मेजर कुमुद डोगरा , श्रीदेवी और तिरंगा
देहरादून-- फरवरी में भारतीय वायु सेना का एक फाइटर जहाज़ दुर्घटनाग्रस्त हुआ , विंग कमांडर वत्स और उनके साथी जेम्स वीरगति को प्राप्त हुये . पांच दिन पहले ही विंग कमांडर वत्स की पत्नी मेजर कुसुम डोगरा ने एक संतान को जन्म दिया था . पति के देश के लिए प्राण देने पर , अंतिम दर्शन और क्रिया के लिए मेजर कुमुद डोगरा सेना की परंपरा का निर्वाह करते हुये इस अवसर पहने जाने वाली वर्दी पहन कर पूर्ण सैनिक गौरव और सम्मान के साथ आयीं , तनिक भी विचलित हुये बिना , कोई विलाप , दुर्बलता नहीं , पूर्ण दृढ़ता का मुख भाव , पांच दिन की नवजात संतान को हाथों में थामे, सधे क़दमों से मार्च करते हुये , वो संतान की जिसका मुंह पिता ने देखा ही नहीं था , वो संतान जो अपने रणबांकुरे पिता को देख भी ले पांच दिवस की आयु में , अबोध को तो बाद में चित्रों और कहानियों से ही बताना होगा की तुम उस वीर सैनिक की बेटी हो .खबर अख़बारों में छपी , टी वी पर भी आई , सोशल मीडिया पर भी , लोगों के छोटे छोटे अनमने से सन्देश आये , RIP, नमन , श्रद्धांजलि , नारी शक्ति को प्रणाम इत्यादि . किसी राजनेता , नेता , अभिनेता का बयान नहीं आया ना ही शासन में बैठे लोगों ने कोई उदगार व्यक्त किये .
कुमुद डोगरा साधारण सैनिक परिवार से हैं , देशभक्ति बचपन से मानस पर आना स्वाभाविक है , सेना की नियुक्ति ली , विंग कमांडर वत्स दक्ष पायलट माने जाते थे , अति अनुशासित और कर्त्तव्य निष्ठ , मेजर कुमुद डोगरा ने प्रेम और सम्मान के भाव के साथ उन्हें जीवन साथी चुना , एक संतान पांच दिन की , श्रीदेवी बोनी कपूर की पत्नी मोना कपूर और उनके बच्चों के साथ उन्ही के घर में रहती थीं , मिथुन चक्रवर्ती की उपस्थिति में 'राखी' बाँध कर उन्होंने बोनी कपूर को भाई के रिश्ते में बांध लिया था , बाद में वो बोनी कपूर द्वारा गर्भवती हुयीं फिर दोनों ने एक मंदिर में जाकर विवाह किया , विवाह आपराधिक था , क्योंकि बोनी कपूर ने पहिली पत्नी से कानूनी अलगाव नहीं किया था , अपने लगभग वयस्क हो गए दो बच्चों और पत्नी को छोड़ कर बोनी कपूर श्रीदेवी के साथ रहने लगे , उन्हें दो संताने हुयीं . श्रीदेवी ने कई फिल्मों में 'अभिनय' किया , नृत्य किया , अपने सुन्दर शरीर का खूब प्रदर्शन किया, अपने अभिनय कौशल से खूब धन कमाया , सात बार इनकम टैक्स की चोरी में पकड़ी गयीं , तीन घंटे की फिल्मों की काल्पनिक कथा के अलावा देश के लिए उनका कोई सन्देश नहीं था , देहयष्टि के सौन्दर्यीकरण के लिए १७ ,१८ बार ऑपरेशन कराये , जिसके बाद कई हानिकारक दवाएं जिनमे Steroids भी हैं लेती थीं , ५४ वर्ष की आयु में दिल के दौरे से उनका देहांत हो गया .कल से टी वी चैनल , अख़बारों में शोक सन्देश पढ़ रहा हूँ , देश के महानतम नेता नरेन्द्र मोदी ने इसे देश की अपूर्णीय क्षति बताया , टाइम्स ऑफ़ इंडिया की हेड लाइन है " देश से चांदनी चली गयी ", राष्ट्रपति तक ने गहन दुःख व्यक्त किया , तमाम अन्य राजनेताओं ने , अभिनेताओं ने भारी भरकम शोक सन्देश भेजे , दिन भर टी वी पर उनके रोमांचक जीवन की झलकियाँ दिखाई गयीं , फेस बुक के मित्रों ने ऐसे शोक के लेख लिखे की क्या कहूँ , राहुल गाँधी ने कहा श्री देवी की मृत्यु पर स्तब्ध हूँ ........... स्तब्ध हूँ इन सब को देख सुन कर , हमारे भावावेग विसंगत और दिशा भ्रमित हैं , हम यथार्थ में नहीं उन्मांद में जीना पसंद करते हैं , श्री देवी की मौत का दुःख मुझे भी है , पर उससे ज्याद दुःख मुझे हमारे विसंगत आवेगों पर है . मेजर कुमुद और विंग कमांडर वत्स की दास्तान में ग्लेमर , सस्पेंस , मासंलता , धन , प्रसिद्धि , अभिनय ,विचलन ,विसंगति ,मंच , रुपहला पर्दा नहीं है ,अर्धनग्न वस्त्रों में नृत्य नहीं है , एक सपाट देश प्रेम और कुर्बानी है , हमें कैसे आकर्षित कर पाएगी एक श्रोता की कलम सेे.....
कुमुद डोगरा साधारण सैनिक परिवार से हैं , देशभक्ति बचपन से मानस पर आना स्वाभाविक है , सेना की नियुक्ति ली , विंग कमांडर वत्स दक्ष पायलट माने जाते थे , अति अनुशासित और कर्त्तव्य निष्ठ , मेजर कुमुद डोगरा ने प्रेम और सम्मान के भाव के साथ उन्हें जीवन साथी चुना , एक संतान पांच दिन की , श्रीदेवी बोनी कपूर की पत्नी मोना कपूर और उनके बच्चों के साथ उन्ही के घर में रहती थीं , मिथुन चक्रवर्ती की उपस्थिति में 'राखी' बाँध कर उन्होंने बोनी कपूर को भाई के रिश्ते में बांध लिया था , बाद में वो बोनी कपूर द्वारा गर्भवती हुयीं फिर दोनों ने एक मंदिर में जाकर विवाह किया , विवाह आपराधिक था , क्योंकि बोनी कपूर ने पहिली पत्नी से कानूनी अलगाव नहीं किया था , अपने लगभग वयस्क हो गए दो बच्चों और पत्नी को छोड़ कर बोनी कपूर श्रीदेवी के साथ रहने लगे , उन्हें दो संताने हुयीं . श्रीदेवी ने कई फिल्मों में 'अभिनय' किया , नृत्य किया , अपने सुन्दर शरीर का खूब प्रदर्शन किया, अपने अभिनय कौशल से खूब धन कमाया , सात बार इनकम टैक्स की चोरी में पकड़ी गयीं , तीन घंटे की फिल्मों की काल्पनिक कथा के अलावा देश के लिए उनका कोई सन्देश नहीं था , देहयष्टि के सौन्दर्यीकरण के लिए १७ ,१८ बार ऑपरेशन कराये , जिसके बाद कई हानिकारक दवाएं जिनमे Steroids भी हैं लेती थीं , ५४ वर्ष की आयु में दिल के दौरे से उनका देहांत हो गया .कल से टी वी चैनल , अख़बारों में शोक सन्देश पढ़ रहा हूँ , देश के महानतम नेता नरेन्द्र मोदी ने इसे देश की अपूर्णीय क्षति बताया , टाइम्स ऑफ़ इंडिया की हेड लाइन है " देश से चांदनी चली गयी ", राष्ट्रपति तक ने गहन दुःख व्यक्त किया , तमाम अन्य राजनेताओं ने , अभिनेताओं ने भारी भरकम शोक सन्देश भेजे , दिन भर टी वी पर उनके रोमांचक जीवन की झलकियाँ दिखाई गयीं , फेस बुक के मित्रों ने ऐसे शोक के लेख लिखे की क्या कहूँ , राहुल गाँधी ने कहा श्री देवी की मृत्यु पर स्तब्ध हूँ ........... स्तब्ध हूँ इन सब को देख सुन कर , हमारे भावावेग विसंगत और दिशा भ्रमित हैं , हम यथार्थ में नहीं उन्मांद में जीना पसंद करते हैं , श्री देवी की मौत का दुःख मुझे भी है , पर उससे ज्याद दुःख मुझे हमारे विसंगत आवेगों पर है . मेजर कुमुद और विंग कमांडर वत्स की दास्तान में ग्लेमर , सस्पेंस , मासंलता , धन , प्रसिद्धि , अभिनय ,विचलन ,विसंगति ,मंच , रुपहला पर्दा नहीं है ,अर्धनग्न वस्त्रों में नृत्य नहीं है , एक सपाट देश प्रेम और कुर्बानी है , हमें कैसे आकर्षित कर पाएगी एक श्रोता की कलम सेे.....
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