तस्बीह हाथ में लेकर भारत की तस्वीर बदलने का समय......

ऋषिकेश-परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती और भारतीय इस्लामी विद्वान, पूर्व राज्यसभा सदस्य और जमीयत उलेमा ए हिन्द के राष्ट्रीय महासचिव हजरत मौलाना महमूद मदनी साहब के मध्य आज परमार्थ निकेतन आश्रम में सौहार्दपूर्ण भेंटवार्ता सम्पन्न हुई जिसमें कई क्रन्तिकारी फैसले लिये गये विशेष वार्ता में स्वामी  चिदानन्द सरस्वती और मौलाना मदनी साहब के मध्य वृहद स्तर पर वृक्षारोपण कराने हेतु विशेष वार्ता हुई। जमीयत उलेमा ए हिन्द, गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन और ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस मिलकर देश के एक हजार से अधिक मदरसों में वृहद स्तर पर इस वर्ष वृक्षारोपण किया जायेगा। जिसमें हिन्दू एवं बौद्ध धर्म के धर्म के धर्मगुरू, इस्लामिक विद्वान, मौलाना और विभिन्न धर्मों के धर्मगुरू मिलकर ऋषिकेश से देवबन्द, रिस्पना के तट एवं अन्य शिक्षण एवं धार्मिक संस्थानों में वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत करने की योजना बनायी गयी ताकि छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के साथ धर्मनिरपेक्षता, साम्प्रदायिक एकता एवं सद्भाव का संदेश दिया जा सके। स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा,प्रकृति  और पर्यावरण संरक्षण के साथ हम भी एक-दूसरे की प्रकृति को
समझे, प्यार और सहकार के रिश्तों में आने वाली सभी दीवारों को पाटते हुये तथा दरारों को भरते हुये प्रकृति से प्रकृति का मिलन होने दे; हम एक-दूसरे की प्रकृति को समझे और एक नई संस्कृति का निर्माण करे और वह संस्कृति हो सद्भाव, समरसता और भाईचारे की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि देश में जितने मदरसे है और मदरसों में जितने काबिले एहतराम मौलाना एवं इमाम है उतने़ ’शहतूत और शराफत’ ’अमरूद और अमन’ ’मौलश्री और मुहब्बत’ आदि के पेड़ लगाये। वर्तमान समय वृक्षों की महिमा को समझने का समय है। उन्होने कहा, हम एक-दूसरे के बहुत ही करीब हैं।  हम इन्सानियत को तवज्जो देते हुये एक-दूसरे के और ज्यादा करीब आये और यही हमारा नसीब है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि हमारे आस-पास जितने जलाशय; नदियाँ-नालें है उन्हें शुद्ध और स्वच्छ रखने के लिये  औषधियुक्त पौधों का रोपण करे। स्वामी ने कहा कि अब तो ’तस्बीह (माला) हाथ में लेकर भारत की तस्वीर’ बदलने का समय आ गया है; जब तक भारत के नालों की तस्वीर नहीं बदलेगी तब तक तस्बीह वहीं बैंठकर फेरी जाये। ऐसा संकल्प हो कि केवल तस्बीह नहीं फिरेगी बल्कि देश की तस्वीर भी फिरेगी। उन्होने कहा आज देश में कई ऐसे आन्दोलनों की आवश्यकता है जिससे हमारा राष्ट्र के हंसते खिलते गुलशन में हमेशा ही सद्भाव, भाईचारे और समसरता की खुशबू प्रसारित होती रहे।’महमूद मदनी साहब ने बताया कि ’’मिशन ग्रीन के तहत देश के एक हजार मदरसों में वृक्षारोपण अभियान चलाया जायेगा। प्रथम चरण में ऋषिकेश से देवबन्द,  द्वितीय चरण में देवबन्द से दिल्ली और तृतीय चरण में दिल्ली से अजमेर शरीफ दरगाह तक रास्ते में पड़ने वाले सभी मदरसों को हरियाली से युक्त किया जायेगा। इस अभियान से केवल दरख्त (वृक्ष) ही नहीं लगंेगे बल्कि शक और शुबहोेें की
दीवारे भी गिरेगी तथा दरारे भी भरेगी साथ ही मुहब्बत का माहौल बनेगा। मुहब्बत से ही मुल्क बदलेगा। ये मदरसों से मुल्क की यात्रा है जो शुरू होगी ऋषिकेश से। आगामी समय में पूरे देश भर में हम ’अमन और एकता’ के लिये अनेक कार्यक्रम आयोजित कर रहे है जिसमें स्वामी चिदानन्द सरस्वती को विशेष रूप से आंमत्रित किया जमीयत उलेमा ए हिन्द के किशनगंज, बिहार में आयोजित ’अमन और एकता’ महासम्मेलन जिसके विशेष अतिथि स्वामी चिदानन्द सरस्वती थे तथा इस सम्मेलन में ढाई लाख से भी अधिक मुस्लिम भाई, मौलाना, उलेमा, इमाम एवं भारतीय राजनीति से विधायक, सांसद, मंत्री एवं अनेक गणमान्य अतिथियों ने शिरकत की थी और इस सम्मेलन द्वारा देश में अमन और एकता का नया माहौल पैदा हुआ आज उस क्षण को दोनों धर्मगुरूओं ने याद करते हुये कहा कि साम्प्रदायिक एकता स्थापित करने के लिये इस तरह के आयोजनों की नितांत आवश्यकता है। स्वामी
चिदानन्द सरस्वती  ने कहा कि बिहार एवं वतन में लानी है बहार तो सभी को मिलकर कार्य करना होगा।स्वामी चिदानन्द सरस्वती  और मौलाना मदनी साहब ने देश के अमन, चैन और बहार स्थापित करने हेतु मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया। स्वामी जी महाराज ने मौलाना मदनी साहब को पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया। दोनों धर्मगुरूओं की आज की वार्ता ऐतिहासिक रही जो कि पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में विलक्षण परिवर्तनकारी सिद्ध होगी।

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