पेट्रोल, डीजल की दरों में बेतहाशा वृद्धि के विरोध में कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन
देहरादून
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह के आह्रवान पर प्रदेश में बढ़ती मंहगाई, ध्वस्त कानून व्यवस्था तथा किसानों का लगातार उत्पीड़न किये जाने के विरोध में प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया तथा जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेशित किये गये। इसी परिपेक्ष में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा देहरादून के गांधी पार्क मे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष डाॅ0 इन्दिरा हृदयेश, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, सहप्रभारी संजय कपूर के साथ ही कांग्रेस कमेटी के विधायकगणों, वरिष्ठ नेतागणेां सहित हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने किया। कार्यक्रम के उपरान्त कांग्रेसजनों द्वारा अपर जिलाधिकारी देहरादून को राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन दिया। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपना 6 माह का कार्य काल पूर्ण कर चुकी है। प्रदेश की प्रचण्ड बहुमत वाली सरकार ने उत्तराखण्ड की जनता के विश्वास पर चोट करते हुए विगत 6 महीनों में अनेक जन विरोधी निर्णय लिये हैं। केन्द्र और राज्य की सरकारों के शासन में मंहगाई अपने चरम पर है तथा कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है।कांग्रेस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में देश की जनता से पेट्रोलियम पदार्थो के दाम कम करने के साथ-साथ मंहगाई पर नियंत्रण करते हुये आम आदमी को राहत देने का वायदा किया था। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में 75 प्रतिशत की कमी होने के बावजूद पेट्रोल, डीजल की दरों में बेतहाशा वृद्धि कर आम आदमी की जेब पर डाका डाला जा रहा है।
कांग्रेस शासन में जहां अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 150 डाॅलर प्रति बैरल होनेे के बावजूद देश में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम काफी कम थे, वहीं वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 50 डाॅलर प्रति बैरल से भी कम होने के बावजूद देश में पेट्रोल के दाम 80 रूपये प्रति लीटर के उच्च स्तर पर हैं। केन्द्र सरकार द्वारा रसोई गैस के मूल्यों में की गई भारी वृद्धि के कारण गरीब और मध्यम वर्ग के हितों पर चोट पहुँची है। गौरतलब है कि कांग्रेस गठबन्धन की सरकार के समय में रसोई गैस का मूल्य 414 रू0 था जबकि वर्तमान में रसोई गैस का मूल्य 780 तक पहुॅच गया है। आम जरूरत की चीजों के दामों में विगत तीन वर्षो में चार गुना वृद्धि से आम गरीब व्यक्ति का जीना मुहाल हो गया है। कांग्रेसजनों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव 2017 में भयमुक्त सरकार के अपने वायदे पर अमल करने में भाजपा सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। भाजपा सरकार के शासनकाल में राज्य की कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा गई है। राज्य में अपराधी निरकुंश होकर अपराध कर रहे है। राज्य सरकार में मंत्रीगण, सासंद, विधायक एवं भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं द्वारा कानून व्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी कोई कार्यवाही सरकार व प्रशासन द्वारा नही किया जाना गम्भीर विषय है। देहरादून हरिद्वार तथा अल्मोड़ा में आबकारी की दुकानों को लेकर सत्ताधारी पार्टी के विधायकों द्वारा सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही रामनगर में खनन माफिया द्वारा वन कर्मी की ट्रेक्टर से कुचल कर निर्मम हत्या तथा कोटद्वार में दिन-दहाड़े वकील की हत्या जैसे कई जघन्य अपराधों ने राज्य की कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। राज्य सरकार के 6 माह के कार्यकाल में राज्य में हत्या, बलात्कार महिलाओं पर अत्याचार, लूट-पाट, चोरी, डकैती, चेन स्नैचिंग, टप्पेबाजी, मानव तस्करी आदि अपराधों की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। राज्य की जनता में भय का वातावरण व्याप्त है तथा आम आदमी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है।कांग्रेसजनों ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी विभिन्न चुनावी सभाओं तथा भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में राज्य के किसानों से वायदा किया था कि सरकार बनने पर प्रदेश के किसानों के कर्ज माफ किये जायेंगे, किसानों को ब्याज रहित ऋण दिया जायेगा तथा गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 15 दिन के अन्दर किया जायेगा, परन्तु छः माह व्यतीत होने के उपरान्त भी राज्य व केन्द्र सरकार अपने इन वायदों पर अमल करने में पूर्ण रूप से मुकर रही है तथा इसी की परिणति है कि उत्तराखण्ड में जून 2017 से अब तक 7 किसानों के द्वारा आत्महत्या की जा चुकी है, जिससे उत्तराखण्ड राज्य कंलकित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड की गरीब जनता को राज्य खाद्य योजना के अन्र्तगत मिलने वाले गेहूँ एवं चावल के दामों में भारी वृद्धि कर गरीब आदमी को भुखमरी के कगार पर खड़ा कर दिया है। कांग्रेस शासन में गेहूँ 5 रूपये किलो तथा चावल 9 रूपये किलो मिलता था उसके दाम बढ़ाकर भाजपा सरकार ने गेहूँ 8.60 रूपये किलो तथा चावल 15 रूपये प्रति किलो कर दिया हैं। वहीं राशन की मात्रा में भारी कटौती कर दी गई है, जिससे कई परिवारों के सामने भरण-पोषण का संकट पैदा हो गया है। दूसरी ओर केन्द्र सरकार द्वारा सस्ते गल्ले के माध्यम से वितरित की जाने वाली चीनी तथा मिट्टी के तेल पर मिलने वाली सब्सिडी को बन्द कर गरीब जनता के साथ छलावा किया गया है।कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार की आबकारी नीति से पूर्ण रूप से शराब माफिया को संरक्षण तथा शराब की तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है तथा उत्तराखण्ड के हर द्वार पर मोबाईल वैन से शराब पहुॅचाने वाला घिनौना कृत्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। राज्यभर में उत्तराखण्ड के लोगों द्वारा शराब के खिलाफ चलाये जा रहे जन-आन्दोलनों को बलपूर्वक कुचलने का तथा उसमें सम्मिलित आन्दोलनकारियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज कर मातृशक्ति को भी अपमानित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा शराब के करोबार को कम करने का आश्वासन देने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा शराब से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य 1800 करोड़ से बढ़ाकर 2300 करोड़ कर दिया है। प्रदेश में पाॅच पर्वतीय जनपदों में देशी शराब की बिक्री पर रोक थी जिसको राज्य सरकार ने खोलने का काम किया जिससे प्रदेश में शराब को बढ़ावा मिला है।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह के आह्रवान पर प्रदेश में बढ़ती मंहगाई, ध्वस्त कानून व्यवस्था तथा किसानों का लगातार उत्पीड़न किये जाने के विरोध में प्रदेश भर के जिला मुख्यालयों में धरना-प्रदर्शन कार्यक्रमों का आयोजन किया गया तथा जिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेशित किये गये। इसी परिपेक्ष में प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा देहरादून के गांधी पार्क मे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह के नेतृत्व में धरना-प्रदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष डाॅ0 इन्दिरा हृदयेश, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, सहप्रभारी संजय कपूर के साथ ही कांग्रेस कमेटी के विधायकगणों, वरिष्ठ नेतागणेां सहित हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचन्द शर्मा ने किया। कार्यक्रम के उपरान्त कांग्रेसजनों द्वारा अपर जिलाधिकारी देहरादून को राज्यपाल के नाम संबोधित ज्ञापन दिया। कांग्रेस पार्टी ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार अपना 6 माह का कार्य काल पूर्ण कर चुकी है। प्रदेश की प्रचण्ड बहुमत वाली सरकार ने उत्तराखण्ड की जनता के विश्वास पर चोट करते हुए विगत 6 महीनों में अनेक जन विरोधी निर्णय लिये हैं। केन्द्र और राज्य की सरकारों के शासन में मंहगाई अपने चरम पर है तथा कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से ध्वस्त हो चुकी है।कांग्रेस ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में देश की जनता से पेट्रोलियम पदार्थो के दाम कम करने के साथ-साथ मंहगाई पर नियंत्रण करते हुये आम आदमी को राहत देने का वायदा किया था। अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में 75 प्रतिशत की कमी होने के बावजूद पेट्रोल, डीजल की दरों में बेतहाशा वृद्धि कर आम आदमी की जेब पर डाका डाला जा रहा है।
कांग्रेस शासन में जहां अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 150 डाॅलर प्रति बैरल होनेे के बावजूद देश में पेट्रोलियम पदार्थों के दाम काफी कम थे, वहीं वर्तमान में अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 50 डाॅलर प्रति बैरल से भी कम होने के बावजूद देश में पेट्रोल के दाम 80 रूपये प्रति लीटर के उच्च स्तर पर हैं। केन्द्र सरकार द्वारा रसोई गैस के मूल्यों में की गई भारी वृद्धि के कारण गरीब और मध्यम वर्ग के हितों पर चोट पहुँची है। गौरतलब है कि कांग्रेस गठबन्धन की सरकार के समय में रसोई गैस का मूल्य 414 रू0 था जबकि वर्तमान में रसोई गैस का मूल्य 780 तक पहुॅच गया है। आम जरूरत की चीजों के दामों में विगत तीन वर्षो में चार गुना वृद्धि से आम गरीब व्यक्ति का जीना मुहाल हो गया है। कांग्रेसजनों ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव 2017 में भयमुक्त सरकार के अपने वायदे पर अमल करने में भाजपा सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। भाजपा सरकार के शासनकाल में राज्य की कानून व्यवस्था पूर्ण रूप से चरमरा गई है। राज्य में अपराधी निरकुंश होकर अपराध कर रहे है। राज्य सरकार में मंत्रीगण, सासंद, विधायक एवं भाजपा के पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं द्वारा कानून व्यवस्था को ध्वस्त किया जा रहा है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद भी कोई कार्यवाही सरकार व प्रशासन द्वारा नही किया जाना गम्भीर विषय है। देहरादून हरिद्वार तथा अल्मोड़ा में आबकारी की दुकानों को लेकर सत्ताधारी पार्टी के विधायकों द्वारा सरकार पर आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही रामनगर में खनन माफिया द्वारा वन कर्मी की ट्रेक्टर से कुचल कर निर्मम हत्या तथा कोटद्वार में दिन-दहाड़े वकील की हत्या जैसे कई जघन्य अपराधों ने राज्य की कानून व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। राज्य सरकार के 6 माह के कार्यकाल में राज्य में हत्या, बलात्कार महिलाओं पर अत्याचार, लूट-पाट, चोरी, डकैती, चेन स्नैचिंग, टप्पेबाजी, मानव तस्करी आदि अपराधों की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। राज्य की जनता में भय का वातावरण व्याप्त है तथा आम आदमी अपने को असुरक्षित महसूस कर रहा है।कांग्रेसजनों ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी विभिन्न चुनावी सभाओं तथा भाजपा ने अपने दृष्टि पत्र में राज्य के किसानों से वायदा किया था कि सरकार बनने पर प्रदेश के किसानों के कर्ज माफ किये जायेंगे, किसानों को ब्याज रहित ऋण दिया जायेगा तथा गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 15 दिन के अन्दर किया जायेगा, परन्तु छः माह व्यतीत होने के उपरान्त भी राज्य व केन्द्र सरकार अपने इन वायदों पर अमल करने में पूर्ण रूप से मुकर रही है तथा इसी की परिणति है कि उत्तराखण्ड में जून 2017 से अब तक 7 किसानों के द्वारा आत्महत्या की जा चुकी है, जिससे उत्तराखण्ड राज्य कंलकित हुआ है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड की गरीब जनता को राज्य खाद्य योजना के अन्र्तगत मिलने वाले गेहूँ एवं चावल के दामों में भारी वृद्धि कर गरीब आदमी को भुखमरी के कगार पर खड़ा कर दिया है। कांग्रेस शासन में गेहूँ 5 रूपये किलो तथा चावल 9 रूपये किलो मिलता था उसके दाम बढ़ाकर भाजपा सरकार ने गेहूँ 8.60 रूपये किलो तथा चावल 15 रूपये प्रति किलो कर दिया हैं। वहीं राशन की मात्रा में भारी कटौती कर दी गई है, जिससे कई परिवारों के सामने भरण-पोषण का संकट पैदा हो गया है। दूसरी ओर केन्द्र सरकार द्वारा सस्ते गल्ले के माध्यम से वितरित की जाने वाली चीनी तथा मिट्टी के तेल पर मिलने वाली सब्सिडी को बन्द कर गरीब जनता के साथ छलावा किया गया है।कांग्रेस ने कहा कि राज्य सरकार की आबकारी नीति से पूर्ण रूप से शराब माफिया को संरक्षण तथा शराब की तस्करी को बढ़ावा मिल रहा है तथा उत्तराखण्ड के हर द्वार पर मोबाईल वैन से शराब पहुॅचाने वाला घिनौना कृत्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। राज्यभर में उत्तराखण्ड के लोगों द्वारा शराब के खिलाफ चलाये जा रहे जन-आन्दोलनों को बलपूर्वक कुचलने का तथा उसमें सम्मिलित आन्दोलनकारियों के खिलाफ मुकदमें दर्ज कर मातृशक्ति को भी अपमानित किया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा शराब के करोबार को कम करने का आश्वासन देने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा शराब से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य 1800 करोड़ से बढ़ाकर 2300 करोड़ कर दिया है। प्रदेश में पाॅच पर्वतीय जनपदों में देशी शराब की बिक्री पर रोक थी जिसको राज्य सरकार ने खोलने का काम किया जिससे प्रदेश में शराब को बढ़ावा मिला है।
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