मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से सचिवालय में बेल्जियम के राजदूत जेन लुयकस और ट्रेड काउन्सिलरों के प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मंगलवार को सचिवालय में बेल्जियम के राजदूत जेन लुयकस और ट्रेड काउन्सिलरों के प्रतिनिधि मंडल ने भेंट की तथा विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग का प्रस्ताव रखा। उक्त प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के साथ उत्तराखण्ड में पूंजी निवेश की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया तथा विभिन्न क्षेत्रों में तकनीकी सहयोग की अपेक्षा की। मुख्यमंत्री रावत ने बेल्जियम के प्रतिनिधिमण्डल द्वारा प्रस्तावित मुख्यतः चार क्षेत्रों देहरादून स्मार्ट सिटी विकास, क्लीन गंगा, रिन्यूवेबल एनर्जी विशेषकर सोलर एनर्जी विकास तथा फूड प्रोसेसिंग जिसमें काॅल्ड स्टाॅरेज चेन स्थापना में निवेश हेतु प्रतिनिधिमण्डल का स्वागत किया। उन्होंने बेल्जियम और उत्तराखंड के मध्य निवेश परियोजनाओं के लिए एक जाॅइन्ट वर्किग ग्रुप बनाने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उत्तराखण्ड में कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा दिया जा रहा है। एरोमेटिक प्लान्टेशन पर विशेष फोकस किया जाएगा। राज्य में दुग्ध उत्पादन प्रोत्साहित करने हेतु देशी नस्लों के विकास पर विशेष बल दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सीड सर्टिफेकशन को बढ़ावा देना होगा। मुख्यमंत्री ने बेल्जियम के पास जल शोधन, वाटर ट्रीटमेन्ट, सीवर ट्रीटमेन्ट तकनीक में विशेष रूचि दिखाई।
बैठक में मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड में पूंजी निवेश की पर्याप्त संभावनाएं है। राज्य की दिल्ली से नजदीकी, पर्यावरण, सुदृढ़ कानून व्यवस्था, सस्ती एवं निर्बाध औद्योगिक विद्युत आपूर्ति, पारदर्शी शासन प्रशासन, अच्छी कनेक्टिविटी, मानव संसाधन और सिंगल विंडो सिस्टम आदि फैक्टर पूंजी निवेश के लिए अनुकूल है। राज्य में वानिकी, आर्गेनिक फार्मिग, सुगंधित एवं औषधीय पौधों की खेती, जल विद्युत और सौर ऊर्जा आदि क्षेत्रों में पूंजी निवेश की सभावनाएं है।
बेल्जियम के राजदूत ने उत्तराखंड में वाटर प्यूरिफिकेशन जिसमें बेल्जियम को विशेषज्ञता प्राप्त है, क्लीन गंगा एवं स्मार्ट सिटी हेतु तकनीकी सहयोग, फूड प्रोसेंसिग, मसाले उत्पादन, जड़ी-बूटी, हर्बल उत्पादन आदि क्षेत्रों में पूंजी निवेश की इच्छा जताई। इसके अलावा जो भारतीय कंपनी उत्तराखंड में अपनी इकाई लगाना चाहती है, उसे तकनीकी सहयोग भी देगी।
नवम्बर में भारत सरकार की इन्वेस्टर्ज मीट में बेल्जियम का एक बड़ा व्यापारिक दल भारत आएगा। उक्त दल के कई सदस्य उत्तराखंड भी आएॅंगें तथा बेल्जियम के बलूनिया प्रान्त के प्रमुख भी देवस्थल, नैनीताल जाएगे। उत्तराखंड के देवस्थल में स्थापित सबसे लम्बी दूरबीन भी बेल्जियम के सहयोग से लगी है जिसका उदघाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेल्जियम से ही किया था।
बैठक में मुख्य सचिव ने बताया कि उत्तराखंड में पूंजी निवेश की पर्याप्त संभावनाएं है। राज्य की दिल्ली से नजदीकी, पर्यावरण, सुदृढ़ कानून व्यवस्था, सस्ती एवं निर्बाध औद्योगिक विद्युत आपूर्ति, पारदर्शी शासन प्रशासन, अच्छी कनेक्टिविटी, मानव संसाधन और सिंगल विंडो सिस्टम आदि फैक्टर पूंजी निवेश के लिए अनुकूल है। राज्य में वानिकी, आर्गेनिक फार्मिग, सुगंधित एवं औषधीय पौधों की खेती, जल विद्युत और सौर ऊर्जा आदि क्षेत्रों में पूंजी निवेश की सभावनाएं है।
बेल्जियम के राजदूत ने उत्तराखंड में वाटर प्यूरिफिकेशन जिसमें बेल्जियम को विशेषज्ञता प्राप्त है, क्लीन गंगा एवं स्मार्ट सिटी हेतु तकनीकी सहयोग, फूड प्रोसेंसिग, मसाले उत्पादन, जड़ी-बूटी, हर्बल उत्पादन आदि क्षेत्रों में पूंजी निवेश की इच्छा जताई। इसके अलावा जो भारतीय कंपनी उत्तराखंड में अपनी इकाई लगाना चाहती है, उसे तकनीकी सहयोग भी देगी।
नवम्बर में भारत सरकार की इन्वेस्टर्ज मीट में बेल्जियम का एक बड़ा व्यापारिक दल भारत आएगा। उक्त दल के कई सदस्य उत्तराखंड भी आएॅंगें तथा बेल्जियम के बलूनिया प्रान्त के प्रमुख भी देवस्थल, नैनीताल जाएगे। उत्तराखंड के देवस्थल में स्थापित सबसे लम्बी दूरबीन भी बेल्जियम के सहयोग से लगी है जिसका उदघाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेल्जियम से ही किया था।
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