समाधान मशीनों में नहीं भारतीयों के दिलों में है - स्वामी चिदानन्द सरस्वती

हम है समाधान’ ऐतिहासिक शिखर सम्मेलन
बाजार और परिवार भारत की ताकत है
कलमा और उपनिषद में कोई भेद नहीं-स्वामी गुरूशरणानन्द 
 भोगवादी एवं उपभोक्तावादी संस्कृति पर्यावरण के लिये घातक है-स्वामी रामदेव
  गाय हो राष्ट्रीय पशु घोषित- ईमाम उमर इलियासी ,मेरी आत्मा का घर है परमार्थ गंगा तट एवं  स्वामी  मेरे एक्शन हीरो है-विवेक ओबेराय

  नरेन्द्र सिंह तोमर केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायतीराज स्वच्छता एवं पेयजल मंत्री, भारत सरकार।
 स्वच्छता अभियान से जुड़े तो गंगा निर्मल और अविरल रहेगी-त्रिवेन्द्र सिंह रावत,संत ज्ञानी गुरूबचन सिंह मुख्य जत्थेदार अकाल तख्त स्वर्ण मन्दिर
                                           डॉ पी बी सलीम अल्पसंख्यक मंत्रालय पश्चिम बंगाल
 यमुना की स्वच्छता के लिये हमेशा पूज्य संतों के साथ हूँ, युवा सम्भालें स्वच्छता की कमान- सांसद हेमा मालिनी
  शौचालय श्रीमती कलावती देवी को एवं नदियों के लिये कार्य कर रहे  पणिकर जी को रूद्राक्ष का पौधा देकर पुरस्कृत किया
                                  पर्यावरण के लिये हम ही समस्या है और हम ही है समाधान-रमेश भाई ओझा
ऋषिकेश,   स्वामी चिदानन्द सरस्वती  के जीवन के 65वें वर्ष पूर्ण होने के असवर पर परमार्थ निकेतन में आयोजित  शिखर सम्मेलन के इस भव्य समारोह के दूसरे सत्र का उद्घाटन पूज्यपाद महामण्डलेश्वर स्वामी गुरूशरणानन्द  महाराज,  स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ,  रमेश भाई ओझा , योग गुरू बाबा स्वामी रामदेव , स्वामी धर्मदेव  महाराज, संत ज्ञानी गुरूबचन सिंह, मुख्य जत्थेदार अकाल तख्त स्वर्ण मन्दिर,  मुरलीधर  , केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज स्वच्छता एवं पेयजल मंत्री  नरेन्द्र सिंह तोमर, सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय, मुख्यमंत्री उत्तराखण्ड,  त्रिवेन्द्र सिंह रावत , प्रसिद्ध अभिनेत्री एवं सांसद हेमामालिनी, अभिनेता विवेक ओबेराय, जीवा की अन्तर्राष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
सम्मेलन का दूसरा सत्र सांय से आरम्भ हुआ इस सत्र में गंगा को निर्मल एवं अविरल बनाने तथा जल स्रोतों को प्रदूषण मुक्त एवं सुरक्षित रखने पर परिचर्चा की गयी। ऐसा माना जा रहा है कि 13 वर्षों के अन्दर भारत के पास अपनी जरूरत का महज आधा हिस्सा ही जल उपलब्ध हो पायेगा। यदि हम सजग नहीं हुये तो जल संकट का सामना करना हमारे लिये कठीन हो जायेगा। जल संकट की समस्या  दिन प्रतिदिन विकराल होती जा रही है। पिछले वर्ष ही 30 करोड़ से अधिक लोग सूखे की घातक समस्या से प्रभावित हुये हैं। हमारे जल स्रोतों के प्रदूषित होने का कारण खुले में शौच व सीवेरज भी है। भारत में अन्य देशों की तुलना में लोग शौचालय का प्रयोग कम करते हैं तथा सीवेरज के कारण भी हमारे देश के 80 प्रतिशत जल स्रोत प्रदूषित हो रहे हैं।
आज के इस शिखर सम्मेलन में देश और विदेश की विशिष्ट विभूतियों के साथ-साथ जन सामान्य व्यक्तियों ने भी सहभाग किया है। आज के इस सम्मेलन में अनेक कर्मठ विभूतियां भी उपस्थित है जिन्होने अपने समुदाय में सघन बदलाव लाने का अथक प्रयास किया है। वे भाई-बहनों अपने विचारों से न केवल हमें प्रेरित करेंगे बल्कि परिवर्तन लाने के लिये योजना भी बनायेंगे। आज इस मंच पर उन कर्मठ भाई-बहनां को सम्मानित किया गया जिन्होने अपने दम पर बदलाव लाया है।
आज के पावन अवसर पर स्वच्छता, पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण के लिये कार्य कर रहे विशिष्ट विभूतियों को सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम यूनिसेफ की पूरी टीम जो की विश्व के 90 देशों में स्वच्छता, बच्चे एवं महिलाओं के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के लिये कार्य कर रही है उन्हे माँ गंगा स्मृति चिन्ह भेंट किया गया। इसी कड़ी में नदियों के संरक्षक बाबा बलबीर सिंह सिंचेवाल , गुजरात के 108 गावों को निर्मल ग्राम बनाने के लिये स्वामी माधवप्रिय दास , फिक्की के वरिष्ठ निरंकार सक्सेना , संत ज्ञानी गुरूबचन सिंह, मुख्य जत्थेदार अकाल तख्त स्वर्ण मन्दिर, जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह ,  संदीप गुप्ता एवं मंजरी गुप्ता, पी बी सलीम अल्पसंख्यक मंत्रालय पश्चिम बंगाल, परमहंस महेश्वरानन्द , सांसद हेमामालिनी  को उत्कृष्ठ सेवाओं के लिये माँ गंगा पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। शौचालय श्रीमती कलावती देवी को एवं नदियों के लिये कार्य कर रहे  पणिकर  को रूद्राक्ष का पौधा देकर पुरस्कृत किया गया। सभी पूज्य संतों एवं विभिन्न धर्म के धर्मगुरूओं ने  नरेन्द्र सिंह तोमर  एवं श्री त्रिवेन्द्र सिंह  रावत  को चंदन का पौधा भेंट किया।
सभी पूज्य संतों एवं विभिन्न धर्म के धर्मगुरूओं ने  स्वामी चिदानन्द सरस्वती का जन्म उत्सव उनके ऊपर फूलों की वर्ष कर मनाया गया। सभी पूज्य संतों, विभिन्न धर्म के धर्मगुरूओं एवं विशिष्ट अतिथियों ने हाथों में हाथ डालकर स्वच्छता का महासंकल्प लिया।

धर्मगुरू
   महामण्डलेश्वर स्वामी गुरूशरणानन्द
    रमेश भाई ओझा,
 
बाबा रामदेव  योग गुरू संस्थापक - पंतजलि योगपीठ
 गोविन्द गिरी महाराज,
    महामण्डलेश्वर  स्वामी महेश्वरानन्द
  ईमाम उमर इलियासी, अध्यक्ष - ऑल इण्डिया आर्गेनाइजेशन
   लामा लोबजंग
  धर्मदेव  महाराज,
  माननीय फादर पालॅ वी मुंजेली , कार्यकारी निदेशक क्रिश्चन इण्टरनेशलन।
 एच ई टूकसे रिनपोचे।
   आचार्य रूपचनन्द्र मुनि।
   भाई मोहिंदर सिंह अहुलवालिया, अध्यक्ष- गुरूनानक निष्काम सेवक जत्था यू के
   जत्थेदार ज्ञानी इकबाल सिंह  पटना,
    लोकेश जी मुनि ,
   परमहंस महेश्वरानन्द ,
   मुफ्ती नसीहुर रहमान असम,
 वेदविज्ञानन्द, 

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