गरीबों को निःशुल्क बिजली देने पर भी विचार
देहरादून -मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ओ.एन.जी.सी. आॅडिटोरियम में उरेडा द्वारा ऊर्जा संरक्षण दिवस के अवसर आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में एलईडी बल्ब वितरण हेतु महिला स्वयं सहायता समूह की भागीदारी कराए जाने के लिए ’’उजाला मित्र’’ योजना का शुभारंभ भी किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा ऊर्जा संरक्षण विषय पर उरेडा द्वारा प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया गया तथा ऊर्जा संरक्षण पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता छात्र-छात्राओं को पुरस्कृत किया गया। मुख्यमंत्री द्वारा समारोह स्थल पर ऊर्जा दक्ष उपकरणों की प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया।राज्य में एक करोड एलईडी बल्ब वितरित किये जायेंगे।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक करोड एल.ई.डी. बल्बों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें लगभग 175 करोड रूपये की ऊर्जा बचत का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि राज्य के सभी परिवार एल.ई.डी. बल्बों का उपयोग करें, तो कई सौ करोड़ रूपये की ऊर्जा की बचत होगी। इस धनराशि का प्रयोग लोगोंकी शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे कई सामाजिक सरोकारों के लिये किया जा सकता है। यहां तक कि ऊर्जा की भारी बचत कर गरीबों को निःशुल्क बिजली देने पर भी विचार किया जा सकता है। प्रदेश में एलईडी बल्ब के वितरण हेतु ’’महिला स्वयं सहायता समूहों’’ का सहयोग लिया जायेगा।उजाला कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में एक करोड एल0ई0डी बल्ब के वितरण हेतु ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कार्यरत ‘‘महिला स्वंय सहायता समूहों‘‘ का सहयोग लिये जाने के लिए जनपद पिथौरागढ, पौड़ी, हरिद्वार, उत्तरकाशी एवं देहरादून से आई महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साथ ई.ई.एस.एल. द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर लिये गये।प्रदेश में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत ’’महिला स्वयं सहायता समूहों’’ के द्वारा एलईडी बल्ब एवं ऊर्जा दक्ष उपकरणों का वितरण किया जायेगा। इन समूहों को मार्जिन मनी देने के साथ ही लक्ष्यों को समय से पूरा करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को ’’उजाला मित्र’’ के रूप में पुरस्कृत किया जायेगा। इन समूहों को एलईडी बल्ब की बिक्री पर रू.10 प्रति बल्ब, एलईडी लाइटों की बिक्री पर रू.15 प्रति लाइट तथा ऊर्जा दक्ष पंखों की बिक्री पर 56 रुपए प्रति पंखे की दर से मानदेय प्राप्त होगा। जिन स्वयं सहायता समूहों के साथ हस्ताक्षर हुआ वे हैं: स्वयं सहायता समूह त्रिपुरा देवी, बेरीनाग पिथौरागढ़, बद्रीनाथ स्वयं सहायता समूह, ग्राम बोनसिर, पौड़ी, घराट विकास स्वयं सहायता समूह, ग्राम भटारगांव चकराता, नारी स्वयं सहायता समू, डोईवाला, स्वराज स्वयं सहायता समूह, उत्तरकाशी, एकता ग्राम संगठन, ग्राम चोल्ली, भगवानपुर जिला हरिद्वार।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा एक करोड एल.ई.डी. बल्बों के वितरण का लक्ष्य रखा गया है। इसमें लगभग 175 करोड रूपये की ऊर्जा बचत का अनुमान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि राज्य के सभी परिवार एल.ई.डी. बल्बों का उपयोग करें, तो कई सौ करोड़ रूपये की ऊर्जा की बचत होगी। इस धनराशि का प्रयोग लोगोंकी शिक्षा-स्वास्थ्य जैसे कई सामाजिक सरोकारों के लिये किया जा सकता है। यहां तक कि ऊर्जा की भारी बचत कर गरीबों को निःशुल्क बिजली देने पर भी विचार किया जा सकता है। प्रदेश में एलईडी बल्ब के वितरण हेतु ’’महिला स्वयं सहायता समूहों’’ का सहयोग लिया जायेगा।उजाला कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश में एक करोड एल0ई0डी बल्ब के वितरण हेतु ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में कार्यरत ‘‘महिला स्वंय सहायता समूहों‘‘ का सहयोग लिये जाने के लिए जनपद पिथौरागढ, पौड़ी, हरिद्वार, उत्तरकाशी एवं देहरादून से आई महिला स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के साथ ई.ई.एस.एल. द्वारा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर लिये गये।प्रदेश में शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत ’’महिला स्वयं सहायता समूहों’’ के द्वारा एलईडी बल्ब एवं ऊर्जा दक्ष उपकरणों का वितरण किया जायेगा। इन समूहों को मार्जिन मनी देने के साथ ही लक्ष्यों को समय से पूरा करने वाले महिला स्वयं सहायता समूहों को ’’उजाला मित्र’’ के रूप में पुरस्कृत किया जायेगा। इन समूहों को एलईडी बल्ब की बिक्री पर रू.10 प्रति बल्ब, एलईडी लाइटों की बिक्री पर रू.15 प्रति लाइट तथा ऊर्जा दक्ष पंखों की बिक्री पर 56 रुपए प्रति पंखे की दर से मानदेय प्राप्त होगा। जिन स्वयं सहायता समूहों के साथ हस्ताक्षर हुआ वे हैं: स्वयं सहायता समूह त्रिपुरा देवी, बेरीनाग पिथौरागढ़, बद्रीनाथ स्वयं सहायता समूह, ग्राम बोनसिर, पौड़ी, घराट विकास स्वयं सहायता समूह, ग्राम भटारगांव चकराता, नारी स्वयं सहायता समू, डोईवाला, स्वराज स्वयं सहायता समूह, उत्तरकाशी, एकता ग्राम संगठन, ग्राम चोल्ली, भगवानपुर जिला हरिद्वार।
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