परिवहन विभाग द्वारा जारी किये जाने वाले स्मार्ट डी.एल. एवं स्मार्ट आर.सी. की भी शुरूआत
देहरादून -मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश में पर्यावरण प्रभावित करने वाले वाहनों की रोकथाम, सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिये हेलमेट की अनिवार्यता तथा वाहनों में डस्टविन बैग रखे जाने के निर्देश दिये हैं। वाहनों के रजिस्ट्रेशन के समय ही उनमें डस्टबिन बैग रखे जाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग द्वारा जारी किये जाने वाले स्मार्ट डी.एल. एवं स्मार्ट आर.सी. की भी शुरूआत की।
सचिवालय में ई-चालान प्रक्रिया संचालित किये जाने से सम्बन्धित डेमोस्ट्रेशन का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस व्यवस्था को शीघ्र प्रभावी ढंग से प्रदेश में लागू किये जाने के निर्देश परिवहन विभाग को दिये। उन्होंने इस व्यवस्था से सम्बन्धित जानकारी एवं उपकरणों का
अवलोकन करते हुए निर्देश दिये कि ई-चालान व्यवस्था के साथ ही डीएल एवं आरसी के लिये भी इसी प्रकार का साफ्टवेयर विकसित किया जाय। उन्होंने कहा कि ई-चालान की व्यवस्था होने से सड़कों पर एवं प्रवेश द्वारों पर अनावश्यक सड़क जाम की स्थिति से बचा जा सकेगा। उन्होंने चैक पोस्टों के साथ ही सभी थानों में इस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। शहरों में यातायात को नियन्त्रित करने, पर्यावरण प्रभावित करने वाले वाहनों की पहचान करने, वाहन के प्रवेश स्थल से ही उसकी गतिविधि की जानकारी आदि उपलब्ध होने सम्बन्धी साफ्टवेयर तैयार करने के लिये भी कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश भी उन्होंने दिये।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस सम्बन्ध में बड़े शहरों में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया का भी संज्ञान लेने को कहा। उन्होंने सड़क किनारे निष्प्रयोज्य वाहनों की पार्किंग रोकने के भी सख्त निर्देश दिये हैं। प्रदेश के प्रमुख शहरों की यातायात समस्या के समाधान, शहरों व हाई वे पर सड़क दुघर्टनायें रोकने के लिये विशेष प्रबन्ध किये जाने पर भी बल दिया। इस सम्बन्ध में परिवहन व पुलिस विभाग को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश भी उन्होंने दिये। इस सम्बन्ध में सचिव परिवहन डी.सेंथिल पाण्डियन ने सचिवाल में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने जानकारी दी कि इसके लिए साफ्टवेयर विकसित किया गया। इसका सीधा कनेक्शन परिवहन मंत्रालय के ‘वाहन’ साफ्टवेयर से रजिस्टर होगा। इस प्रक्रिया में वाहन नम्बर डालते ही वाहन से सम्बन्धित सभी डाटा, उसके स्वामी एवं चालक से सम्बन्धित सभी जानकारी शीघ्र मिल जायेगी एवं उसी समय चालन का प्रिन्ट भी दिया जायेगा। एनआईसी द्वारा ई-चालान का साफ्टवेयर बनाया गया है। प्रारम्भिक चरण में यह मशीन सभी ए.आर.टी. ओ एवं एवं चैक पोस्टों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। उसके बाद यह मशीन सभी थानों में भी उपलब्ध कराई जायेंगी। परिवहन सचिव पाण्डियन ने कहा कि अब स्मार्ट डी.एल. एवं आर.सी. बनाये जा रहे है। इन लाइसेंसों में क्यू. आर कोड को स्केन करने पर पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी। इस अवसर पर एसएसपी कार्मिक पुलिस मुख्यालय केवल खुराना, आरटीओ देहरादून सुधांशू गर्ग, संजीव मिश्रा एवं एनआईसी के अधिकारी उपस्थित थे।
सचिवालय में ई-चालान प्रक्रिया संचालित किये जाने से सम्बन्धित डेमोस्ट्रेशन का अवलोकन करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस व्यवस्था को शीघ्र प्रभावी ढंग से प्रदेश में लागू किये जाने के निर्देश परिवहन विभाग को दिये। उन्होंने इस व्यवस्था से सम्बन्धित जानकारी एवं उपकरणों का
अवलोकन करते हुए निर्देश दिये कि ई-चालान व्यवस्था के साथ ही डीएल एवं आरसी के लिये भी इसी प्रकार का साफ्टवेयर विकसित किया जाय। उन्होंने कहा कि ई-चालान की व्यवस्था होने से सड़कों पर एवं प्रवेश द्वारों पर अनावश्यक सड़क जाम की स्थिति से बचा जा सकेगा। उन्होंने चैक पोस्टों के साथ ही सभी थानों में इस प्रकार की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। शहरों में यातायात को नियन्त्रित करने, पर्यावरण प्रभावित करने वाले वाहनों की पहचान करने, वाहन के प्रवेश स्थल से ही उसकी गतिविधि की जानकारी आदि उपलब्ध होने सम्बन्धी साफ्टवेयर तैयार करने के लिये भी कार्ययोजना बनाये जाने के निर्देश भी उन्होंने दिये।मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने इस सम्बन्ध में बड़े शहरों में अपनायी जाने वाली प्रक्रिया का भी संज्ञान लेने को कहा। उन्होंने सड़क किनारे निष्प्रयोज्य वाहनों की पार्किंग रोकने के भी सख्त निर्देश दिये हैं। प्रदेश के प्रमुख शहरों की यातायात समस्या के समाधान, शहरों व हाई वे पर सड़क दुघर्टनायें रोकने के लिये विशेष प्रबन्ध किये जाने पर भी बल दिया। इस सम्बन्ध में परिवहन व पुलिस विभाग को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश भी उन्होंने दिये। इस सम्बन्ध में सचिव परिवहन डी.सेंथिल पाण्डियन ने सचिवाल में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के समक्ष प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने जानकारी दी कि इसके लिए साफ्टवेयर विकसित किया गया। इसका सीधा कनेक्शन परिवहन मंत्रालय के ‘वाहन’ साफ्टवेयर से रजिस्टर होगा। इस प्रक्रिया में वाहन नम्बर डालते ही वाहन से सम्बन्धित सभी डाटा, उसके स्वामी एवं चालक से सम्बन्धित सभी जानकारी शीघ्र मिल जायेगी एवं उसी समय चालन का प्रिन्ट भी दिया जायेगा। एनआईसी द्वारा ई-चालान का साफ्टवेयर बनाया गया है। प्रारम्भिक चरण में यह मशीन सभी ए.आर.टी. ओ एवं एवं चैक पोस्टों पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। उसके बाद यह मशीन सभी थानों में भी उपलब्ध कराई जायेंगी। परिवहन सचिव पाण्डियन ने कहा कि अब स्मार्ट डी.एल. एवं आर.सी. बनाये जा रहे है। इन लाइसेंसों में क्यू. आर कोड को स्केन करने पर पूर्ण जानकारी उपलब्ध होगी। इस अवसर पर एसएसपी कार्मिक पुलिस मुख्यालय केवल खुराना, आरटीओ देहरादून सुधांशू गर्ग, संजीव मिश्रा एवं एनआईसी के अधिकारी उपस्थित थे।
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