ऋषिकेश व हरिद्वार से गंगा में गिर रहे नालों पर .....
ऋषिकेश-सिडकुल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष अरूण सारस्वत सपरिवार पहुंचे परमार्थ निकेतन उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती से भेंट कर आशीर्वाद लिया और स्वामी चिदानन्द सरस्वती व अरूण सारस्वत से ऋषिकेश से हरिद्वार के मध्य गंगा में गिर रहे नालों के विषय में चर्चा की और कहा कि गंगा के लिये सभी संस्थाओं को मिलकर कार्य करना होगा। उत्तराखण्ड, गंगा का उद्गम स्थल है इसलिये हमारा कर्तव्य है कि हमारे प्रांत से आगे गंगा निर्मल और अविरल प्रवाहित हो इस हेतु हमें सभी संस्थाओं से बात कर गंगा की स्वच्छता के लिये सब को एक साथ जोड़ना होगा। हम
शुरूआत करे तो सभी जुड़ेंगे। चर्चा के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि सरकार अपना कार्य कर रही है अब समय सामुदायिक भागिदारी का है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने उनसे हाल ही में ऋषिकेश क्षेत्र में गंगा में गिर रहे एक नाले का वीडियो जो लगातार पूरे विश्व में वायरल हो रहा है तथा सर्वत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। उस विषय में चर्चा करते हुये कहा कि इस प्रकार की तस्वीर सामने आने से श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचती है, अतः हमारा प्रयास होना चाहिये की गंगा अपने उद्गम स्थल की तरह ही पवित्र और निर्मल आगे भी प्रवाहित हो अतः इस हेतु सिडकुल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन और सरकार मिलकर कार्य करेंगे तथा अन्य संस्थाओं को भी जोड़ेगे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि गंगाजल की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिये हमें प्रथम चरण में गंगोत्री से हरिद्वार तक के क्षेत्र में गंगा में गिर रहे नालों को टैप करना
होगा तथा विशेष तौर पर गंगा के किनारे आने वाले गांवों और शहरों के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को सुचारू रूप से चालू करना होगा। नमामि गंगे कंट्रोलर एंड आॅडिटर जनरल की रिपोर्ट के आधार पर ऋषिकेश और हरिद्वार क्षेत्र में लगभग 65 नाले बिना ट्रीटमेंट के गिर रहे है जिससे लगभग 54 एमएलडी गंदा पानी गिर रहा है इसके उपचार के लिये सरकार के साथ सोशल कारपोरेट रिस्पांसिब्लिटी का क्रियाशील होना भी बहुत जरूरी है।अरूण सारस्वत ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती के साथ हुई वार्ता को प्रेेरणावर्द्धक बताते हुये कहा कि सिडकुल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन पूरी निष्ठा से गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन के साथ कार्य करने के लिये उत्सुक है, उन्होने कहा कि इस कार्य योजना को क्रियान्वित करने हेतु सम्बंधित अधिकारियों से चर्चा की जायेगी जिससे हमें सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकें। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सारस्वत परिवार को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की।
शुरूआत करे तो सभी जुड़ेंगे। चर्चा के दौरान स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि सरकार अपना कार्य कर रही है अब समय सामुदायिक भागिदारी का है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने उनसे हाल ही में ऋषिकेश क्षेत्र में गंगा में गिर रहे एक नाले का वीडियो जो लगातार पूरे विश्व में वायरल हो रहा है तथा सर्वत्र चर्चा का विषय बना हुआ है। उस विषय में चर्चा करते हुये कहा कि इस प्रकार की तस्वीर सामने आने से श्रद्धालुओं की आस्था को ठेस पहुंचती है, अतः हमारा प्रयास होना चाहिये की गंगा अपने उद्गम स्थल की तरह ही पवित्र और निर्मल आगे भी प्रवाहित हो अतः इस हेतु सिडकुल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन और सरकार मिलकर कार्य करेंगे तथा अन्य संस्थाओं को भी जोड़ेगे। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि गंगाजल की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिये हमें प्रथम चरण में गंगोत्री से हरिद्वार तक के क्षेत्र में गंगा में गिर रहे नालों को टैप करना
होगा तथा विशेष तौर पर गंगा के किनारे आने वाले गांवों और शहरों के सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट को सुचारू रूप से चालू करना होगा। नमामि गंगे कंट्रोलर एंड आॅडिटर जनरल की रिपोर्ट के आधार पर ऋषिकेश और हरिद्वार क्षेत्र में लगभग 65 नाले बिना ट्रीटमेंट के गिर रहे है जिससे लगभग 54 एमएलडी गंदा पानी गिर रहा है इसके उपचार के लिये सरकार के साथ सोशल कारपोरेट रिस्पांसिब्लिटी का क्रियाशील होना भी बहुत जरूरी है।अरूण सारस्वत ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती के साथ हुई वार्ता को प्रेेरणावर्द्धक बताते हुये कहा कि सिडकुल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन पूरी निष्ठा से गंगा एक्शन परिवार, परमार्थ निकेतन के साथ कार्य करने के लिये उत्सुक है, उन्होने कहा कि इस कार्य योजना को क्रियान्वित करने हेतु सम्बंधित अधिकारियों से चर्चा की जायेगी जिससे हमें सकारात्मक परिणाम प्राप्त हो सकें। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने सारस्वत परिवार को शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंट किया विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की।
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