विकास के नाम पर पहाड़ का विनाश कभी बर्दाश्त नहीं --उत्तराखंड महिला मंच

देहरादून-उत्तराखंड महिला मंच ने आरोप लगाते हुए कहा है कि पंचेश्वर बांध बहुउद्देशीय परियोजना की तीन जनसुनवाई और औपचारिकताओं के नाम पर हुई खानापूर्ति के विरोध में उत्तराखंड महिला मंच की कार्यकर्ताओं ने आज डीएम कार्यालय में पंचेश्वर बांध के विरोध में धरना दिया और कहा कि विकास के नाम पर पहाड़ का विनाश उत्तराखंड महिला मंच कभी बर्दाश्त नहीं करेगा अगर ऐसा नहीं किया गया तो फिर सरकार को उग्र आंदोलन के लिए भी तैयार रहना चाहिए।   9 अगस्त की चंपावत में हुई जनसुनवाई में ईआईए नोटिफिकेशन का उल्लंघन करते हुए पैनल ने में सत्तारूढ़ दल के नेताओं का ही कब्ज़ा  रहा। प्रभावित जनता ने आरोप लगाया है कि  उन्हें अपनी चिंताएं  सामने रखने के लिए बोलने नहीं दिया गया ।वहीं 11 अगस्त को पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय में हुई जनसुनवाई बेहद हंगामेदार रही सैकड़ों ग्रामीण सांस्कृतिक प्रतीकों को लेकर मार्च करते हुए  वे आयोजन स्थल पर पहुंचे और गेट के बाहर उन्होंने जन सुनवाई के खिलाफ प्रदर्शन किया। इसके बाद 17 अगस्त को तीसरी और अंतिम जन सुनवाई अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लाक में आयोजित की गई इस आयोजन में भी अल्मोड़ा जिले के प्रभावितों ने वही चिंता दौहराई कि उन्हों ना तो जन  सुनवाई के बारे में समय से जानकारी  मिल पाई और ना ही पंचेश्वर  बहुउद्देशयीय  विकास परियोजना की डीपीआर ईआईए और अन्य जरूरी दस्तावेज मुहैया कराए गए हैं। कुल मिलाकर उत्तराखंड के 134 गांवों के अस्तित्व पर छाए संकट पंचेश्वर बहुउद्देशयीय विकास परियोजना के लिए  हो रही बेहद संवेदनशील जनसुनवाइयों को महज एक औपचारिकता व खानापूर्ति की तरह निपटा दिया गया है तीनों ही जन सुनवाई में ई आई ए नोटिफिकेशन में निर्दिष्ठ प्रक्रियाओं का स्पष्ट उल्लंघन किया गया है और तीनों ही जगह सत्तारूढ़ भाजपा के लोगों ने जन सुनवाइयों पर कब्ज़ा जमाये रखा। 

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