मैड ने रिस्पना और बिंदाल की बिगड़ती हालात के बारे में लोगों को जागरूक किया

मेकिंग ए डिफ्फेरेंस बाय बीइंग दी डिफ्फेरेंस (मैड) ने  गांधी पार्क में एक पेपर बैग मेकिंग अभियान चलाया जिसके बाद नुक्कड़ नाटक के माध्यम से उन्होंने रिस्पना और बिंदाल की बिगड़ती हालात के बारे में लोगों को जागरूक कराया।रिस्पना और बिंदाल केअस्तित्व में बाधा रखने वाली प्राथमिक समस्या नदी किनारे पर मानव अतिक्रमण, सरकार द्वारा उपेक्षा आदि हैं। यह कचरे का निपटान नदियों के साथ वन्य जीवन को भी नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी रुड़की द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार, रिस्पाना एक बारहमासी धारा है और बिंदल में भी 1980 तक पानी था।
 मानसून के मौसम में भारी बारिश की स्थिति में पानी के प्रवाह के कारण नदी के तल पर बसी बस्तियों के विनाश का खतरा है।इस सबको ध्यान में रखते हुए करीब मैड के 30 मैड सदस्य शाम 4 बजे गांधी पार्क में एकत्र हुए। वहां 2 घंटे तक सदस्यों ने अपना पेपर बैग बनाने का अभियान चलाया जिसमें उन्होंने पार्क में घूमने आये लोगों को भी शामिल किया।  सदस्यों ने गांधी पार्क के सामने एक नुक्कड़ नाटक किया जिसके द्वारा उन्होंने नदियों के महत्त्व और उनके पुनर्जीवन की ज़रुरत के बारे में बताया। कई दर्शकों ने इस अधिनियम को सकारात्मक रूप से प्रतिक्रिया दी और युवाओं ने सफलतापूर्वक इस नाटक को संपन्न किया।इस अभियान में गौरव जुयाल, आश्रित, अक्षिता, सात्विक, अक्षत आदि ने हिस्सा लिया।

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