अन्तराष्ट्रीय ड्रग्स दिवस पर कार्यशाला

देहरादून-अनिल के0 रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड की अध्यक्षता में अन्तराष्ट्रीय ड्रग्स दिवस के अवसर पर नशीले पदार्थों के दुरूपयोग और अवैध व्यापार के विरूद्घ जनजागरुकता के उद्देश्य से पुलिस लाईन देहरादून में कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए अनिल के0 रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक, उत्तराखण्ड ने कहा कि समाज के लिए ड्रग्स एक बड़ी चुनौती है, इससे पार होने के लिए हम सब को एकत्र होना पड़ेगा जिसके लिए चैतन्य कि आवश्यकत है, जागरुकता कि आवश्यकता है। हमें निरन्तर सजग रहने की आवश्यकता है। पुलिस का कार्य कानून को लागू करने का है। इस चुनौती से निपटने के लिए हमे संगठित होकर एक दूसरे से बहतर समन्वय स्थापित करना होगा। ताकि समाज स्वस्थ रहे। हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम इस चुनौती से निपटने के लिए आपके पास कोई सूचना हो तो आप हमे दें हमारे अधिकारी आपके साथ खड़े हैं। हम आपकी सूचना पर निश्चित ही कार्यवाही कर आपको भी सुरक्षा प्रदान करेंगे।

अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक, अपराध एवं कानून व्यवस्था ने कहा कि ड्रग्स एक ऐसा अपराध है जिसमें कोई शिकायतकर्ता सामने नही आता है। यह एक ऐसा खतरा है जिससे पूरे समाज और देश को खतरा है। इससे निपटने के लिए हमें अपना Enforcement का दायरा बढ़ाना होगा। इसी कड़ी में हमने थाना, जनपद एवं राज्य स्तर पर 3 Tier  एन्टी ड्रग्स टास्क फोर्स का गठन किया जायेगा। आपसे अनुरोध है कि आप आगे बढ़कर हमें सूचना दें ताकि ड्रग्स से विरुद्ध हम एक प्रभावी लड़ाई लड़ सकें। सभी स्कूलों/कॉलेजों में एक-एक ड्रग अधिकारी नियुक्त किये जायें। ये अधिकारी, एन0जी0ओ0 के सदस्य  एन्टी ड्रग्स टास्क फोर्स से समन्वय स्थापित कर इस चुनौती से निपटने के लिए कार्य करें।रविशंकर जोशी, अधीक्षक,नारकोटिक्स कन्ट्रोल ब्यूरो, देहरादून द्वारा अपनी प्रस्तुतिकरण के माध्यम से ड्रग्स के विरुद्ध की गई कार्यवाही एवं गिरफ्तारियों के सम्बन्ध में जानकारी दी गई।

 प्रीत कोहली, निदेशक, जाग्रति फाउण्डेशन ट्रस्ट, शोभित ग्रग मनोचिकित्सक, मैक्स अस्पताल देहरादून एवं डॉ0 एम0एच0 शुक्ला, मनोवैज्ञानिक ग्रफिक एरा देहरादून द्वारा बताया गया कि आज का युवा वर्ग किस प्रकार से नशे की गिरफ्त में है। पुलिस ड्रग्स की रोकथाम हेतु कार्य कर रही है जिसमें हमें भी सहयोग देने की आवश्यकता है। हमें अपने घर से शुरुआत करनी होगी। परिजनों को भावनात्मक रुप से मजबूत बना होगा। अपने बच्चों के व्यवहार पर नजर रहें उनके दोस्तों के बारे में जाने। बच्चे के नशे की गिरफ्त में आने पर इन्तजार न करें, तुरन्त कदम उठायें।उक्त कार्यशाला में जिसमें अशोक कुमार, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, दीपम सेठ, पुलिस महानिरीक्षक, अपराध एवं कानून व्यवस्था, उत्तराखण्ड, पुष्पक ज्योति, पुलिस उपमहानिरीक्षक, गढ़वाल परिक्षेत्र, रिधिम अग्रवाल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ/प्रभारी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, सहित विभिन्न नशामुक्ति केन्द्रों के संचालकों, चिकित्सकगणों एवं विभिन्न स्कूलों/कॉलेजों के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहें।  

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