पीड़ित पत्रकारों के लिए केंद्र सरकार से 5 लाख तक की मदद
नई दिल्ली। देश भर के पत्रकारों के कल्याण के लिए केंद्र सरकार ने “पत्रकार वेलफेयर स्कीम” नाम की फरवरी 2013 शुरू एक योजना को संशोधित कर पत्रकारों से सम्बंधित 1955 के एक अधिनियम के तहत पत्रकार की श्रेणी में आने वाले देश के नागरिक सभी पत्रकारों के लिए लागू किया है. इसके अंतर्गत निधन हो जाने पर परिजन के बेसहारा हो जाने, अपंगत्व और बीमारी के इलाज के लिए केंद्र सरकार की ओर से 5 लाख रुपए तक की सहायता दी जाएगी.
समिति गठित है इसके लिए एक समिति का गठन भी किया जा चुका है. इसमें केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री संरक्षक या पैट्रोन हैं. विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक (एम व सी), एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव (पी), सदस्य हैं तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव/निदेशक सदस्य संयोजक हैं. यह समिति ही पीड़ित पत्रकार अथवा उनके परिजन के आवेदन पर विचार करेगी.पत्रकार की श्रेणी के सभी पत्रकार और उनके परिजन हालांकि इसमें केंद्र अथवा राज्य सरकार से अधिस्वीकृत (एक्रीडेटेड) पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है, लेकिन Working Journalists and other Newspaper Employes -Condition of service- And Miscellaneous Provision Act 1955 के अंतर्गत वे सारे, जो पत्रकार होने की व्याख्या में आते हैं, इस योजना के तहत मदद पाने अधिकारी हैं. इनके अलावा टीवी और वेब जर्नलिज्म के माध्यम से सेवाएं देने वालों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा. साथ ही समाचार पत्रों के संपादक से लेकर उपसंपादक, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नालिस्ट के अलावा फ्रीलान्स जर्नालिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उनके आश्रितों को इसके दायरे में रखा गया है. इनके लिए कम से कम पांच वर्षों की पत्रकार के रूप में सेवा में होना अनिवार्य है.
आवेदन भेजने की प्रक्रिया पीड़ित पत्रकार अथवा उनके परिजन इसके लिए विहित फॉर्म पर अपने आवेदन महानिदेशक (एम एन्ड सी), प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, ए विंग , शास्त्री भवन, नई दिल्ली के पते पर भेज सकते हैं. तीन पृष्ठों के इस फॉर्म का नमूना प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पत्र सूचना ब्यूरो) के वेबसाइट से डाऊनलोड किया जा सकता है. उसके साथ अन्य अन्य जरूरी दस्तावेजों, जो फॉर्म के साथ जोड़ने हैं, की सूची भी उपलब्ध हो जाएगी.1 से 5 लाख तक सहायता साथ ही उसमें बताया गया है कि किन-किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार अथवा उनके परिजन को 1 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से भी “शंकरराव चव्हाण पत्रकार कल्याण निधि” पत्रकारों के मदद के लिए है. किन्तु इसमें सभी पत्रकारों को लाभ नहीं मिल पाता है.गौरतलब है कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने भी पत्रकारों के कल्याण के लिए एक योजना लागू की है। जिसमें पत्रकारों को प्रतिमाह ₹10000 की पेंशन दी जाएगी । इसके लिए कम से कम पत्रकारिता में 20 वर्ष का अनुभव और 5 साल की एक्रीडेशन जरूरी है। पत्रकार की उम्र कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए। पत्रकार संगठन अब आयु सीमा 58 वर्ष किए जाने की मांग कर रहे हैं।
समिति गठित है इसके लिए एक समिति का गठन भी किया जा चुका है. इसमें केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री संरक्षक या पैट्रोन हैं. विभाग के सचिव अध्यक्ष, प्रधान महानिदेशक (एम व सी), एएस एंड एएफ, संयुक्त सचिव (पी), सदस्य हैं तथा सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के उप सचिव/निदेशक सदस्य संयोजक हैं. यह समिति ही पीड़ित पत्रकार अथवा उनके परिजन के आवेदन पर विचार करेगी.पत्रकार की श्रेणी के सभी पत्रकार और उनके परिजन हालांकि इसमें केंद्र अथवा राज्य सरकार से अधिस्वीकृत (एक्रीडेटेड) पत्रकार होने का कोई बंधन नहीं है, लेकिन Working Journalists and other Newspaper Employes -Condition of service- And Miscellaneous Provision Act 1955 के अंतर्गत वे सारे, जो पत्रकार होने की व्याख्या में आते हैं, इस योजना के तहत मदद पाने अधिकारी हैं. इनके अलावा टीवी और वेब जर्नलिज्म के माध्यम से सेवाएं देने वालों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा. साथ ही समाचार पत्रों के संपादक से लेकर उपसंपादक, रिपोर्टर, फोटोग्राफर, कैमरामैन, फोटो जर्नालिस्ट के अलावा फ्रीलान्स जर्नालिस्ट, अंशकालिक संवाददाता और उनके आश्रितों को इसके दायरे में रखा गया है. इनके लिए कम से कम पांच वर्षों की पत्रकार के रूप में सेवा में होना अनिवार्य है.
आवेदन भेजने की प्रक्रिया पीड़ित पत्रकार अथवा उनके परिजन इसके लिए विहित फॉर्म पर अपने आवेदन महानिदेशक (एम एन्ड सी), प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो, ए विंग , शास्त्री भवन, नई दिल्ली के पते पर भेज सकते हैं. तीन पृष्ठों के इस फॉर्म का नमूना प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पत्र सूचना ब्यूरो) के वेबसाइट से डाऊनलोड किया जा सकता है. उसके साथ अन्य अन्य जरूरी दस्तावेजों, जो फॉर्म के साथ जोड़ने हैं, की सूची भी उपलब्ध हो जाएगी.1 से 5 लाख तक सहायता साथ ही उसमें बताया गया है कि किन-किन परिस्थितियों में पीड़ित पत्रकार अथवा उनके परिजन को 1 लाख रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक की सहायता राशि उपलब्ध कराई जाएगी.उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र सरकार की ओर से भी “शंकरराव चव्हाण पत्रकार कल्याण निधि” पत्रकारों के मदद के लिए है. किन्तु इसमें सभी पत्रकारों को लाभ नहीं मिल पाता है.गौरतलब है कि हरियाणा की भाजपा सरकार ने भी पत्रकारों के कल्याण के लिए एक योजना लागू की है। जिसमें पत्रकारों को प्रतिमाह ₹10000 की पेंशन दी जाएगी । इसके लिए कम से कम पत्रकारिता में 20 वर्ष का अनुभव और 5 साल की एक्रीडेशन जरूरी है। पत्रकार की उम्र कम से कम 60 वर्ष होनी चाहिए। पत्रकार संगठन अब आयु सीमा 58 वर्ष किए जाने की मांग कर रहे हैं।
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