भाजपा सरकार की नाकामियों के 100 दिन- कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह

उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने उत्तराखण्ड की भाजपा सरकार के 100 दिन पूर्ण होने की पूर्व संध्या पर पत्रकार वार्ता के माध्यम से भाजपा सरकार की नाकामियों को जनता के बीच उजागर किया। भयमुक्त सरकार के अपने वायदे पर अमल करने में सरकार पूरी तरह नाकाम रही है। राज्य सरकार के 100 दिन के कार्यकाल में राज्य में हत्या, लूट-पाट, चोरी, डकैती, बलात्कार, चेन स्नैचिंग, टप्पेबाजी, खटीमा में रंगदारी वसूली आदि अपराधों की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है। राज्य की जनता में भय का वातावरण व्याप्त है तथा महिलाएं अपने को असुरक्षित महसूस कर रही हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  प्रीतम सिंह ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि उत्तराखण्ड राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार द्वारा अपने 100 दिन के कार्यकाल में कई जन विरोधी निर्णय लिये गये है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की राज्य सरकार ने उत्तराखण्ड की गरीब जनता को सस्ते गल्ले के माध्यम से मिलने वाले गेहूॅ एवं चावल के दामों में दोगुनी वृद्धि कर गरीब आदमी के पेट पर लात मारने का काम किया है। कांग्रेस शासन में गेहूं 4 रूपये किलो तथा चावल 9 रूपये किलो मिलता था उसके दाम बढ़ाकर गेहूॅं 8.60 रूपये किलो तथा चावल के दाम 15 रूपये प्रति किलो कर दिये गये हैं।
 दूसरी ओर केन्द्र सरकार द्वारा सस्ते गल्ले के माध्यम से वितरित की जाने वाली चीनी और मिट्टी के तेल पर मिलने वाली सब्सिडी को बन्द कर गरीब जनता के साथ छलावा किया गया है। राज्य में पूर्ववती कांग्रेस सरकार द्वारा संचालित राज्य खाद्य्य योजना की राशन की मात्रा में भी कमी कर दी गई है जिससे कई परिवारों के सामने भरण-पोशण का संकट पैदा हो गया है। राज्य की भाजपा सरकार ने अपने 100 दिन के कार्यकाल में दो बार बिजली के दाम, पानी, सीवर के दाम बढ़ाने के साथ-साथ गरीबों को अस्पताल में मिलने वाली सुविधा में कटौती कर पहले से महंगाई की मार झेल रही गरीब जनता की जेब पर ड़ाका डालने का काम किया है। चुनाव के दौरान भाजपा ने अपने  घोषण पत्र में राज्य की जनता से वायदा किया था कि सरकार बनने के बाद में किसानों के कर्ज माॅफ किये जायेंगे, किसानों को ब्याज रहित ऋण दिया जायेगा तथा गन्ना किसानों का बकाया भुगतान 15 दिन के अन्दर किया जायेगा। राज्य सरकार अपने इन तीनों वायदों से मुकर गई है तथा इसी की परिणति है कि पिथौरागढ़ के बेरीनाग ब्लाक के डौल डुंगर गांव के किसान सुरेन्द्र सिंह तथा टिहरी गढ़वाल के विकासखण्ड प्रतापनगर के पुजार गांव के  दिनेश प्रसाद सेमवाल को आत्महत्या का रास्ता चुनना पड़ा जो कि उत्तराखण्ड की इस देवभूमि को शर्मसार करने वाला है। राज्य सरकार की आबकारी नीति पूर्ण रूप से शराब माफिया को संरक्षण देने, शराब की तस्करी को बढ़ावा देने तथा उत्तराखण्ड के गांवों में हर घर तक शराब पहुंचाने वाली है। भारतीय जनता पार्टी और उसके नेतागण आबकारी नीति को लेकर पूर्ववर्ती कांगे्स सरकार पर आरोप लगाते नहीं थकते थे परन्तु भाजपा ने सत्ता में आते ही जनभावनाओं के विपरीत आबकारी नीति बनाने का काम किया है। भाजपा ने चुनाव के दौरान राज्य की जनता से वायदा किया था कि प्रदेश में पूर्ण शराब बन्दी लागू की जायेगी, परन्तु इसके विपरीत मातृषक्ति का अपमान करते हुए जिस शराब नीति को प्रदेश में लागू किया गया है उससे निष्चित रूप से प्रदेश में शराब माफिया और शराब की तस्करी को बल मिलेगा। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा शराब के कारोबार को कम करने का आश्वसन देने के बावजूद राज्य सरकार द्वारा शराब से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य 1800 करोड़ से बढ़ाकर 2300 करोड़ कर शराब माफिया के आगे घुटने टेकने का काम किया है। राज्य सरकार द्वारा पांच पर्वतीय जिलों में देशी शराब की बिक्री शुरू कर पर्वतीय क्षेत्र में देशी शराब को बढ़ावा देने का काम किया जा रहा है तथा राज्यभर में मातृशक्ति द्वारा शराब नीति के खिलाफ चलाये जा रहे आन्दोलन को बल पूर्वक कुचलने के साथ ही आन्दोलन में सम्मिलित महिलाओं के खिलाफ मुकदमे दर्ज कर मातृशक्ति को अपमानित किया जा रहा है। 24 मार्च  को रामनगर वन प्रभाग में कार्यरत कर्मी  पहलवान सिंह की अवैध खनन में लिप्त अपराधियों द्वारा ट्रैक्टर के नीचे दबाकर हत्या कर दी गई। अवैध खनन में लिप्त अपराधियों के हौसले कितने बुलंद है, ये इस घटना से साक्षात प्रतीत होता है तथा इससे यह संदेश जा रहा है कि अवैध खनन में लिप्त कारोबारियों को उच्च स्तरीय राजनैतिक संरक्षण प्राप्त है जो कि पूरे प्रदेश के लिए अत्यंत चिन्ता का विशय है। राज्य में चल रही चारधाम यात्रा में अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। अधिकारियों एवं यात्रा से सम्बन्धित विभागीय मंत्री में आपसी सामंजस्य न होने के कारण यात्रियों के पंजीकरण, यात्रा मार्ग पर परिवहन, स्वास्थ्य, दूर संचार व्यवस्थायें पूर्ण रूप से चरमराई हुई हैं। यात्रा मार्ग पर अव्यवस्थाओं के कारण अभी तक लगभग 31 यात्रियों की जान जा चुकी है जो राज्य सरकार की चारधाम यात्रा व्यवस्थाओं की पोल खोल रहे हैं। हैली टेण्डर सेवा में ऐसी कम्पनियों को राज्य में हैलीकाॅप्टर उडाने की अनुमति दी गई जिनके अनुभव एवं क्रिया-कलाप पर निरंतर प्रश्न खड़े हो रहे हैं तथा राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन की जानकारी में आने के बावजूद निर्धारित दरों से दोगुनी दरों पर यात्रियों से अवैध तरीके से वसूली की जा रही है और प्रशासन मौन है। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्श 2017 के लिए सभी क्षेत्रों में निराशाजनक बजट प्रस्तुत किया गया है। प्रत्येक वर्ष बजट का आकार बढ़ाया जाता है परन्तु पहली बार ऐसा हुआ है जब पिछले वर्ष की तुलना में बजट के आकार को घटाया गया है। बजट में ऐसे विभाग जो गांव, गरीब, दलित व कमजोर तबके को लाभ पहुंचाने वाले हैं उनके बजट जैसे कृषि विभाग, समाज कल्याण विभाग, एस.सी.पी., एस.टी.पी., स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी तथा पंचायतों के बजट में भारी कटौती की गई है। पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए बजट में कोई प्रावधान नहीं किया गया, बजट में पयर्टन, महिलाओं, नौजवानों के भविष्य की घोर उपेक्षा की गई है। मंत्रिमण्डल में आपसी समन्वय की भारी कमी है। राज्य में स्थानान्तरण एक्ट एवं लोकायुक्त एक्ट को बिना कारण प्रवर समिति को सौंपकर लम्बित किया जा रहा है। गैरसैण उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन की भावना है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की अवधारणा को साकार रूप देने एवं जनभावनाओं के अनुरूप गैरसैण में विधानसभा भवन का निर्माण करवाते हुए माह नवम्बर, 2015 में गैरसैण में विधानसभा सत्र आहुत किया गया इसी के साथ राज्य विधानसभा में वर्ष 2017 का बजट सत्र गैरसैण में आहुत करने का संकल्प पारित किया गया था। परन्तु वर्तमान सरकार ने मा0 सदन की भावना के विपरीत बजट सत्र देहरादून में आहुत कर राज्य निर्माण की भावना का अपमान किया है।

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