मुख्यमंत्री के तानाशाहीपूर्ण आदेश के खिलाफ़ प्रदेशस्तरीय आंदोलन
देहरादून-आम आदमी पार्टी द्वारा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के जनता दरबार में फरियादी शिक्षिका के निलंबन व गिरफ़्तारी के तानाशाहीपूर्ण आदेश जारी करने के विरोध में स्थानीय लैंसडोन चौक पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का पुलला दहन किया।विदित हो कि दो दिन पूर्व ही सीएम आवास में आयोजित प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के जनता दरबार में अपने स्थानान्तरण की माँग को लेकर आयी उत्तरकाशी जिले के सुदूर क्षेत्र नौगाँव में कार्यरत शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा को मुख्यमंत्री द्वारा तत्काल निलंबन व गिरफ़्तारी के आदेश जारी किये गये थे।आप" नेताओं ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुये कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में एक महिला शिक्षक के साथ हुयी इस शर्मनाक घटना ने एक बार फिर से भाजपा व इसके नेताओं के महिला दमनकारी व महिला विरोधी चाल, चरित्र व चेहरे को जनता के सामने बेनकाब कर दिया है पिछले 20 वर्षों से अधिक समय से दुर्गम क्षेत्र में अपनी सेवा दे रही शिक्षिका अपने पति की मृत्यु के पश्चात देहरादून में नियुक्ति माँग रही थी जो कि सरकार की तबादला नीति के अनुसार मानवीय व न्यायोचित है। मुख्यमंत्री द्वारा उनके निलंबन व गिरफ़्तारी के मौखिक आदेश देना असंवेदनशील, असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक है। "आप" नेताओं ने आरोप लगाया की प्रदेश सरकार की
तबादला नीति पैसे के आपसी लेनदेन व भ्रष्टाचार का माध्यम बन चुकी है। त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार में अफसरशाही हावी है और सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुयी है। स्वंय मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी सुनीता रावत व अन्य भाजपा नेताओं की पत्नियाँ नियम-कायदों को ढेंगा दिखाते हुये पिछले कई वर्षों से देहरादून के सुगम क्षेत्र में काबिज हैं। उत्तराखंड की भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस का दावा करने वाली प्रदेश की डबल इंजन की त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार अपनी नीतियों की नाकामियों की भड़ास निरीह जनता पर निकाल रही है।
द्रोणपुरी मेंं एक शिक्षक का अपमान वो भी एक महिला शिक्षक उससे भी बड़ी और एक बात प्रदेश के मुखिया द्वारा किया गया अभद्र व्यहवार। जिस देव भूमि को नारी शक्ति के कारण एक अलग पहचान मिली, जिस राज्य के लिए महिलाओं ने बलिदान दिये, आज उसी नारी शक्ति का अपमान तक करने से नही चूक रही ये तानाशाह सरकार। जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई है तब से समय समय पर् नारी शक्ति का अपमान इनके विधायकों व मंत्रियों द्वारा किया जाता रहा है। अभी कुछ समय पहले रुद्रपुर के बाहुबली
विधायक राजकुमार ठकुराल द्वारा एक महिला को सरे आम गन्दी गलियों व मारिपटाई करके अपमानित किया गया। उसी तर्ज पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय द्वारा एक स्कूल में महिला शिक्षक से अभद्र व्यहवर किया गया ।महिला सम्मान व नारी शक्ति और "बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ" की बात करने वाली बीजेपी का चाल चरित्र व चेहरा तब जनता के सामने उजागर हुआ जब एक प्रदेश के मुखिया ने तानाशाह रवैया अपनाते हुए एक विधवा बेबस औरत को नौकरी से निलंबित कर दिया।आप" नेताओं ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के जनता दरबार विवादित होते जा रहे हैं। पूर्व में भी कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में हल्द्वानी के व्यापारी प्रकाश पाँडे द्वारा जहर खाकर आत्महत्या करने की घटना घट चुकी है। प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं के प्रति उदासीन व असंवेदनशील है। भाजपा नेता सत्ता के घमंड में भूल गये हैं कि ये राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है। आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से माँग की है कि शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा के निलंबन आदेश व उनके खिलाफ़ भी कानूनी कार्यवाही को तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुये मानवीय आधार पर उनकी स्थानान्तरण की माँग पर उचित निर्णय लिया जाये अन्यथा आम आदमी पार्टी राज्य सरकार के इस तानाशाहीपूर्ण आदेश के खिलाफ़ प्रदेशस्तरीय आंदोलन छेड़ने पर बाध्य होगी। विरोध-प्रदर्शन में प्रदेश संचालन समिति अध्यक्ष नवीन पिरशाली, प्रदेश संगठन मंत्री उमा सिसौदिया, मध्य दून जिलाथ्यक्ष विशाल चौधरी, महानगर अध्यक्ष विशाल चौधरी, कुलदीप सहदेव, पुष्पा रावत, विपिन खन्ना, विनोद बजाज, सरिता गिरी, सुधीर पन्त, मीना नागपाल, शिखा गुप्ता, राजेंद्र सिंह, रविन्द्र सिंह, दीपक केसला, योगेश नन्दा, विंसी पांचाल, शैलेश तिवारी, रोहित कुमार, जे.सी. मिश्रा, कमल राना, पवन रावत, मंजू शर्मा सहित अनेक कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।
तबादला नीति पैसे के आपसी लेनदेन व भ्रष्टाचार का माध्यम बन चुकी है। त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार में अफसरशाही हावी है और सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुयी है। स्वंय मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी सुनीता रावत व अन्य भाजपा नेताओं की पत्नियाँ नियम-कायदों को ढेंगा दिखाते हुये पिछले कई वर्षों से देहरादून के सुगम क्षेत्र में काबिज हैं। उत्तराखंड की भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस का दावा करने वाली प्रदेश की डबल इंजन की त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार अपनी नीतियों की नाकामियों की भड़ास निरीह जनता पर निकाल रही है।
द्रोणपुरी मेंं एक शिक्षक का अपमान वो भी एक महिला शिक्षक उससे भी बड़ी और एक बात प्रदेश के मुखिया द्वारा किया गया अभद्र व्यहवार। जिस देव भूमि को नारी शक्ति के कारण एक अलग पहचान मिली, जिस राज्य के लिए महिलाओं ने बलिदान दिये, आज उसी नारी शक्ति का अपमान तक करने से नही चूक रही ये तानाशाह सरकार। जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार सत्ता में आई है तब से समय समय पर् नारी शक्ति का अपमान इनके विधायकों व मंत्रियों द्वारा किया जाता रहा है। अभी कुछ समय पहले रुद्रपुर के बाहुबली
विधायक राजकुमार ठकुराल द्वारा एक महिला को सरे आम गन्दी गलियों व मारिपटाई करके अपमानित किया गया। उसी तर्ज पर प्रदेश के शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय द्वारा एक स्कूल में महिला शिक्षक से अभद्र व्यहवर किया गया ।महिला सम्मान व नारी शक्ति और "बेटी बचाओ -बेटी पढ़ाओ" की बात करने वाली बीजेपी का चाल चरित्र व चेहरा तब जनता के सामने उजागर हुआ जब एक प्रदेश के मुखिया ने तानाशाह रवैया अपनाते हुए एक विधवा बेबस औरत को नौकरी से निलंबित कर दिया।आप" नेताओं ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के जनता दरबार विवादित होते जा रहे हैं। पूर्व में भी कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में हल्द्वानी के व्यापारी प्रकाश पाँडे द्वारा जहर खाकर आत्महत्या करने की घटना घट चुकी है। प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं के प्रति उदासीन व असंवेदनशील है। भाजपा नेता सत्ता के घमंड में भूल गये हैं कि ये राजतंत्र नहीं लोकतंत्र है। आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से माँग की है कि शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा के निलंबन आदेश व उनके खिलाफ़ भी कानूनी कार्यवाही को तत्काल प्रभाव से रद्द करते हुये मानवीय आधार पर उनकी स्थानान्तरण की माँग पर उचित निर्णय लिया जाये अन्यथा आम आदमी पार्टी राज्य सरकार के इस तानाशाहीपूर्ण आदेश के खिलाफ़ प्रदेशस्तरीय आंदोलन छेड़ने पर बाध्य होगी। विरोध-प्रदर्शन में प्रदेश संचालन समिति अध्यक्ष नवीन पिरशाली, प्रदेश संगठन मंत्री उमा सिसौदिया, मध्य दून जिलाथ्यक्ष विशाल चौधरी, महानगर अध्यक्ष विशाल चौधरी, कुलदीप सहदेव, पुष्पा रावत, विपिन खन्ना, विनोद बजाज, सरिता गिरी, सुधीर पन्त, मीना नागपाल, शिखा गुप्ता, राजेंद्र सिंह, रविन्द्र सिंह, दीपक केसला, योगेश नन्दा, विंसी पांचाल, शैलेश तिवारी, रोहित कुमार, जे.सी. मिश्रा, कमल राना, पवन रावत, मंजू शर्मा सहित अनेक कार्यकर्तागण उपस्थित रहे।
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