मतदाता सूची को लेकर कांग्रेस का विरोध
देहरादून-राज्यभर में मतदाता सूचियों में हुई भारी गड़बडी के विरोध में कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट के नेतृत्व में कांग्रेसजनों के प्रतिनिधिमण्डल ने राज्य निर्वाचन आयोग से मुलाकात कर उन्हें ज्ञापन प्रेषित किया। राज्य निर्वाचन आयुक्त को प्रेषित ज्ञापन में कांग्रेसजनों ने कहा है कि प्रदेश में आगामी नगर निकाय चुनाव हेतु नगर निगम क्षेत्र देहरादून सहित राज्य के सभी नगर निकाय क्षेत्रों में राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देश पर एक समयबद्ध कार्यक्रम के तहत मतदाता सूचियों को तैयार करने के बाद इन सूचियों का प्रकाशन किया गया है। आम आदमी के निरीक्षण हेतु अधिकांश निकाय क्षेत्रों में मतदाता सूचियों का प्रदर्शन सही ढंग से नहीं किया जा रहा है। जिस कारण यह पता करना संभव नहीं हो पा रहा है कि मतदाता सूची में कितने नाम सही हैं, कितने नाम गलत हैं या कितने लोगों के नाम दर्ज होने से छूट गये हैं। प्रदेशभर से प्राप्त जानकारी के अनुसार कई निकाय क्षेत्रों में ऐसे बहुत सारे मतदाताओं जो वहां पर लम्बे समय से निवास कर रहे हैं
या नये मतदाता के रूप में जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज किया जाना है, के नाम मतदाता सूची में दर्ज होने से छूट गये हैं। कांग्रेसजनों ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयेाग की जिम्मेदारी है कि निकाय क्षेत्र में निवासरत प्रत्येक पात्र मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो ताकि वे मतदान मे भागीदार हो सकें, इसके लिए आयोग के स्तर पर सदैव पारदर्शी प्रयास भी किये जाते रहे हैं। यदि उत्तराखण्ड राज्य के नगर निकाय चुनाव से पूर्व मतदाता सूचियों में पात्र मतदाताओं के नाम शामिल नहीं होते हैं तो वे अपने मताधिकार के प्रयोग से वंचित रह जायेंगे इसलिए मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन से पूर्व मतदाता सूचियों में सभी मतदाताओं के नाम शामिल किया जाना न्याय के हित में होगा। कांग्रेस पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि राज्य के 42 निकाय क्षेत्रों के सीमा विस्तार को देखते हुए तथा सभी मतदाताओं को मतदान का अधिकार मिले इस हेतु उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाने तथा आपत्तियों की सही तरीके से सुनवाई के लिए मतदाता सूची के पुनर्गठन हेतु एक माह का समय बढ़ाया जाय। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, सूर्यकान्त धस्माना, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, पीसीसी सदस्य राजेश चमोली, प्रदेश सचिव आजाद अली, भरत शर्मा, बसन्त पन्त, अल्पसंख्यक उपाध्यक्ष सुलेमान अली, अनुसूचित जाति के सह अध्यक्ष जय सिंह गौतम, अनिल सिंह आदि शामिल थे।
या नये मतदाता के रूप में जिनका नाम मतदाता सूची में दर्ज किया जाना है, के नाम मतदाता सूची में दर्ज होने से छूट गये हैं। कांग्रेसजनों ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयेाग की जिम्मेदारी है कि निकाय क्षेत्र में निवासरत प्रत्येक पात्र मतदाता का नाम मतदाता सूची में दर्ज हो ताकि वे मतदान मे भागीदार हो सकें, इसके लिए आयोग के स्तर पर सदैव पारदर्शी प्रयास भी किये जाते रहे हैं। यदि उत्तराखण्ड राज्य के नगर निकाय चुनाव से पूर्व मतदाता सूचियों में पात्र मतदाताओं के नाम शामिल नहीं होते हैं तो वे अपने मताधिकार के प्रयोग से वंचित रह जायेंगे इसलिए मतदाता सूचियों के अंतिम प्रकाशन से पूर्व मतदाता सूचियों में सभी मतदाताओं के नाम शामिल किया जाना न्याय के हित में होगा। कांग्रेस पार्टी ने राज्य निर्वाचन आयोग से आग्रह किया है कि राज्य के 42 निकाय क्षेत्रों के सीमा विस्तार को देखते हुए तथा सभी मतदाताओं को मतदान का अधिकार मिले इस हेतु उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज करवाने तथा आपत्तियों की सही तरीके से सुनवाई के लिए मतदाता सूची के पुनर्गठन हेतु एक माह का समय बढ़ाया जाय। ज्ञापन देने वालों में प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट, सूर्यकान्त धस्माना, मुख्य प्रवक्ता मथुरादत्त जोशी, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा, पीसीसी सदस्य राजेश चमोली, प्रदेश सचिव आजाद अली, भरत शर्मा, बसन्त पन्त, अल्पसंख्यक उपाध्यक्ष सुलेमान अली, अनुसूचित जाति के सह अध्यक्ष जय सिंह गौतम, अनिल सिंह आदि शामिल थे।
Comments
Post a Comment