मुख्यमंत्री ने सभी धार्मिक गुरूओं से खसरा व रूबैला के टीकाकरण में सहयोग की अपील

देहरादून -मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने  राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा देहरादून में आयोजित भारत सरकार, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं यूनिसेफ के सहयोग से राज्य सरकार द्वारा आयोजित मीजिल्स (खसरा) व  रूबैला टीकाकरण अभियान शुभारम्भ किया।मुख्यमंत्री  त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि खसरा व रूबैला के खतरनाक परिणाम देखने को मिलते है। हमारे देश में आज भी तमाम ऐसी बिमारियाॅं है जिनके सम्बन्ध में यदि सावधानियाॅं बरती जाय या समय से पूर्व उपचार कर दिया जाय तो उनसे बचा जा सकता है। हमने सकंल्प लिया है कि 2020 तक खसरे के रोग को समाप्त करना है तथा रूबैला का नियंत्रित करना है।
अच्छा स्वास्थ्य आने वाली पीढ़ी की प्रगति तो सुनिश्चित करता ही है साथ ही आर्थिक-सामाजिक विषमता भी दूर करता है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सभी धार्मिक गुरूओं, सामाजिक संगठनाें व वर्गो से खसरा व रूबैला के टीकाकरण अभियान में सहयोग की अपील की।  मुख्यमंत्री ने आशा व्यक्त की कि खसरा व रूबैला के विरूद्ध टीकाकरण अभियान सफल होगा।  मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य सरकार ने सकंल्प लिया है कि रिस्पना को पुनः जीवित करना है। रिस्पना से ऋषिपर्णा अभियान के तहत रिस्पना को अपने पुराने रूप में लाया जाएगा। वर्तमान में रिस्पना में जल की मात्रा बहुत कम है। हमें इसका जल स्तर बढ़ाना है। ईको टास्क फोर्स इस दिशा में महत्वपूर्ण कार्य कर रही है। जूनियर टास्क फोर्स का गठन किया गया हैं जिसके अन्तर्गत स्कूली छात्रों को इस अभियान से जोड़ा जाएगा। रिस्पना नदी के मूल स्थान मंसूरी के पास लंढौर से यह अभियान आरम्भ किया जाएगा।  नदी के साफ-सफाई तथा सघन वृक्षारोपण के कार्य किए जाएगे। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने ‘‘रिस्पना से ऋषिपर्णा’’ महाअभियान हेतु जनता का आहवाहन करते हुए कहा व्यापक जन सहभागिता द्वारा ही इस अभियान सफल बनाया जा सकता है। हम इसे जनसहयोग से जनता का आन्दोलन बनाएगे। 
  उल्लेखनीय है कि एक राष्ट्रव्यापी अभियान के अन्तर्गत खसरा तथा रूबैला जैसी जानलेवा बीमारियों से बच्चों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए खसरा-रूबैला(एम.आर) टीकारण आरम्भ किया जा रहा है। उत्तराखण्ड में खसरा-रूबैला टीकाकरण अभियान का संचालन भारत सरकार, यूनिसेफ तथा विश्व स्वास्थ्य संगठन के सहयोग से किया जा रहा है। इस अभियान के उपरान्त खसरा-रूबैला के टीके को नियमित टीकाकरण कार्यक्रम में सम्मिलित कर लिया जाएगा। इस अभियान के अन्तर्गत 09 माह से 15 वर्ष तक की आयु के बच्चों को टीका लगाया जाएगा। इस अभियान में सभी बच्चे चाहे जिन्हें पूर्व में एम.आर.एम.एम.आर. का टीका दिया जा चुका हो, शामिल होंगे। इस अभियान के द्वारा खसरा रोग को समाप्त करना तथा रूबैला को नियंत्रित करना लक्ष्य है। खसरा-रूबैला टीका पूर्ण रूप  से सुरक्षित है एवं उसका कोई दुष्प्रभाव नहीं होता है। यह टीका केवल प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मी द्वारा ही लगाया जाएगा। खसरा-रूबैला टीकाकरण अभियान अन्तर्गत देश के लगभग 41 करोड़ बच्चों को आच्छादित किया जा रहा है जो अभी तक के किसी भी स्वास्थ्य अभियान की तुलना में सबसे बड़ी गतिविधि है। यह अभियान देश में फरवरी 2017 से शुरू होकर अब तक 12 राज्यों में चल रहा है उत्तराखण्ड इस श्रृंखला में 13वां राज्य है। उत्तराखण्ड में खसरा-रूबैला टीकाकरण अभियान अन्तर्गत लगभग 28 लाख 25 हजार 685 बच्चों का टीकाकरण किया जाएगा। इस अभियान के अन्तर्गत 15468 टीकाकरण सत्र सरकारी एवं निजी विद्यालयों में लगाए जाएंगे तथा 11540 टीकाकरण सत्र दूरस्थ स्थानों पर संचालित होंगे। इस अभियान के अन्तर्गत सरकारी, अर्द्धसरकारी, प्राईवेट एवं मदरसों में शत प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित है। इस अभियान के बाद खसरा वैक्सीन के स्थान पर खसरा और रूबैला प्रारम्भ की जायेगी।
इस राज्य व्यापी अभियान को सफल बनाने के लिए बाल विकास विभाग, शिक्षा विभाग, पंचायती राज विभाग, चिकित्सा शिक्षा, आयुष, रेडक्रास, लायन्स एवं रोटरी क्लब, भारतीय चिकित्सा संघ, बाल रोग विशेषज्ञ संघ, विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं यूनिसेफ के द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है।इस अवसर पर विधायक  उमेश शर्मा काऊ, अपर मुख्य सचिव  ओमप्रकाश, स्वास्थ्य सलाहकार मुख्यमंत्री डा नवीन बलूनी,  मिशन निदेशक एनएचआरएम  चन्द्रेश कुमार, निदेशक आईसीडीएस  विम्मी सचदेवा आदि उपस्थित थे।

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