दुर्लभ संसाधनों के प्रबंधन में जिओ-इनफोर्मेटिक्स महत्वपूर्णः राज्यपाल

  देहरादून -राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कांत पाल ने नेशनल हाईड्रोग्राफिक आॅफिस परिसर में आयोजित 37 वें आई.एन.सी.ए. इंटरनेशनल कांग्रेस का शुभारम्भ किया। सम्मेलन ‘‘मानचित्र-विविधता व इसके प्रबंधन के लिए भू-सूचना विज्ञान कार्टो-डायवर्सिटी और उसके प्रबंधन के लिए ¼ जीओ-इन्फॉर्मेटिक्स ’ विषय पर आयोजित किया गया है।राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि भू-सूचना विज्ञान से धरती पर मौजूद दुर्लभ व उपयोगी संसाधनों के कुशल प्रबंधन में सहायता मिलती है। डिजीटल तकनीक के बढ़ते प्रयोग को देखते हुए सम्मेलन का विषय बहुत ही प्रासंगिक व महत्वपूर्ण है। नगर नियोजन, भू-उपयोग प्रबंधन, सार्वजनिक स्वास्थ्य, ई-गवर्नेंस, पर्यावरण अध्ययन, रक्षा, यातायात नेटवर्क आदि में भू-सूचना विज्ञान का प्रयोग किया जा रहा है। 
राज्यपाल ने कहा कि आज स्कूली छात्र भी मानचित्रण के विभिन्न अनुप्रयोगों का दैनिक जीवन में उपयोग कर रहे हैं। मोबाईल फोन पर मैप व जीपीएस उपलब्ध हैं। सोशल मीडिया में जिओ-टेगिंग¼Geo-tagging½  का प्रयोग काफी प्रचलित हो चुका है। राज्यपाल ने कहा कि जीपीएस, अंतरिक्ष आधारित रेडियो-नेवीगेशन सिस्टम है। इस पर पूरी तरह से निर्भर नहीं रहा जाना चाहिए। रूस, चीन सहित अनेक देशों ने अपने सिस्टम विकसित किए हैं। सैटेलाईट में हमारी विशेषज्ञता है। अब हमारा अपना ‘गगन’ सिस्टम है जो कि उड्डयन क्षेत्र में प्रयोग किया जा रहा है। राज्यपाल ने इस अवसर पर नेशनल हाईड्रोग्राफिक द्वारा आयोजित विभिन्न क्विज प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया। उन्होंने प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया। कार्यक्रम में चीफ हाईड्रोग्राफर वाईस एडमिरल विनय बधवार, संयुक्त चीफ हाईड्रोग्राफर रियर एडमिरल अधीर अरोड़ा, मेजर जनरल गिरीश कुमार सहित सम्मेलन में प्रतिभाग करने आए अनेक विशेषज्ञ उपस्थित थे

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