बीजेपी के स्थापना दिवस पर पार्टी कार्यकताओं को बधाई- लालकृष्ण आडवानी
ऋषिकेश-परमार्थ निकेतन आश्रम में लालकृष्ण आडवानी, पुत्री प्रतिभा, बहु गीतिका, सुपुत्र जयंत आडवानी व अन्य परिवारजनों के साथ पधारे। परमार्थ आश्रम में आडवानी एवं परिवार के सदस्यों का दिव्य स्वागत व अभिनन्दन किया। आड़वानी ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 38 वें स्थापना दिवस पर माँ गंगा और स्वामी चिदानन्द सरस्वती को नमन करते हुये उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती और आडवानी के मध्य पर्यावरण प्रदूषण और निर्मल व अविरल गंगा के अस्तित्व में आने वाली चुनौतियों के विषय पर गहन चर्चा हुई। साथ ही माँ गंगा, गंगोत्री ग्लेशियर से गंगा सागर तक गंगा के तटों को हरा-भरा बनाने एवं दोनों ओर के क्षेत्रों को पूर्ण रूप से खुले में शौच से मुक्त करने, हर परिवार को मिले मकान एवं पराली जलाने से हो रहे प्रदूषण को समाप्त करने पर विचार विमर्श किया देश के मूर्धन्य राजनीतिज्ञ लालकृष्ण आडवानी एवं परिवार के सदस्यों ने परमार्थ निकेतन आश्रम स्थित योगा विलेज के ’रूद्राक्ष ध्यान वाटिका’ जो विगत वर्ष स्वर्गीय
कमला आड़वानी की स्मृति में रूद्राक्ष के पौधे रोपित किये गये थे उनका अवलोकन परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष, ग्लोबल इण्टरफेथ वाश एलायंस के संस्थापक एवं गंगा एक्शन परिवार के प्रणेता स्वामी चिदानन्द सरस्वती के पावन सान्निध्य में किया तथा परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों के साथ मिलकर वहां पर वेद मंत्रोपचार एवं ध्यान साधना सम्पन्न की।
लालकृष्ण आडवानी एंव परिवारजनों ने स्वर्गीय कमला आडवानी की स्मृति में परमार्थ योगा विलेज में रूद्राक्ष के पौधों का रोपण किया था उन्ही की स्मृति में रूद्राक्ष वाटिका को ’रूद्राक्ष ध्यान वाटिका’ के रूप में विकसित किया गया तथा इसे विश्वहितार्थ ध्यान के लिये समर्पित किया गया। जहां पर दुनिया के विभिन्न देशों से आने वाले योग और ध्यान की विधा के जिज्ञासु शिवत्व का प्रतीक रूद्राक्ष के सान्निध्य में ध्यान का आनन्द व लाभ ले रहे है।आडवानी और स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भारतीय जनता पार्टी के 38 वें स्थापना दिवस पर सभी पार्टी कार्यकताओं को बधाई दी जिनके त्याग, सेवा, समर्पण, निष्ठा, लगन और मेहनत से आज पार्टी विश्व का सबसे बड़ा राजनीतिक संगठन बनकर उभरी है। उन्होने सभी से निवेदन किया कि राष्ट्र भक्ति और राष्ट्र सेवा को अपना प्रथम लक्ष्य बनायें। चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ’भारत के यशस्वी एवं ऊर्जावान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एक भारत, श्रेष्ठ भारत का मंत्र दिया तथा सबका साथ, सबका विकास किसी एक पार्टी के लिये नहीं बल्कि पूरे भारत के लिये एक दिव्य मंत्र है इसमें सबको बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिये। स्वामी जी ने कहा कि बीजेपी और भारत को शिखर पर ले जाने में लालकृष्ण आडवानी का महत्वपूर्ण एवं अनमोल योगदान रहा। राजनीतिक गलियारों से लेकर सामाजिक कार्यो में उनका उत्कृष्ठ योगदान रहा उन्होने सदैव एक कुशल मार्गदर्शक एवं प्रेरक की भूमिका निभायी है।’स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कमला आडवानी को याद करते हुये कहा, ’ कमला ममता और करूणा की मूर्ति थी। वह लालकृष्ण आडवानी की सहधर्मिणी ही नहीं पग-पग पर साथ देने वाली मार्गदर्शक भी थी। अद्भुत नारी शक्ति की प्रतीक थी कमला आडवाणी। कमल को भी खिलाने में कमला आडवाणी का अमूल्य योगदान रहा, उन्होने अपना पूरा जीवन पार्टी और परिवार के लिये समर्पित किया एवं पार्टी के आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी।’ स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने लालकृष्ण आडवानी के 90 वें जन्मदिवस पर उनसे भेंट नहीं कर पाये थे अतः आज माँ गंगा के तट पर उनका दिव्यता से जन्मदिन समारोह मनाया गया जिसमें लालकृष्ण आडवानी के हाथों 90 रूद्राक्ष के पौधों का वितरण किया और भगवान शिव के चरणों में 90 दीपक प्रज्वलित किये गये।
लालकृष्ण आडवानी ने परमार्थ मे प्रवेश करते ही कहा कि कमला आडवाणी की प्रेरणा से ही वे पहली बार परमार्थ निकेतन आये थे। उन्होने रूद्राक्ष ध्यान वाटिका का अवलोकन करते हुये कहा कि ‘स्वस्थ जीवन के लिये ’हरित दिशा ही सही, सुरक्षित और सच्ची दिशा है; सुखद और सार्थक दिशा है’। नियंता ने बिना किसी भेद के सबके लिये प्रकृति, आकाश, वायु, जल, सूर्य एवं गंगा को बनाया है। ऐसे ही हमारी कार्यप्रणाली हो ’सबका साथ, सबका विकास’ ’एक भारत, श्रेष्ठ भारत’, सब विकास करेंगे तो देश भी उन्नति करेंगा। उन्होने कहा कि देश के सतत, सुरक्षित विकास में सभी सहयोग करें क्योंकि हम सब एक परिवार के सदस्य है। हमारी संस्कृति विश्व बन्धुत्व और वसुधैव कुटुम्बकम की रही है। आईये मिलकर भारत के माथे पर पुनः सोने की चिडिया का ताज सजायें,
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