मालू पानी के स्रोत के लिए भूख हड़ताल बैठा दिनेश
टिहरी- विधानसभा देवप्रयाग के मालू पानी नामक स्थान पर एक जल स्रोत जो वर्षों से लोगो की प्यास बुझा रहा हैं, यह जल स्रोत इस गांव के लोगों की प्यास ही नही बुझाता हैं आने जाने वाले सभी यात्रियों और पर्यटकों की प्यास भी इस स्रोत के पानी का आनंद अवश्य उठाते हैं। लेकिन बिडम्बना देखें तो इस स्रोत के ऊपर से पानी को टेप कर किसी दूसरी जगह ले जाया जा रहा है जबकि ग्रामीणों का कहना है कि जिस क्षेत्र मे पानी ले जाया जा रहा है वहाँ पर पहले से ही तीन योजनाओ से पानी उपलब्ध कराया जा रहा हैं!
इस बाबत जल संस्थान देवप्रयाग से से बात करने पर पता चला है कि मालू पानी नाम से संस्थान की कोई योजना ही नही है तो भूख हड़ताल पर बैठे दिनेश व उप प्रधान रावत का कहना है कि ये योजना
किसी दूसरी ग्राम सभा की है और ये यहाँ पर व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए करवाई जा रही है जो कि जनहित में न्यायोचित नही है दिनेश कहना है कि यदि संस्थान पानी को दूसरी जगह ले जाता है तो मालू पानी का ये प्रकृतिक स्रोत सूख जाएगा जिसमे कि पटवारी और
तहसीलदार के लिए रिपोर्ट जांच आख्या भी संलग्न है उसके बाबजूद भी इस योजना को अमलीजामा पहनाने का कार्य किया जा रहा है ।साथ ही भूख हड़ताल पर बैठे दोनों लोगों का कहना है कि उन्हें कानूनगो से भी खतरा है उनका कहना है कि कानूनगो बात को समझने की बजाए बाजू ऊपर कर मारने दौड़ पड़े ।
आखिर कब तक चंद ठेकेदारों ओर चंद स्वार्थी तत्वों के कारण आम आदमी सड़को पर कब तक बैठा रहेगा ।आखिर क्यों जल, जंगल, जमीन और हिमालय को बचाने की बात करने वाले बड़े बड़े NGO' s इस तरह की गतिविधियों में सहभाग नही कर पाते कारण शायद कहीं न कहीं ये भी छदम राजनीति के शिकार होते हैं और इन्हें अपना वोट बैंक देखना होता है।
आखिर 5 दिन से बैठे भूख हड़ताल पर इन लोगो का इसमे क्या निजी स्वार्थ है जो प्रशासन इनकी नही सुन रहा.यहां ये भी बता दें कि आज के भौतिक वादिता के इस दौर में जहां हर घर मे पानी है वही भूख हड़ताल पर बैठे इस आदमी के घर से स्रोत नजदीक होने के कारण इनके घर पर नल तो दूर की बात पाइप का एक टुकड़ा
तक नही लगा हैं।इस स्रोत के ऊपर से यदि पानी को वास्तव में टेप किया गया तो ग्रामसभा के 18 परिवारों पर खेती बंजर होने में वक्त नही लगेगा ओर इन परिवारो को पानी की किल्लत भी भविष्य मे झेलनी पडेगी.
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