उत्तराखण्ड हड़ताली प्रदेशों की सूची में सबसे आगे है- मुख्यमंत्री
कोटद्वार-कोटद्वार इको टूरिज्म सर्किट विकास एवं सफारी वाहनों का संचालन योजना’’ का शुभारंभ करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इन योजनाओं से कोटद्वार के सामाजिक व आर्थिक विकास को नई दिशा मिलेगी। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि कोटद्वार को गढ़वाल का द्वार कहा जाता है, आज इन योजनाओं के शुरूआत होने से कोटद्वार को विकास का द्वार भी कहा जायेगा। उत्तराखण्ड की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि हमारे पास सकारात्मक
और रचनात्मक मानव संसाधन उपलब्ध है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि इको टूरिज्म को राज्य के विकास और आय से जोड़ा जायेगा। इस प्रकार की योजनाएं तैयार की जा रही है, जिससे स्थानीय युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पं. दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत 200 किसानो को 2 प्रतिशत के ऋण पर 1 लाख रुपए के चैक भी वितरित किये तथा आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया।उन्होंने ने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड हड़ताली प्रदेशों की सूची में सबसे आगे है।यह हमारे लिए सोचनीय विषय है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को हड़ताली प्रदेश नही बनने देंगे, इसमें जनता का सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्मिको की हड़ताल से विकास कार्य बाधित होते है। राज्य सरकार विकास के कार्यों में इस प्रकार की बाधा को बर्दास्त नही करेगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार एक धार्मिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल है। उन्होंने कहा कि आज कोटद्वार इको टूरिज्म सर्किट विकास एवं सफारी वाहनों का संचालन योजना को शुभारंभ किया गया है, इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कोटद्वार को एक नई पहचान मिलेगी। वन मंत्री ने बताया कि आज सोना नदी गेट से शुभारंभ करते हुए 6 सफारी वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ.धन सिंह रावत, लैंसडाॅन विधायक दिलीप रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष दीप्ति रावत, प्रमुख वन संरक्षक डाॅ.आर.के. महाजन, एम.डी. इको टूरिज्म विकास निगम अनूप मलिक आदि उपस्थित थे।
और रचनात्मक मानव संसाधन उपलब्ध है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि इको टूरिज्म को राज्य के विकास और आय से जोड़ा जायेगा। इस प्रकार की योजनाएं तैयार की जा रही है, जिससे स्थानीय युवाओं को अधिक से अधिक रोजगार मिल सके। साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सके।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पं. दीन दयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना के तहत 200 किसानो को 2 प्रतिशत के ऋण पर 1 लाख रुपए के चैक भी वितरित किये तथा आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता दिए जाने का आश्वासन दिया।उन्होंने ने कहा कि गृह मंत्रालय भारत सरकार की रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखण्ड हड़ताली प्रदेशों की सूची में सबसे आगे है।यह हमारे लिए सोचनीय विषय है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि उत्तराखण्ड को हड़ताली प्रदेश नही बनने देंगे, इसमें जनता का सहयोग चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्मिको की हड़ताल से विकास कार्य बाधित होते है। राज्य सरकार विकास के कार्यों में इस प्रकार की बाधा को बर्दास्त नही करेगी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए वन एवं पर्यावरण मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने कहा कि कोटद्वार एक धार्मिक, ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल है। उन्होंने कहा कि आज कोटद्वार इको टूरिज्म सर्किट विकास एवं सफारी वाहनों का संचालन योजना को शुभारंभ किया गया है, इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही कोटद्वार को एक नई पहचान मिलेगी। वन मंत्री ने बताया कि आज सोना नदी गेट से शुभारंभ करते हुए 6 सफारी वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है।इस अवसर पर उच्च शिक्षा एवं सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ.धन सिंह रावत, लैंसडाॅन विधायक दिलीप रावत, जिला पंचायत अध्यक्ष दीप्ति रावत, प्रमुख वन संरक्षक डाॅ.आर.के. महाजन, एम.डी. इको टूरिज्म विकास निगम अनूप मलिक आदि उपस्थित थे।
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