राज्य में पहली बार ‘‘इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स मीट’’ आयोजित- राज्यपाल

देहरादून- दून विश्वविद्यालय में आयोजित प्रथम ‘‘इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स मीट’’ का शुभारम्भ करते हुऐ राज्यपाल डाॅ. के.के.पाल ने कहा कि शिक्षा व खेल एक दूसरे के पूरक हैं। चरित्र निर्माण में जितना महत्व शिक्षा का है उतना ही महत्व खेलों का भी है।राज्यपाल नेओलम्पियन मनीष रावत का उदाहरण देते हुए कहा कि खिलाड़ी भी युवाओ के लिए रोल माॅडल हैं। उत्तराखण्ड की भौगोलिक स्थितियां खिलाड़ियों के
स्टेमिना को बढ़ाने में सहायक है। राज्य में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है। इन्हें समुचित प्लेटफार्म उपलब्ध करवाए जाने की जरूरत है। 26 अक्टूबर से 29 अक्टूबर तक आयोजित होने वाली स्पोर्ट्स मीट के लिए  राज्य के विश्वविद्यालयों को क्वालिटी एजुकेशन, उच्च स्तरीय व मौलिक शोध व स्पोर्ट्स का सेंटर बनाने के लिए अनेक पहल की गई हैं। प्रयास किया जा रहा है कि विश्वविद्यालयों के छात्र-छात्राओं के बहुमुखी व्यक्तित्व का विकास हो। राज्यपाल ने कहा कि अभी पहला आयोजन होने के कारण इस प्रतियोगिता में कम इवेंट्स शामिल की गई हैं। अगले वर्षों में इसमें और भी खेलों को शामिल किया जाएगा। राज्य में पहली बार ‘‘इंटर यूनिवर्सिटी स्पोर्ट्स मीट’’ आयोजित की गई है। शुरूआत छोटी जरूर है परंतु मजबूत शुरूआत है।  प्रतिभागी खिलाड़ियों के जोश में कोई कमी नहीं दिख रही है। राज्यपाल ने कार्यक्रम में उपस्थित मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री को प्रदेश में अंतर महाविद्यालय 20-20 क्रिकेट प्रतियोगिता कराए जाने का सुझाव दिया।  उन्होंने कहा कि इससे बड़ी संख्या में राज्य की प्रतिभाएं उभर कर सामने आएंगी।मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रथम अंतर विश्वविद्यालय खेल प्रतियोगिता के आयोजन के लिए राज्यपाल डाॅ. के.के.पाल की पहल पर आभार व्यक्त करते हुए प्रतियोगिता के लिए 11 लाख रूपए दिए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि  खेलों से शारीरिक और मानसिक विकास ही नहीं बल्कि टीम भावना और सामूहिकता की भावना का विकास भी होता है । यह खेल प्रतियोगिता, युवा छात्र छात्राओं के लिए एक बढ़िया अवसर है। खिलाड़ियों द्वारा किए गए मार्च पास्ट की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मार्च पास्ट में खिलाड़ियों के जज्बे और रुचि की झलक दिखाई दी । उन्होंने आशा व्यक्त की कि युवा खिलाड़ी आज विश्वविद्यालय ,कल प्रदेश और फिर देश के लिए खेलेंगे ।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा राज्य मंत्री  धन सिंह रावत ने कहा कि सरकार प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है । उन्होंने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में उठाए जा रहे विभिन्न कदमों की जानकारी देते हुए कहा कि सभी विश्वविद्यालय अखिल भारतीय स्वच्छता रैंकिंग में अनिवार्य रूप से प्रतिभाग करें । इसी प्रकार सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय एनएसी रैंकिंग हेतु भी अनिवार्य रूप से आवेदन करें । उन्होंने कहा कि उत्तराखंड ऐसा पहला स्टेट हो गया है जहां सभी डिग्री कॉलेज में शतप्रतिशत प्राचार्यों की तैनाती है । अब  सरकार ने प्राचार्यों को असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी की स्थिति में गेस्ट फैकल्टी की सेवाएं लेने का अधिकार भी दे दिया है। सरकार उच्च शिक्षा की गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दे रही है । इससे पूर्व राज्यपाल और मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री  धन सिंह रावत ने सभी प्रतिभागी टीमों के खिलाड़ियों के मार्च पास्ट की सलामी ली । उन्होंने रंग बिरंगे गुब्बारे हवा में छोड़कर प्रतियोगिता का औपचारिक उद्घाटन किया। राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने प्रतियोगिता के पहले उद्घाटन मैच के खिलाड़ियों से मुलाकात कर उन्हें शुभकामनाएं दी। प्रतियोगिता में प्रदेश के 10 विश्वविद्यालयों के लगभग 800 खिलाड़ी प्रतिभाग कर रहे हैं। इस अवसर पर मेयर व विधायक  विनोद चमोली, सचिव राज्यपाल रविनाथ रमन, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति आदि उपस्थित थे।

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