कांग्रेस के प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से मुलाकात की
देहरादून -प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में कांग्रेसजनों के एक प्रतिनिधिमण्डल ने राजभवन देहरादून में राज्यपाल डाॅ0 के0के0 पाॅल से मुलाकात कर उन्हें राज्य के लगातार हो रही किसानों की आत्महत्या एवं उनकी समस्याओं को लेकर ज्ञापन प्रेषित किया।राज्यपाल को सौंपे ज्ञापन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा है कि जीवन के लिए प्राणवायु और जल के बाद तीसरे स्थान पर अन्न सर्वोपरि है। चिन्ता का विशय है कि आज सबसे अधिक उपेक्षा देश के अन्नदाता की हो रही है। किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य न मिल पाने, समय पर खाद-बीज न मिल पाने तथा बिजली व सिंचाई सुविधा की परेषानियों के कारण किसान लगातार कर्ज के बोझ से दबता जा रहा है। फसल का उचित मूल्य न मिलने से किसान बैंकों व साहूकारों से लिया गया कर्जा नहीं लौटा पा रहे हैं। प्रदेश का किसान अपनी
समस्याओं के समाधान को लेकर अपेक्षा कर रहा है कि केन्द्र व राज्य सरकार उनकी समस्याओं का निदान करेगी, लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में अभी तक कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसी स्थिति में देष व प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में 2017 में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपनी विभिन्न चुनावी सभाओं तथा भाजपा ने अपने दृश्टि पत्र में राज्य की जनता से वायदा किया था कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने की दषा में किसानों के कर्ज माॅफ किये जायेंगे, किसानों को ब्याज रहित ऋण दिया जायेगा तथा गन्ना किसानों का बकाया भुगतान
15 दिन के अन्दर किया जायेगा। राज्य सरकार के कार्यकाल को एक वर्श से अधिक का समय व्यतीत होने के उपरान्त भी राज्य सरकार अपने इन वायदों पर अमल करने में विफल रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि देश में किसानों की आत्महत्या से अभी तक अछूती देवभूमि उत्तराखण्ड में भी 16 जून 2017 से किसानों की आत्महत्या का सिलसिला लगातार जारी है। बैंक व साहूकारों के कर्ज के बोझ से दबे अब तक कुल 9 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। जनपद पिथौरागढ़ के सुरेन्द्र सिह, जनपद टिहरी के विकासखण्ड प्रतापनगर निवासी दिनेश प्रसाद सेमवाल एवं विकासखण्ड चम्बा के राजकुमार, जनपद उधमसिंहनगर के विकासखण्ड खटीमा के रामऔतार एवं विकासखण्ड बाजपुर के बलविन्दर सिह द्वारा आत्महत्या की गई तथा उधमसिंहनगर के विकासखण्ड खटीमा के किसान भजन सिह की बैंक की वसूली के नोटिस आने के बाद हृदय घात से हुई मृत्यु, जनपद हरिद्वार के झबरेड़ा निवासी किसान सुदेश कुमार त्यागी द्वारा आत्महत्या और अब जनपद उधमंसिहनगर के बिज्टी गांव निवासी मुख्त्यार सिंह ने बैंक व साहूकारों लिए कर्ज को न चुका पाने के कारण आत्महत्या का रास्ता अख्तियार किया है, यह गम्भीर चिन्ता का विशय है। उत्तराखण्ड की देवभूमि में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला आगे न बढ़े, इस हेतु राज्य सरकार के स्तर पर किसानों की समस्याओं के समाधान की दिषा में अविलम्ब ठोस प्रभावी कदम उठाये जाने की आवष्यकता है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से आग्रह करते हुए निम्न बिन्दुओं पर प्रदेष सरकार को तत्काल कार्रवाई के निर्देश देने की मांग की है।उत्तराखण्ड राज्य के किसानों का ऋण तत्काल माफ किया जाय। -फसलों का समर्थन मूल्य घोशित करते हुए किसानों के उत्पादों को खरीदा जाय तथा मौसम की मार से बर्बाद हुई फसलों का किसानों को उचित मुआबजा दिया जाय।-किसानों को कृशि कार्य हेतु ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाय। -मृतक किसानों के आश्रितों को समुचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाय।कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के अलावा पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार, महामंत्री गोदावरी थापली, पूर्व प्रमुख प्रभुलाल बहुगुणा, किसान कांग्रेस के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, पूर्व दर्जा मंत्री योगेन्द्र खण्डूरी आदि शामिल थे।
समस्याओं के समाधान को लेकर अपेक्षा कर रहा है कि केन्द्र व राज्य सरकार उनकी समस्याओं का निदान करेगी, लेकिन केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा किसानों के हित में अभी तक कोई भी सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया है। ऐसी स्थिति में देष व प्रदेश में किसानों की आत्महत्या के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में 2017 में सम्पन्न हुए विधानसभा चुनाव के दौरान स्वयं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपनी विभिन्न चुनावी सभाओं तथा भाजपा ने अपने दृश्टि पत्र में राज्य की जनता से वायदा किया था कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने की दषा में किसानों के कर्ज माॅफ किये जायेंगे, किसानों को ब्याज रहित ऋण दिया जायेगा तथा गन्ना किसानों का बकाया भुगतान
15 दिन के अन्दर किया जायेगा। राज्य सरकार के कार्यकाल को एक वर्श से अधिक का समय व्यतीत होने के उपरान्त भी राज्य सरकार अपने इन वायदों पर अमल करने में विफल रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि देश में किसानों की आत्महत्या से अभी तक अछूती देवभूमि उत्तराखण्ड में भी 16 जून 2017 से किसानों की आत्महत्या का सिलसिला लगातार जारी है। बैंक व साहूकारों के कर्ज के बोझ से दबे अब तक कुल 9 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। जनपद पिथौरागढ़ के सुरेन्द्र सिह, जनपद टिहरी के विकासखण्ड प्रतापनगर निवासी दिनेश प्रसाद सेमवाल एवं विकासखण्ड चम्बा के राजकुमार, जनपद उधमसिंहनगर के विकासखण्ड खटीमा के रामऔतार एवं विकासखण्ड बाजपुर के बलविन्दर सिह द्वारा आत्महत्या की गई तथा उधमसिंहनगर के विकासखण्ड खटीमा के किसान भजन सिह की बैंक की वसूली के नोटिस आने के बाद हृदय घात से हुई मृत्यु, जनपद हरिद्वार के झबरेड़ा निवासी किसान सुदेश कुमार त्यागी द्वारा आत्महत्या और अब जनपद उधमंसिहनगर के बिज्टी गांव निवासी मुख्त्यार सिंह ने बैंक व साहूकारों लिए कर्ज को न चुका पाने के कारण आत्महत्या का रास्ता अख्तियार किया है, यह गम्भीर चिन्ता का विशय है। उत्तराखण्ड की देवभूमि में किसानों की आत्महत्या का सिलसिला आगे न बढ़े, इस हेतु राज्य सरकार के स्तर पर किसानों की समस्याओं के समाधान की दिषा में अविलम्ब ठोस प्रभावी कदम उठाये जाने की आवष्यकता है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रतिनिधिमण्डल ने राज्यपाल से आग्रह करते हुए निम्न बिन्दुओं पर प्रदेष सरकार को तत्काल कार्रवाई के निर्देश देने की मांग की है।उत्तराखण्ड राज्य के किसानों का ऋण तत्काल माफ किया जाय। -फसलों का समर्थन मूल्य घोशित करते हुए किसानों के उत्पादों को खरीदा जाय तथा मौसम की मार से बर्बाद हुई फसलों का किसानों को उचित मुआबजा दिया जाय।-किसानों को कृशि कार्य हेतु ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाय। -मृतक किसानों के आश्रितों को समुचित आर्थिक सहायता प्रदान की जाय।कांग्रेस प्रतिनिधिमण्डल में प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह के अलावा पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल, पूर्व मंत्री हीरा सिंह बिष्ट, प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, पूर्व विधायक राजकुमार, महामंत्री गोदावरी थापली, पूर्व प्रमुख प्रभुलाल बहुगुणा, किसान कांग्रेस के अध्यक्ष प्रमोद कुमार सिंह, पूर्व दर्जा मंत्री योगेन्द्र खण्डूरी आदि शामिल थे।
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