18 वर्षों में उत्तराखंड की बदहाली व्याप्त भष्ट्राचार, अनियोजित विकास, मूलभूत सुविधाओं का न होना, विशेषकर पहाड़ की बदहाली को लेकर दल गाँव बसाओ राज्य बचाओ नारे के साथ राज्य का गाँव गाँव व वार्ड सत्र तक का दूसरा चरण अक्टूबर माह से शुरू करेगा।बैठक में दल का संरक्षक, सलाहकार मंडल, सभी जनपदों के जिलाध्यक्ष,केंद्रीय कार्यकारिणी के पदाधिकारी गण ने प्रतिभाग किया।बैठक में सर्व त्रिवेंद्र पंवार,जगदीश बुधानी,सुरेंद्र कुकरेती, डी० एन० टोडरिया, चंद्र। शेखर कापड़ी,पंकज व्यास,डी०डी० जोशी, अवतार सिंह राणा,सुनील ध्यानी,आनंद सिलमाना,शान्ति भट्ट,दिनेश बडोला, डी०के०पाल,के०एन०डोभाल,बहादुर सिंह रावत,बिहारी लाल जालंधरी,विक्रम बिष्ट,कुंदन बिष्ट,आनंद सिंह असगोला,राम सिंह धामी,सुशील उनियाल,रविंद्र वशिष्ठ, देवेंद्र चमोली,प्रमिला रावत,गीता बिष्ट,रेखा मियां, राजेश्वरी रावत,सुलोचना बहुगुणा,सुचित्रा देवी,मुन्नी बंगारी, हिमानी, सी० पी०जोशी,राकेश राजपूत,दिनेश भट्ट,नितिन सैनी,राजेंद्र नौटियाल,नंदलाल काम्बोज,लताफत हुसैन,राकेश बिष्ट,गणेश भट्ट,सुबोध पोखरियाल,मोहित डोभाल,लक्ष्मी प्रसाद भट्ट,सत्यनारायण भट्ट,विपिन रावत, आदि थे।
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