यूकेडी ने भाजपा पीडीपी गठबंधन सरकार का पुतला फूंका
देहरादून- उत्तराखंड क्रांति दल की महानगर इकाई नें राजधानी देहरादून में जम्मू-कश्मीर की भाजपा पीडीपी की गठबंधन सरकार का पुतला दहन करके जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा 10वीं गढ़वाल राइफल के उपर हत्या का मुकदमा दर्ज किए जाने को लेकर आक्रोश जताया। सेना के ऊपर मुकदमा दर्ज किए जाने से आक्रोशित यूकेडी कार्यकर्ता केंद्रीय कार्यालय में एकत्रित हुए तथा भाजपा पीडीपी गठबंधन के खिलाफ नारेबाजी के साथ द्रोण चौराहे पर पहुंचे और रक्षा मंत्री तथा केंद्र सरकार के साथ महबूबा मुफ्ती सईद के खिलाफ आक्रोश जताते हुए जम्मू कश्मीर सरकार के प्रतीकात्मक पुतले को आग के हवाले कर दिया। मौके पर मौजूद महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री ने कहा कि सामरिक दृष्टिकोण से उत्तराखंड का इतिहास गढ़वाल, गोरखा और कुमायु रेजीमेंट की शौर्य गाथा से भरा हुआ है तथा उत्तराखंड एक सैनिक बहुल राज्य है।चीन तथा पाकिस्तान की सीमा पर रक्त को
जमा देने वाली ठंड में उत्तराखंड के पर्वतीय मुल के रणबांकुरे अपनी जान पर खेलकर सीमा की चौकसी करते हैं।ऐसे में सैकड़ों अलगाववादियों लोगों की पत्थरबाज से हथियार व सेना की रक्षा में की गई कार्यवाही पर गढ़वाल राइफल के जवानों पर मुकदमा दर्ज किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।इस घटना से भाजपा का झूठा राष्ट्रवादी चेहरा बेनकाब हो गया है।जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सईद का कहना है कि देश के रक्षा मंत्री को भरोसे में लेकर सेना के ऊपर कार्यवाही की गई है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से वादा किया था कि मैं देश का सिर झुकने नहीं दूंगा ।आज देश जानना चाहता है कि देश की सेना के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करके केंद्र सरकार देश का सिर क्यों झुका रही है ।उन्होंने कहा कि केंद्र के इशारे पर जम्मू कश्मीर पर सेना के ऊपर अपराधिक अभियोग दर्ज होने से यह साफ हो गया है कि भाजपा भी जम्मू कश्मीर की सत्ता पर बने रहने के स्वार्थ में अलगाववादी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की कार्यवाही उत्तराखंड की राज्य की सैनिक पृष्ठभूमि को धूमिल करने का प्रयास है ।उत्तराखंड क्रांति दल राज्य के मान सम्मान तथा गौरव पर कुठाराघात का पुरजोर विरोध करता है तथा चेतावनी देता है की तत्काल जम्मू-कश्मीर में गढ़वाल राइफल के ऊपर दर्ज मुकदमे पर खेद जताते हुए उक्त मुकदमे को वापस लिया जाए अन्यथा दल राज्य के प्रत्येक जनपद में विरोध प्रदर्शन आयोजित करके भाजपा के सत्ता लोलुप चेहरे को जनता के सामने उजागर करेगा। पुतला दहन करने वालों में महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री के साथ सुनील ध्यानी ,कुंवर प्रताप, सुरेंद्र बुटोला ,सुशील ममंगाई, गौरव निखुरपा ,सचिन छेत्री, अंजना थापा ,माला थापा ,गौरव उनियाल, अमरदीप विश्वकर्मा, सचिन कुमार ,सुशील कुमार, सुरेंद्र रावत ,ललित कुमार, मदन सिंह ,धर्मेंद्र कठैत , दीपक गैरोला तथा मनोज ममगाई आदि शामिल थे।
जमा देने वाली ठंड में उत्तराखंड के पर्वतीय मुल के रणबांकुरे अपनी जान पर खेलकर सीमा की चौकसी करते हैं।ऐसे में सैकड़ों अलगाववादियों लोगों की पत्थरबाज से हथियार व सेना की रक्षा में की गई कार्यवाही पर गढ़वाल राइफल के जवानों पर मुकदमा दर्ज किया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।इस घटना से भाजपा का झूठा राष्ट्रवादी चेहरा बेनकाब हो गया है।जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती सईद का कहना है कि देश के रक्षा मंत्री को भरोसे में लेकर सेना के ऊपर कार्यवाही की गई है।उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश से वादा किया था कि मैं देश का सिर झुकने नहीं दूंगा ।आज देश जानना चाहता है कि देश की सेना के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार करके केंद्र सरकार देश का सिर क्यों झुका रही है ।उन्होंने कहा कि केंद्र के इशारे पर जम्मू कश्मीर पर सेना के ऊपर अपराधिक अभियोग दर्ज होने से यह साफ हो गया है कि भाजपा भी जम्मू कश्मीर की सत्ता पर बने रहने के स्वार्थ में अलगाववादी तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की कार्यवाही उत्तराखंड की राज्य की सैनिक पृष्ठभूमि को धूमिल करने का प्रयास है ।उत्तराखंड क्रांति दल राज्य के मान सम्मान तथा गौरव पर कुठाराघात का पुरजोर विरोध करता है तथा चेतावनी देता है की तत्काल जम्मू-कश्मीर में गढ़वाल राइफल के ऊपर दर्ज मुकदमे पर खेद जताते हुए उक्त मुकदमे को वापस लिया जाए अन्यथा दल राज्य के प्रत्येक जनपद में विरोध प्रदर्शन आयोजित करके भाजपा के सत्ता लोलुप चेहरे को जनता के सामने उजागर करेगा। पुतला दहन करने वालों में महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री के साथ सुनील ध्यानी ,कुंवर प्रताप, सुरेंद्र बुटोला ,सुशील ममंगाई, गौरव निखुरपा ,सचिन छेत्री, अंजना थापा ,माला थापा ,गौरव उनियाल, अमरदीप विश्वकर्मा, सचिन कुमार ,सुशील कुमार, सुरेंद्र रावत ,ललित कुमार, मदन सिंह ,धर्मेंद्र कठैत , दीपक गैरोला तथा मनोज ममगाई आदि शामिल थे।
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