मैं नॉन-वेज पॉलिटिशियन हूं -हरीश रावत

देहरादून- पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपनी पत्रकार वार्ता में कहा है कि मैं नॉन-वेज पॉलिटिशियन हूं और मैं इस प्रदेश के लिए हर संभव कार्य करूंगा उन्होंने जलपुरुष के साथ मिलकर स्थानीय होटल में पत्रकार वार्ता की  वही राजेन्द्र सिंह ने होटल पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि,आज हमारे देश सहित दुनिया मे पानी की बहुत समस्या है उक्त समस्या का समाधान कैसे हो ये राजेन्द्र सिंह बेहत्तर बता पाएंगे।राजेन्द्र सिंह ने कहा कि,आज हिमालय व गंगा दोनों संकट में है हम 2010 से गंगा को अविरल बनाने के लिए आंदोलन कर रहे थे लेकिन 2014 में मोदी ने कहा कि मै गंगा को अविरल करने का कार्य करूँगा जिस पर हमने अपना आंदोलन रोक दिया था और इसी दौरान मैंने गंगा के उदगम स्थल से गंगा सागर तक निरीक्षण किया लेकिन दुख की बात है कि गंगा में सफाई का कोई कार्य नही हुआ,भाजपा सरकार के इन साढ़े चार सालों में गंगा ना अविरल हुई ना ही निर्मल।भागीरथी नदी के संबंध में 2009 में अच्छे निर्णय हुए थे।चुनाव में गंगा के नाम पर आपने वोट मांगा और आप जीते भी है लेकिन उसी गंगा के लिए आपने कोई कार्य नही किया।मैन अपने जीवन मे 11 नदियों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है
 जिसमे राजस्थान,महाराष्ट्र की नदियां शामिल है लेकिन आज मन दुखी है कि माँ गंगा आज आईसीयू में भर्ती है।2009 में भागीरथी को अविरल करने का जैसा कार्य गोमुख से हुआ था वैसा ही कार्य आज अलकनंदा,मंदाकनी में भी होनी चाहिए।उत्तराखंड में निर्माणाधीन आल वैदर रोड के कारण आज हिमालय खतरे में पड़ गया है,रोड का मालवा नदी में डाला जा रहा है जिस कारण पहाड़ खतरे में पड़ गए है व हिमालय का सपोर्ट कम हो रहा है।ऐसी स्थिति में उत्तराखंड में 2013 से भी भीषण आपदा आ सकती है।हिमालय पर्यटन नही हिमालय तीर्थाटन है।मै केंद्र सरकार से पूछना चाहता हूं कि आपने इन साढ़े चार सालों में गंगा के लिए क्या किया।अगर उत्तराखंड सरकार मुझसे आग्रह करें तो मै हिमालय व गंगा दोनों के जल को संग्रह कर सकता हूं।गंगा व हिमालय को बचाने के लिए कानूनी व्यवस्था होनी जरूरी है।हम गंगा के लिए आंदोलन कर रहे  ज्ञान स्वरूप सारंग के साथ है व उनका समर्थन करते है।रिष्पना नदी को जीवित करने के लिए मैंने मा,मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी सलाह दी थी तथा कहा था कि रिष्पना नदी के उद्गम में जो जल बरसता है उसे ही संचित किया जाय एक बार अगर पानी रुक गया तो अपने आप बहेगा।रिष्पना नदी में कई चैलेंजेस है पहले उन चैलेंजेस को दूर किया जाय तभी रिष्पना जीवित हो पाएगी।

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